पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/२८

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२४ टांकमाध्वीक-रॉड मद्य पोनेमे प्रायश्रित किया जा मकता है, इमका प्रायः टाटा-मिन्धुप्रटेशका एक नगर। यह १४८५ ई में चित्त तीन दिन उपवाम मात्र है। मोमोयवंशके चौदहवें राजा जाम मन्दलसे स्थापित हुआ "शक्षिक्षुटकखर्जरपनमादेश्च गोसः । है। यह नगर मिन्ध नदोके किनारे ममुद्रसे १३० कोम मद्योजानन्तु पीत्वा ने पहाच्छुध्येत द्विजोतमः।" दूर पर्व तके ऊपर अवस्थित है । वर्षाकालम इसके निकट (पुलम्न्य ) मा देग्यो। वर्ती बहुतमे प्रदेश जलमग्न हो जाते हैं। यह होगको टाङ्गमावोक ( म० की. ) मद्यविमेष, एक प्रकारको नाई मानम पड़ता है। यहांको मड़के अप्रशस्त और भगव। यह मद्य शतावगे ठनमूनका रम और पद्ममधु अपरिष्कार है। किन्तु यहां के मकान अकं अच्छे दोख दाग एकव का बनाया जाता है। पड़ते हैं। इसके चारों ओरको जमोन उर्वग है। "शतावरी टकमूलं लक्ष्मण पद्ममेव च । हा देखो। मधुना मह सन्धानात् टंका चोकमागिन।" (तन्त्र) टाटा (जमशेदजो)-भारतवर्ष के गौरव स्वरूप एक प्रधान टाङ्गर ( म० पु० ) टर्म्य दं टाल गति ग क । स्वज्ञा- बणिक् । ताना देखो। चर, गडीबाज । टॉड (जेम्भ कर्मल) "राजस्थान" नामक प्रसिद्ध इतिहाम टाङ्गाइन - १ पूर्वाय बागान में मेमन मह जिन्नका एक प. ग्रन्यके नेवक ओर राजनातिविद् । १७८२ ई०, तारोग्य विभाग । यह अक्षा २६.५ से २, ४८० ओर २० मार्च को इमलिङटन नामक स्थानमें इनका जन्म देशा० ८८.१ . मे १... १४ में अस्थि ।। भपरि- आ था। १७८ ई में इनके चाचा मि० पाटि क माग १०४१ वर्गमोन पर लोकमया प्रायः २७२३ टिने इन्हें इष्ट इण्डियन कम्पनों के अधीन ईटक है। एमके तोम और पलिनमय अभाग और शेष लोकगे लगा दो। १७८.८. ई० के मार्च महोन में, चहाल में पव को अोर मापुर नामका जगन्न है । दम गाहन: आ कर ये दूसरी यूरोपीय मे नाम गामिल हो गये । १८०१ शहर तथा २०३० ग्राम लगते हैं। इसके ममोप मवर्ग- ई में ये नौकरी ले कर दिनो गये और वहां उन्हें एक ग्वालो नामक स्थानमें एक बड़ा बाजार है। पुरानो नहरके ज़रोब करनेका भार प्राप्त हा। १८०५ २ पर्याय बड़ान के मेमनसिंह जिने का एक शुभ। ई में ये मिन्धियः-राज्यमें ब्रिटिशदूतकं महकागे नियुक्त यह असा. २४१५ उ० ओर देणा० ८८.५० पृ० के मध्य हुए। सन १८१२मे १७ ई. तक ये मर्वदा प्रत्तत्त्व विष- यमनाको एक गाग्वा लोहजनतोर पर अवस्थित है। यक मवादादि मग्रह करते रहे। राजपूत जातिकै माय लोकमख्या प्रायः १६६६६ है । यह दो उच्च येणोके । घनिष्टतामे मिल कर उनका जातोय इतिज्ञाम बनाना विद्यालय है, जो स्थानीय लोगांको देख भान में हैं। यह इनके जोनका व्रत था। १८१५ ई० में कर्नन्न टाइन वाणिज्यका केन्द्र स्थन्न है। १८८७ ई०में म्य निमपालिटो एक मानचित्र बना कर गवनर जनरलको दिया, जिनमें स्थापित हुई। सबसे पहले उन्होंने 'मध्यभारत' शब्द का व्यवहार किया टाट (हि. पु० ) १ विछाने, परदा डालने आदिक, था और वहां के कुछ करदराज्यों को ले कर उक्त भौगोलिक कामोंमें आनेवाला एक प्रकारका मोटा कपड़ा। यह अंशका दिग्दर्शन कराया था। इनके उपदेशानुसार मन या १८.एकी रस्मियोंका बना होता है। बिगटगे. मध्यभारत के करदराज्यों के माथ राजनैतिक मम्बन्ध स्थिर कुल। ३ वह बिछावन जिम पर माहकार बठते हैं, करने के लिये एक एजन्सी स्थापित की गई । टॉड माहब. महाजनको गद्द।। (वि०) ४ कमा हुआ, जकड़ा हा। को राजपूतानाके बहुतमे स्थानोंसे परिचय था। १८१७ टाटबाकोज़ ता (हि. पु. ) कामदार बढ़िया जूता। ई० में जब लार्ड हेष्टिम् पिगड़ारियोंके विरुद्ध युद्धयात्रा टाटर (हि. पु० ) १ टहर, टट्टा । २ ग्वोपड़ो. कपान । को थो, उम ममय इन्हों ने उनको बहुत कुछ महायता टाटरिक ऐमिड (अपु. ) इमलोका चुक, इमनोका पहुंचाई थी। इन्होंने पिगडारो-युद्ध में अपनी इच्छामे सत।. ब्रिटिश-भक्तिको संवाद देने का भार ग्रहण किया था।