पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/२४

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२० टलेमी फिलाडेलफास-उलेमी यूयारगेटिस है। ग्रहों को वक्र और विपरोत गतिको समझाने के लिए डलफाम अर्थात् प्राप्रिय या विद्रुयात्मक उपाधि दी कहा जाता था कि ये अपने अपने स्तर में एक स्थिर बिन्दः यो। पिताके मामने हौ राजकार्य को पालोचना करते के चारों तरफ वृत्तपथमं परिभ्रमण करते हैं तथा उसो किमो के मतमे, ईस्वोसे २८७ वर्ष पहले ये यौव- अवस्थामै अपने आश्रय स्तरमगडलको गतिक दाग पथियो राज्य पट पर अभिषिक्त हुए थे। ये वाणिज्य और से चारो तरफ भ्रमित होते हैं। स्तरम्य वृत्तके भीतर विद्याके वास्तविक उत्साहटाता थ। इन्होंने भी दियोनि अगाम अवस्थित होने पर ग्रहको गति एक तरफ और मियामको भारतपरिदर्शनार्थ भेजा था। भूमधास्थ बाहर के अहीं शर्म अवस्थित होने पर टूमरी तरफ हा ओर लोहित-सागरमें टलं मोको मकड़ों नावें बहती करता है। इस तरह नाना प्रकारकै जटिल और दुर्भाध्य थों। हरमोमबन्दर पर विपत्ति पड़ने के कारण बेनिस में यिमाको मान्यता प्राग ज्योतिष्कविषयक तत्त्वांको बन्दर स्थापित करने के लिए इन्होंने एक फौज भेजी याख्या होने लगो। अन्तम कोपानि कम ने उक्त भ्रान्त या। वह भारतीय वाणिज्योत निमयदसे रस्त थे। पिडानका उपद कर जगतमम्बयो वि मतका डर नयन माग में क्रश: वाणिज्य वृद्धि हान लगी : अाविष्कार किया। अब तक जो टनेमोका मत अभ्रान्त अनकनन्ट्रियः नगर भो उस समय ममधिक थोमम्पन्न मझा जाता था, वह अब चान्त प्रमाणित हो गया। और प्रमित हो गई। उन्होंने प्रधान प्रधान ग्रन्याधान टन्नेमो के फलित ज्योतिषमम्बन्धी ग्रन्थ भो म दिमिवियाम के अनुराधमे अम्तिा नाम का एक यहूदी श्रादर माथ महोत हुए थे। पागड़ को जापान में जा और वहां के प्रधान याजक ___ज्योतिषको रह. टन्नेम! के हाग प्रणीत भूगोल गास्त्र का एक बाईपनको पायो भार १० हिभाषियों क भजन भी ईमाको १५वीं शताब्दी तक मात्कट भमझ आत के लिए अनु।ध किया। इन्हों मम हिब्र बाइ मन्न थ । इनि पर्व युवं भोगोनिका मन मा उत्कर्ष माधन ग्रो भाषा अनुवादि रहा था। और परिवर्तन कर तात्कालिक पृथियोवाडका विवरण टनमो फिन्लार्ड न काम ने वर्तमान सुपेज नहर के २२ मान'चत्रा माहत लिगवा था। टनेमाने पथिमके निकटवर्ती अ.रमेनासे नगा र नाल 'द पन मियाक नारोहोयमे लगा पर्व में भारतवर्ष के पूर्व स्थ घ्याम. गाग्वा तक एक नहर वदवाई थी। इस्वासे २४६ वर्ष मन्नय यार चान तक तथा उत्तरमै नरवेमे ला कर परन इनको मृत्य, हुई था। दक्षिण के निरक्षरवा तक प्राविकत किया था। इन्होंने टलमो ययाग्गैटिम-टनेमो फिलाडेलफःम के पुत्र और अपने भूगोल शास्त्रको ८ अध्यायांम विभक्त कर क्रमश. उत्तराधिकारी। उन्होंने मिरिया और माइलेमियाको थिमम पूर्व तक ममम्त जनपदों का वर्णन किया है। वहतमा जमोन अपने राज्यमें मिला ली थी। इनके उसके मिवा प्रत्यं क स्थान का सान्तर और देशान्तर दिग्विजय ममय शत्र अनि मौका पाकर इजिप्ट पर मा निग्वा है । टनेमो के नारो होयमे देशान्तरको गगा ना चढ़ाई कर दी थो, किन्तु इनके आ जानसे यह विद्रो- करते हैं पार निरक्षरेग्वा और भी १०' अश दक्षिणमें हाग्नि गौघ्र हो निर्वापित हो गई थो। अन्तियोककी स्थापित करते हैं। उनके अक्षांश और देशांश कहीं कहीं पनो सनकी बहन थौं। बहनको मृत्य होने पर उन्होंने गलत हैं। ये अपने भूगोलको १८० अर्थात् गोलाई उमका बदला चुकान के लिये अन्तियोकके विरुष बताते हैं. वास्तव में वह १२० से ज्यादा नहीं है। युद्धकी घोषणा की थी। इन्होंने अपने सुशानके प्रतापसे टल मो फिलाडेनफाम ·टले मी (मिटार ) के कनिष्ठ 'थ्याग्गैटिम' अर्थात् 'परोपकारो' की उपाधि पाई थी। पत्र : टन्ने मो इनको उपाधि थो और फिलाडलफाम् ईखौम २२१ वर्ष पहले इनके पुत्रन एनको जहर दे कर अर्थात् वाप्रिय इनका नाम था । इन्होंने ईखोमे २८३ मार डाला था। इनके पुत्र का नाम था टलेमी फिलो- वष पहले पितामहासन पर बैठत हो अपने दो महो पिटम अर्थात् पिटहन्ता, इम दुष्ट सने पितामाता तथा . दरोंको हत्या को यो ; इसीलिए लोगाने इनको फिला अन्यान्य प्रामीयवर्गीका विषप्रयोगसे विनाश कर पित्त