विहारी-पिहत
णिनि । १ परिझमी, परिसमण करनेवाला। २.विहा। पारितोषिक दिया था। विशेष विवरण विहारीमान शब्दमें
रक, विहार करनेवाला।
देखो।
विहारी (स० पु० ) १ विहार देशके अधिवासी । २ श्री. विद्यास (सं० १०) विगतः हासो यस्य । हास्याहित ।
कृष्णका पक नाम । ३ विहारिन देखे।। ।
विहिंसक (सं० वि०) वि-हिनसावुल । विशेषरूपसे .
विहारीभाषा-विहार देश में प्रचलित भाषा। यह नागरी, | हिमाकारी, नाशकारी नाशक । ( भागवत ११३१०२७)
मैथिली और कायथी भाषासे स्वः स्त्र है। किन्तु यदि विहिसता (सं० स्रो०) विहिससा भावो धर्मों या नाल.
अच्छी तरह मालोचना की जाये, तो उनमें बहुत कम प्रभेद राप 1 विहिसका भाव या धर्म, अनियमिन्ता।
मालूम पड़ेगा। नेपालके तराई प्रदेशस्थ कोशी, गण्डक,
(भारत .३ १२९६)
नदीतटसे समस्त तिरहुत, भागलपुर, मुङ्गेर, मुजफ्फरपुर, विहिसन (सं० लो०) वि-हिनस् ल्युट । विहिंसा, हिमा,
दरभङ्गा, परना, गया, शाहाबाद, छपरा, चम्पारन आदि अनिष्ट चेष्टा।
जिलों में इस भाषाका प्रचार है । पाश्चात्य पण्डित यिहिःसा (सं० स्त्रो० ) वि-हिन्स राप्। हिसा। .
प्रियारसन साहवने विहारी भापाकी एक विस्तृत शब्द विदिसिन ( स० वि०) हिंसाकारी।
तालिका संग्रह कर गवेषणका यथेष्ट परिचय दिया है। विहिन (सं०नि०) वि.हिन्सर। हिसायुक्त, हिमा
बिहारदेशयाती प्राचीन कवियोंके प्रन्योंमें भी अनेक विशिष्ट । ( भागवत ३१२२.१६)
विहारी शब्दोका प्रयोग देखा जाता है। यहां तक कि, | विहित (सं०नि०) विधा क; धामो हि इति हि आदेशः। .
बिहारी भाषामे पदरचनाका भी अभाव नहीं है। विशेष) १ विधेय, शास्त्रमें जिसका विधान किया गया हो। २
विमरण नागरी, मैमिली, कापणी और शब्दतत्त्वमें देखो। अनुष्ठित, सत, किया हुमा । ३ दत्त, दिया हुआ)
विहारी मल्ल ( राजा )---आबर या जयपुरके कच्छवाह- पिहितसेन (सं० पू०) राजपुत्रभेद । (कथासरितमा० १७३४) :
घंशीय एक राजा । मुसलमानी इतिहासमें ये 'भारमल' विहिति ( सं० स्त्री० ) घि.धा-क्तिन् । विधान, कोई काम
गौर 'पूरणमल' नामसे भी प्रसिद्ध है। १५२७ ई०में फरनेको आशा। . . .
इन्होंने मुगल सम्राट् वायरशाहकी अधीनता स्वीकार की। विहित्रिम (सं० वि०) विधा विमा घामो हि । विधान
मम्राट अकयरशाहफे साथ भी इनकी गहरी मित्रता । द्वारा निर्धत कर्म, जो काम विधानानुसार किया गया
थी। इस मित्रताको द रनेके लिये राजाने सम्राट- हो। (मष्टि १।१३) । .
के हाथ अपनी कन्या समर्पण की । उसी राजपूत रमणी- | विहीन (सं० वि०) वि-हा-क्त। १ विशेषरूपसे 'दोन,
के ग से युवराज सलीम (जहांगीर)का जन्म हुगा। रहित, विना । २ त्यक्त, छोड़ा हुआ। .. .
राजा विहारीमल और उनके पुत्र भगवान दास वादशाह विहीनता (सं० स्रो०) विहीनस्य माधो धर्मो पा तल्.
के सेनाविभागमें ऊच नापतिके पद पर नियुक्त थे। । टप। विहोना भाव या धर्म ।
भगवान दास देखो। विहानर (सं० पु०) पिभेद। पा
..
बिहारीलाल-सुप्रसिद्ध हिन्दी कवि । आप सुललित | विहीनित (स'. नि०") वियुक्त ।
विविध पदोकी रचना कर भारतवर्णम यशस्वो हो गये विहुण्डन । स० पु०) शिवानुमरभेद, भगवान् शङ्करके '
हैं। इनकी रचनाको देख कर पाश्चात्य पण्डित गिल- एक अनुचरका नाम . . . . .
.
बाइटने इन्हें 'The Thomson of the Htidus' माख्या- विद्युत्मत् (म०नि०) विशेषरूपसे हामविशिष्ट या आहान-
से सम्मानित किया है। ये सोलहवीं सदोम जयपुरराज युक्त। (ऋक् '१११३४६ )
जयंशाके अधीन प्रतिपालित हुए । इनकी कविता पर विहत ( सं० लो०) यि-धुक्त। साहित्यमें स्त्रियों के
प्रसन्न हो कर प्रतिपालक राजाने इन्हें भाजोवन मासिक "श प्रकारके स्वाभाविक मलका मसे एक प्रकारका
पृत्ति और "सतसई" नामक अन्य के लिये लाख रुपपेका अलंकार ।- २ स्त्रियोंका विहारविशेष।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/८३६
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