पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/२७०

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२६६ सन्त्रिन्दो महम्मदखाँ तन्धि (सं० स्त्रो०) तन्त्र-र । १ तन्त्रो, वीणा सितार प्रादि तेलका व्यवसाय चलता है। यह १०८० ईस्खोके लगभग बाजों में लगा हा तार । २ तन्द्रा, संघाई अंध। तालपुर राज्य के प्रथम राजपुवन बसाया था। यहाँका तन्धिका । मन्त्री० ) तन्त्री एवं म्वाथै कन् पूर्व स्वथ। किना देखने लायक है। १८५६ ईखोमें म्य निमपलिटी १गुड्चो , गुरुच। २ सन्न. तात। स्थापित हई थी। यहाँ तीन लड़कोंके स्क ल, एक लड़. तन्चिन - नन्त्रि देखो। कियोको पाठशाला. एक रूई को जोन, एक कपास मन्त्रित ( म. वि. ) तन्ना सन्द्रा जाता अस्य तारकादि प्रोटनका पेच पौर एक अस्पताल है। वादितच । पालम्ययुक्त, पाम्नमो। तन्दो आदम - ( आदमजो ) नन्दो हैद्राबाद जिले के तन्दो सन्निन-तन्दिन् देखो। अलाहियर तालुकका एक शहर । यह अक्षा० २५४६ तन्त्रिपात-त'विशाल देखो। उ० और देशा०६८४२ पू-पर अवस्थित है। यहाँ हो तन्त्रिपालक ( २० पु. ) जयद्रथ गजा। (शब्दमाला ) कर नार्थ, वेष्टर्न रेलपथ गया है। इसको मन १८०० ई में तन्त्रा (म'• स्त्री० तन्त्रयति मोक्यात लोकान तंत्र-कोण । आदमखो मरोने अपने नाम पर बसाया था। जनम ल्या १ वोणागण, बोन मितार प्रादि बाजाम लगा हा तार। ५ । रेशम, रुई, तेल, चीनी और धोका अल्प २ गुडची, गुरुच। ३ देगिग, शरीरको नम। ४ व्यापार होता है। यहाँ १८६०ई० में म्य निमपलिटोको नाड़ी। ५ नदोभेद, एक नदोका माम। * यवतोभद, स्थापना हुई थी। यहां तोन कई के जोन, पाँच स्कल एक जवान औरत । ७ रज्ज, रस्मी। वह बाजा जिसमें और एक अस्पताल है। बजाने के लिये सार लग हो । कर्णपालोगत रोगविशेष । सन्दीबागो-हैद्राबाद जिलेका एक तालुक । यह प्रक्षा १० मैहलो पिप्पलो। । ५० ) ११ बाना गजानवाला। २४३५ ओर २५२ उ० ओर देशा० ६८४६ एव ६८ १२ गया, वह जो गाता हो। त्रि. ) १३ आलस्ययुक्त, २२ पूक बोच अवस्थित है। लोकमख्या ७४८७६ के पालमो। १४ अधीन। लगभम है। इसमें १४१ ग्राम लगते हैं। नहरी पानीमे तस्त्रीमुग्व (म. पु०) हम्तका अवस्थानभेट, हाथको जमीन मोंची जातो है और चावल, रुई, ईख पौर यव एक मुद्रा। अधिक उत्पन्न होते है। इसका क्षेत्रफल प्रायः ६८७ सम्वन (म को०) तन्त मां अग्र.६ तत्। मत्रका अग्र- भाग, सूतका अगला हिस्मा। वर्ग मील है सन्यो ( म० अश्य. ) स्वीकार, अङ्गीकार. मजगै। तन्दो मस्तीखों-बम्बई के अन्तर्गत खरपुर राज्यका एक तन्दो-हैद्राबाद जिनेका एक उपविभाग । ममें गुनी, शहर । यह अक्षा० २७२६ उ० और देशां०६८४२ पू० बदोन, तन्दोबागो, डग महावत ये चार तालका लगने पर खैरपुर शहरसे १३ मोल दक्षिण में अवस्थित है । हैदरा- बादमे रोहरो सकको प्रधान मडक इसो शहरसेहो कर तन्दो अलाहियर-१ हैद्राबाद जिलेका एक तालुक। यह गई है। लोकसंख्या प्रायः ६४६५ है। १८०३ में पक्षा० २५७ भोर ६५.४८ उ• और देशा० ६८.३५ वादेरो मस्तोखाँने यह शहर बमाया था। कोटेसरका पौर ६८२ पू० पर अवस्थित है। जनमख्या ८०८e.- भग्नावशेष अब भी शहरके दक्षिणा में देखा जाता है।

  • लगभग है। इसमें ३ शहर और १०७ ग्राम लगने कहते हैं, कि एक समय वहाँ बहुत मनुष्योंका वाम था ।

है। बाजरा और समाकू यहाँ प्रधानतया उपजते हैं। पश्चिममें शाहजरो, पोर फजलननो और शेख मकको त्रफल प्राय: ६८० वर्गमौल है। मसजिदें । २ उत सालकका शहर । यह जोधपुर-बीकानेर रेल्वेको तन्दो महमंदा-वम्बई के हैदराबाद जिलेके अन्तर्गत गुनो हैद्राबाद वनोत्तरा शाखा पर पक्षा. २५२७ उ• घोर तालुकका सदर । यह पक्ष २५८० और देखा ३५ देशा०४६ पू० में अवस्थित है। लोकसंख्या ४१२४ के परफलेली नहरके दाहिने किनार तथा हैदराबाद शह लगभग है। वर्ष चीनी, पानी, रेशम, कपड़ा, कई और रसे २१ मोल दक्षिण अवस्थित लोकसंख्या बग.