पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/११२

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१०८ डिल-ईकियाना डिल (हि पु०) १ गीली भूमिमै उगने वाली एक प्रकार उसे परास्त किया, तब उसकी बहुतसो सेना डोग के को घास, मोथा : २ जनका लच्छा। दुर्ग में पाश्रय लिया था। जनरल फ्रेजर (General डिलिवरो ( स्त्रो. ) डाकखानों में आई हुई चिट्ठियों, Fraser ) से परिचालित अङ्गजो सेनाने डोगको धेर पारसली', मनीपारीका वितरण । लिया । एक मासमे अधिक घेरे जाने के बाद १८०४१० डिल्ला (म. पु०.१ छन्दविशेष, एक प्रकारका वर्ण वृत्त। २४ दिसम्बरको याँका दुर्ग और नगर प्रकारेजक पधिः इम के प्रत्यं क चरणमें १६ मात्राएं और अन्समें भगण कारमें पा गया । डोग मगरका राजप्रासाद सोन्दर्य और होता है। २ एक वर्णवृत्तका नाम । इसके प्रत्येक शिल्पने पुण्य के लिये विख्यात है । बुदनमिहने यहाँका चरणमें दो सगण होते हैं। दुग बनाया था । भरतपुर दुर्ग अधिक्तत होने पर डोग डिल्ला हि पु. ) ककुस्थ, बैलों के कधे पर उठा हुआ का सुदृढ़ नगर-प्राचोर तोड़ डाला गया । भरतपुर देखो। कूबड़ा। डोठ (हि. स्त्रो० ) १ दृष्टि, नजर । २ देखनेको शक्ति । डिममिम ( अपु०) १ च्थ त. बरखास्त । २ खारिज। ३ जान, सूझ । डिस्ट्रिय ट करना ( अं० क्रि.) कापखनिमें कम्पोज डोठबन्ध (हिं० पु. १ इन्द्रजाल. नजरबन्दी । २ इन्द्र- किये हुए टाइपों को कैसोंमें अपने स्थान पर रख देना। जाल करनेवाला, जादगर। डिरी हि स्त्रो०) १६००० गाँठो का एक मान । इमक डोतर (म' त्रि०) डो-किप सत स्तरप । अनुगामो, जो अनुमार कालोनी का दाम लगाया जाता है। २ अनाज दूसरोंका जल्दीसे पीछा करता हो । रखनं का कञ्चो महोका एक बड़ा बरतन। .. डीन (म० क्लो०) डी भाव त । १ पक्षियोंको गमि, उड़ान, डींग (हिं. स्त्री०) अभिमानकी बात, लम्बी चौड़ी बात, अपर नीचे आदि इसके २६ भद किये गये है। अपनो बड़ाईको झूठी बात। खगपति देखो। २आगम शास्त्र । डोक (हिं. स्त्रो०) मोतियाबिन्द, जाला । - "डामर डमरे डीनं श्रुतं काली विलासक।" (नुडलात.) डोग-मध्यभारतमें राजपूतानके अन्तर्गत भरतपुर राज्यका ‘डोनडोनक (मं० लो.) डोनन मह डोनकं पक्षियों की गति। एक नगर । यह अक्षा० २७ २८ उ० और देशा० ७७ डोनावडीनक (सक्को ) डोनेन सह प्रवडीनकं । २० पू० भरतपुरस २० मोल और मथ रासे २२ मोलकी पक्षियों को गति। दूरी पर अवस्थित है। लोकसंख्या प्राय: १५४०८ है। डोमडोम (हिं. पु.) १ अहङ्कार, ऐंठ, उसक । २ यहाँ एक दुर्ग है। यह नगर चारों ओर जलाभूमिसे आडम्बर, धूमधाम, ठाठबाट। घिरा है ! इमलिये वर्षमें अधिकांश समयही शत्र के लिये डोल (हि. पु.) १ शरीर का विस्तार, कद। २ शरोर, ग म रहता है। अगरेजक अधिकारमें अनिके पहले देह। ३ व्यक्ति, प्राणो, मनुष्य । इसका दुर्ग अत्यन्त दुय था । अब भो मथुरासे २४ मोल डोला (हिं• पु०) पथिमोत्तर भारतमें मिलनेवाला एक पश्चिममें उसका भग्नावशेष विद्यमान है। उस दुर्ग में प्रकारका नरकट। . भग्नराजपामाद आज भी देखा जाता है। इसको गठन- डोह ( फा० पु.) १ पावादो, गाँव, बस्तो। २ भग्नाव- प्रणाली अत्यन्त दृढ़ और सुन्दर है तथा इसके स्तम्भ प्राची. शेष, उजड़े हुए गाँवका टोला,खण्डहर । ३ ग्राम देवता । रादि मनोहर और सूक्ष्म शिल्पकार्य युक्ता चित्रांसे चित्रित डोहदारो (हिं. स्त्रो०) जमींदारोंका एक तरहका हक । • है। यह नगर बहुत प्राचान है। बहुत से पुगणादिमें इसमें वे अपनी जमोन बेच सकते हैं। खरोदार उनको इसका उल्लेख है। १७७६ ई में नजाफखोंने यह नगर गाँवका कोई प्रश देता है जिससे उनका निर्वाह हो। . जा से जीता था। किन्तु उनको मृत्यु के बाद यह नगर डुक (हि.पु. ) स्मा, सका। . पुनः भरतपुर के राजा के दायलगा । १८०४१० के १३ नव किया (हि.सी.) किया देखो। म्वरका जब अंगरेजो सेनान कोलंकरका अनुसरण कर इकियामा (Eि क्रि.) ईसा लगाना मुका जमाना ।