पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/१०९

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डिड़ा (ह. पु. ) पाहन में होनेवाला एक प्रकारका स्थित है। भूपरिमाण ३२५४ वम मोल है। या उप- धान। विभाग बमपुत्र नदोवे दोनों किनारे बसा हमारपोर डिडवा (हि.पु.) एक प्रकारका धान जो गहनमें इसके तीन पोर पहा लोकसंख्या लगभग २८६५. तैयार होता है। ७२ है। इसमें शारं पोर ८८० पाम लगते। डिडिमा स. पु०) प्रत्य द श्रेणोका पक्षो। प्रत्युद देखो। २ उत्त उपविभागका एक शार। यह पाया• २७ डिण्डिम (स' पु०) डिण्डीति शन्द माति मा-क । वाब- २८'उ. पोर देखा.८४५५ पू: डिया नदोके बायें भेट, प्राचीन कालका एक बाजा, डिमडिमो, डुगड़ किनारपवस्थित है। इसके चारों भोर पहाड जिनका गिया। २ अष्णपाकफल, करौंदा। दृश्य देखने याग्य है। यहां उसमा काफो पनाज नहीं डिगिडमवरतीर्थ (म पु०) शिवपुराणोक्त ती विशेष। उपजता है कि लोग पच्छी तरह गुगर कर सके । बारमै डिजिर ( पु.) हिण्डिर पृषी० साधुः। १ समुद्र एक कारागार, गिर्जा, अस्पताल, मेडिकल स्कल भोर फैन । २ पानीका झाग। एक हाई स्थान है। १८७८ में यहां म्य निसपाखिदी डिगिडरमोदक (सक्ती .) डिण्डिर इव मोदक: मोदि भी स्थापित हो गई है। राखु ल । १ टन्नन, गाजर । २ लहसुन। डिचिया (हिं. स्त्रो०) छोटा संपुट, छोटा डिब्बा। डिण्डिश (संपु०) डिण्डिक पृषोदरा० साधुः । डिगिडश डिबिया टॅगड़ो ( हिंस्त्री०) कुश्तोका एक पेच । यह पेच वृक्ष, टिंड या टिंडसो नामको तरकारो। इसका गुण- उस ममय किया जाता है जब विपक्षो कमर पर होता है मचिकारक, भेदक और पित्तनमनाशक, शोसन और उसका दहना हाथ कमरमें निपटा होता है । इममें वासन, रुक्ष, मूत्रल और अश्मगेनाशक है । (भावप्रकाश) विपक्षीको दाहिने हाथसे जोड़का बायां हाथ कमरके डितिका (सं० स्त्री. ) बालरोग। पासमे दहने जाँच तक खींचते हए पोर बाएं हाथसे डित्य ( म० पु० ) १ काष्ठमय हस्तो, काठका बना हाथो। लंगोट पकड़ते हुए बाएँ परसे भोतरो टॉग मार कर "डित्य काष्ठमयो हस्ती उवित्थस्तन्मयो मृगः" (सुपाव्या०) गिराने है। २ एकश्यतिमात्र बोधक सजाशब्दविशेष । ३ विशेष डिबेंचर (4. पु.) १ कणखोकारपत्र। २ मालको लक्षणयुक्ता पुरुष। रपतनोके महसूनका रवबा, बहतो। "श्यामरूपो युवा विद्वान् सुन्दर: प्रियदर्शनः । दिब्बा (हि. पु०) १ छोटा सपुट, डिबिया। २ रेलगाड़ो. सर्वशास्त्रार्थबेता च डित्य इत्यभिधीयते।" का एक कमरा। ३ पसलोके दद को बीमारो। यह (कलापव्या० टीका ) बोमारो प्रायः छोटे छोटे बच्चोंको एषा करती है। स्यामवर्ण, युवा, विद्वान् सुन्दर, प्रियदर्शन पोर मर्व डिम (संपु) डिम-क । दृश्यकाव्य रुपमाटाका भास्ववेत्ता विहान् पुरुषको डित्य कहते हैं। एक भेद। इसमें माया, इन्द्रजाल, सड़ाई भोर क्रोध डिपटी । पु.) सहकारो, सहायक, नायव । आदिका समावेश विशेष रूपसे होता है। यह रौद्ररस. डिपाजिट ( पु.)धरोहर, अमानस, तस्योल। प्रधान होता है पोर इममें चारक होते । इसके डिपार्ट मेण्ट ( पु.) विभाग, मुहकामा, मरिश्ता । नायक देवता, गन्धर्व, यक्ष, रक्ष या महोरग होते हैं। इसमें डिपो ( स्त्रो०) भाण्डार, गुदाम, जखीरा। भूतों तथा पियाचोंको लोला दिखाई जातो है। थान्त, डिनोमा (40पु0) विद्यासम्बन्धिनी योग्यताका प्रमाण हास्य और शृङ्गार ये तोनारस इसमें वर्जनोय है। अन्य पत्र सनद। तोनों रस प्रदोष होना पावश्यक है। (साहिर.) डिबरूगढ़-१ पासामके अन्तर्गत लखिमपुर जिलेका नाटक देखो। एक उपविभाग। यह पक्षा० २७ ७ से २७ डिमडिमो (हिं. सी.) लकड़ीसे बजाए जानेका एक' ५५ ७..और देया ८४ ३० से ५ पूमें प्रकारका बाजा. हुम्यो। Vol. Ix. 27