पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/२८१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सपी-बरदारी तमामौ (म• पु. ) तमाशूमों यव, बहुवी। नरक तफरीह (१० नो.) १ प्रसवता, खुशी. फरहत । २ विशेष, एक नरक । यदि पुरुप पगम्या खोके साथ और सो, ठहा, दिनगो । ३ सर, हवाखोरो। ४ साशापन, स्त्रो अगम्य पुरुषों के साथ सम्भोग करते वे इस नरको ताजगो। भेजे जाते है। तासीन ( प. स्त्रो.) १ विस्त,स वर्णन, लम्बा चोड़ा इस नरकमें पुरुष तल लोहेकी नारीको पालिङ्गम कर व्योग । २ सूचो, फर्द, फेहरिस्त । ३ विवरण, कैफियत । और नारी समलोहे के पुरुषको पालिङ्गन कर अनेक ४ टोका तशरोह। प्रकारको यन्त्रणा पाते हैं। ( भागवत "२६।२०) तफायन (अपु.) १ अन्तर फर्क। २ दूरी, फासिला । नरक देखो। तब (Eि. अश्य० ) १ उम ममय, उस वक्त । २ इम तानसगकगड (म० को०) सप्लाया: सरायः कुण्डमिव। कारणा. एमलिये। नरकविशेष, पुराणानुमार एक नरकका नाम । नरक देखो तबक (अ.पु. ) १ लोक, तल। २ परियों को नमाज । समान (म' क्लो० सम प्रबं, कर्मधा० । ता अन्न, गरम मुमलमान स्त्रियाँ परियांकी बाधामे बचने के लिये यह भात। नमाज़ पढ़ती हैं । ३ घोड़ों का एक रोग। इसमें उनके तमाम्भ (स' को०) उष्ण मलिल. गरम जल। शरीर पर सूजन हो जातो है। ४ शरीर पर एक प्रकार- नमायनी ( म० बी० ) ताम अय्यतेऽत्र प्रय-ल्य र डोप। का दाग जो रतविकारके कारण हो जाया करता है, भूमिभेद, वह भूमि जो दोन दाखियोको बहुत सता चकत्ता। ५ तल, तह, परत । ६ चौड़ो और कम गह- कर प्रान की जाय। राईको थाली। सप्पा-मध्यभारत के भोणल एजेन्मीकी ठाकुरात या रिया- तबकगर (प. पु. ) सोने चांदी पादिके तपक या पत्तर मत। बनानवाला. तकिया । सप्या ( म पु० ) तप-यत् । १ शिव, महादेव । (वि.) तबक़फाड़ (प. पु. ) कुस्तीका एक च । २ तपनीय, जो सपने या तपाने योग्य हो। तबका (प. पु.) १ विभाग, खंड। २ तह, परत । ३ तप्यत (म० वि०) सप-यतुन् । तापके सूर्यादि। लोक, तल । ४ मनुष्योका झण्ड। ५ पद, स्थान, दर्जा । सफजल हुसेनखाँ-फरुखाबादके इटिश राजद्रोही नवाब। तकिया (अ.पु.) तबकगार देखो। ये मुजफ्फरजन के उत्तराधिकारी तथा पौत्र थे। १८५७ तकिया हरताल ( हि पु. ) एक प्रकारको हरताल । ई०के गदरमें इन्होंने बासठ अंग्रेज, उनको स्त्री तथा इस टुकड़ों में तबक या परत होते है। बच्चोंको कतल कर डाला था । अन्तमें ये पकड़े गये और तबदोल (प० वि० परिवर्तित, बदला हुआ । दोष प्रमाणित होने पर फाँसोको प्राज्ञा दी गई। लेकिन तबदीली (अ. स्त्री०) परिवर्तित होनेकी क्रिया, पवध जिलेके कमिश्नर मेजर वैरी इन्हें पहले ही प्राण- बदली। दान दे चुके थे, इस कारण गवर्नर-जनरलने प्राणदण्ड सबद्दल ( अपु.) तबदीली देखो। न दे कर वृटिश राज्यसे बाहर निकाल देनेका विचार तबर ( फा• पु० ) १ कुल्हाड़ी, टाँगो। २ लड़ाईका एक किया । नवाबने मक्का जानेका इच्छा प्रकट की। मन्समें हथियार जो कुल्हाड़ीसा होता है। १८५८ की २३वी० मईका जजोर डाल कर इन्हें तबर (हि. पु० ) एक प्रकारको पाल जो मस्त लके सबसे मबा भजवा दिया। जाते समय केवल पपनो सन्तानसे अपरी भागमें लगाई जाती है। ही मुलाकात कर लेनेको इन्हें पात्रा मिली थी। तबरदार (फा० पु.) वह जो कुल्हाड़ो या सबर सपरोक (प.सी.) १ भिवता, शुदाई। २ वियोग, चलाता है। घटामा, बानो निकालना । ३ पन्तर, फरक। ४ भाग, तबरदारो फा० स्त्री.) सबर, कुल्हाड़ी या फरसे चलनका बँटवारा, बांट। काम। Vol. IX.10 .