पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/१३०

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१२१ देपुटेशन रेरा इस्माइलखा डेपूटेगन ( पु.) प्रमिह मनुष्यांको मगहलो। ये उन्होंने पन्द्रह वर्ष तक राज विया र पर किसो ममा संस्थाको पोरमे 'मरकार, राजा. महाराजा जाने के कारण १८५१ नवहालस ने बादेश इत्यादिके पास किमो विषयमें प्रार्थ नाके लिये जाते हैं। अपने अधिकारमें कर लिया। नवाबको सर्च बर्च के डेग (हि.पु.) १ टिकान, ठहराव, पाव । २ ठहरा- निये राजस्वका कुछ पंथ देनेका निश्चय कर दिया वका पायोजन, छावनो । ३ ठहरनेका स्थान, छावनो. गया। पाज भी उनके घर उस का भोग कर कम्प । ४ खेमा, तम्ब , शामियाना । ५माचमे तथा गान- रहे हैं। मिख-शासनकाल में अपर राजास दीवान वालोको मण्डलो। ६ निवास स्थान, मकान, घर।७ लक्वीमलके अधीन पा गया, पीछे इनके लड़के दौलत- पंजाब, अवध, बगाल तथा मध्यप्रदेश पौर मद्राज में गयके हाथ लगा १८४७ में हटिश गवर्मेण्टका रम मिलनेवाला एक प्रकारका जगनो पेड़। इसको छाल और ध्यान पाकर्षित हुपा। गवर्नर एडवर्ड ! पीछे और जड़ माँप काटने पर पिलाई जाती है। सर हरबर्ट) जब लाहोर दरबारमें प्रतिनिधि स्वरूप बना डेरा इस्माइलखा-१ उत्तर-पश्चिम सीमान्तप्रदेशका दक्षि कर भेजे गये थे. तब उन्होंने राजस्वका एक संक्षिप्त पस्थ जिला। यह पक्षा. ३११५ से ३२३२ उ० बन्दोवस्त कर दिया। दूसरे वर्ष डेरा स्माइलखा तथा और दंशा० ७०५ से ७१ २२ पूमें अवस्थित है। बब के योद्धाोंने एलपर्डका मुलतान तक साथ दिया भूपरिमाण ३७८० वर्ग मील है। इसके उत्तरमें बब तथा पञ्जाव अधिकतकालमें भी उनको यथेष्ट सहायता जिला, पूर्व में झग और मारपुर, दक्षिणमें डेरागाजीखों को। पञ्जाव फतह किये जानेके साथ साथ डेरा स्मा. पौर मुजफ फरगढ़ तथा पश्चिममें सुलेमान पहाड़ है। इलखाँ भी अंगरेजोंके हाथ लगा । अंगरेजोंने इसे जिले के यही जिला भारतको पन्तिम सोमा है। मदर कायम किया और बब को भी उसके अन्तर्गत कर ___ यहाँ दो गढ़ोंके भग्नावशेष देखे जाते हैं जिन्हें । लिया १८६१ई में बन एक पृथक् कर्मचारोके हाथ काफिरकोट कहते हैं। शायद ग्रीक लोगोंमे ये गढ़ सुपुर्द किया गया और लोह जिलेका दक्षिणस्थ पाधा निर्माण किये थे । १४वीं शताब्दो तक इस देशका विशेष भाग डेरा इस्माइलखाँके साथ मिला दिया गया। विवरण कुछ नहीं मिलता है। १५वौं शताब्दोके अन्तमें १८५७ ईमें सिपाहोविद्रोहके समय यहां भी विद्रोहको मालिक सोहरावके अधीन एक दल बल चो यहाँ पा सूचना देखी गई थी, किन्तु डिपुटो कमिवर कर्नल कसने कर रहने लगे। स्माइसम्खों और फतेहखाँ नामक उनके विद्रोह पनि धधकनेके पहले ही उसे शान्त कर दिया । दो पुत्रोंने अपने नाम पर दो नगर स्थापित किये । वल १८७ ई० में पनाबके लेफटनण्ट गवर्नर सर हेनरी चियोंको हट जाति कहते थे। इस हट आतिने ३०० टुरन्द जब एक दिन टार शहरके तोरणहार हो कर वर्ष तक स्वाधीनभावसे राज्य किया। पोछे १७५. हाथीको पीठ पर चढ़े भीतर जा रहे थे, तब मयोगवश ई० में पहमदशाह दुरानोने उन्हें मार भगाया और देग उन्हें तोरणसे धका लगा पोर पोधे मुंह वहांसे गिरे अपने काम में कर लिया। १७८२ ई० में दुरानो के सिंहासन और पञ्चत्वको प्राप्त हुए । उनको साथ डेरा इस्माइलखा- पधिकारो गाजमान महम्मदखाने एक अफगानको में गाड़ी गई। उनको मृत्य होने पर जिला भरमें नवाबकी पदवी दे कर यहां भेजा। महमदखाने शोक फैल गया था। १८०१०में युक्तप्रदेशको संगठमके देशको पधिक्कत कर मनकेग नामक स्थानमें राजधानो समय भाकर, लोह जिला तथा कुलाचो तासीलक बत्तोस सापित की। उनके मरने के बाद उनके नाबालिग नाती पाम इस जिले में पुथक् कर लिये गये थे। मेरमाबदखा राज्य सिहामन पर अभिषित हुए। इस इस जिलेमें एयरपोर ४०८ पाम लगते है। लोन समय रणजितमिह देश जीतने में लगे हुए थे। उनके संस्था प्रायः २४७८५७ है। यहाँ चिन्द, मुसलमान, मनरा पधिकार कर लेने पर सेर महमद उ स्मा .. सिख, पठान, बलूची, जाट, चमार, धोबो पौर महास सिख भाग गये पोर वहां सिखरालाका करद होकर लोग वास करता येतोयो पौ. सविधानती।