पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/३३८

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तलिद-तलोदा तन्नित् ( म० स्त्री० ) तडित् डस्य ल । विद्युत, बिजली। तलेक्षण (स• पु०) तले अधोभागे ईलच यस्य, बहुव्रो० । सम्लिस (म'• ली.) तन्नतारका रतच्। भृष्टमांम. ! शूकर, भूपर। तना हपा माम । शुद्ध माम जिम तरह प्रस्तुत किया तलेटो ( हि स्त्रो०) १ पेंदो। २ तलहटी, तराई, जाता है उमो तरह मामको अच्छो तरह मिड कर उमे! घोमें भुन लेते हैं हमाको तनित कहते हैं। इसके गुण- तल-पेगुके अधिवासियोंका माधारण नाम । मगगण वन्न, मेधा, अग्नि, मांम, प्रोजोधात ओर शकहि कारक, इन्हें तलैग और श्यामवामोगण मिङ्ग-मोन कहा करते तृप्तिजनक, लघु, निग्ध, रुचिकर और शरीरपुष्टिकर है। हैं। इनमें मे अनेक रावतो नटोके डेल्टेमें वास करते नन्निन् । म त्रि० ) तन्ना अस्याम्ति इनि। गोधायुक्त, हैं। ये गु, मार्क्सवान, मोन्लमेन और पामहार्ट के अधि- जिसमें चमड़े का बल्ला लगा हो। वामो मोन नाममे मशहर हैं। यह नाम इन लोगोम तल्लिन ( म क्लो०) तल्यते शयनार्थ गम्यतेऽत्र तन-इनन्। आपममें चलता है। नलि पुलिभ्यां च । उण २।५३ । १ शय्या, मेज, पलङ्ग। पगुयानको भाषा मोन अथवा तलगा है। इस भाषाके (त्रि.) २ बिरल, अलग अलग। ३ म्तोक, थोड़ा. कम। अक्षर भारतीय अक्षरमूलक है। पालो अक्षरके माथ ४ स्वच्छ, शुद्ध, माफ । ५ दुबल, दुबन्ना यह बहुत कुछ मिलता जुलता है । बौद्धग्रन्य इसी अक्षर- तलिपरम्ब-१ मन्ट्राज विभागमें मलवार जिनेका एक में लिखे हुए मिलते हैं। मग और श्यामवासी यह भाषा समझ नहीं मकते। सल शब्द सम्भवत: सैलङ्ग २ मलवार जिन्नेमें चिगकल तालुकका एक शहर। शब्दका अपभ्रश है। यह प्रक्षा• १२३ उ. और देशा० ६५२२ पू० पर तनचा (हि. ५० ) इमारतका वह भाग जो मेहरावसे कननूरसे १५ मील उत्तर-पूर्वमें अवस्थित है। यहाँ ऊपर और छतसे नीचे रहता है। भित्र भित्र धर्मावलम्बी मनुष्य वाम करते हैं। हिन्दूको तल या ( हि स्त्रो. ) छोटा तान्न । मख्या मबसे अधिक है। यहाँ मन मजिष्ट्रेट, डिष्ट्रिक . डाष्ट्रिक्ट सलोदगे ( म स्त्रो० ) तन्न निम्नमुदर यस्याः, बहुव्रो० मुन्मिफको अदालत और एक मन्दिर है। मन्दिरको ' - तत् डोष । भार्या, स्त्रो। छत पोतलमे मढ़ो हुई है। इसके पाम हो तोले पहाड़ तलोदा ( म० स्त्री० ) तन्ने उदकं यस्याः बहुव्रो., उदक- पर बहतमी कन्दराये खुदो हुई हैं जो देखने में अत्यन्त ___ शब्दस्य उदादेशः। नदो, दरिया। मनोरम और पाश्चर्यजनक लगते हैं। लोकमख्या प्रायः । ७८४८ है। सन्लोदा-१ बम्बई प्रदेशकै खान्देश जिलेका एक तालुक । सलिम ( में लौ० ) तल बाहुलकात् इमन् । १ कट्टिम, यह अक्षा० २१ ३० और २२२ उ० तथा देशा० ७३ छत, पाटन । २ शय्या, पनङ्ग । ३ खज। ४ वितानक, ५८ और ७४ ३२ पू०में अवस्थित है। भूपरिमाण चॅदवा। ५ चन्द्रहास। ११७७ वर्ग मोल है। इस उपविभागमें इसी नामका एक लिया ! हि स्त्रो०) समुद्रको थाह। शहर और १८३ ग्राम लगते है। खिलो और काधो तली (हिं स्त्रो० ) १ तम्ल, दो। २ तलकट, तन्नौंछ । नामके दो छोटे देशोराज्य इसके अधीन है। लोक- तलोख म पु० ) प्रत्यङ्गभेद, शरीरका कोई अङ्ग। संख्या प्रायः ३३८८१ है, जिनमें से हिन्दूको मख्या सबसे सलुन ( पु० ) तरति वेगेन गच्छति उनन् । अधिक है। बहुतसे मुसलमान तथा अन्यान्य धर्म के बोरश्चलोवा । नण २।५४ । रस्य लच। १ वायु. हवा । लोग भी यहाँ वास करते है। २ युवा पुरुष । स्थानीय नैसर्गिक दृश्यों से सातपुरा पहाड़श्रेणीका तलुनो ( सं• स्त्री० ) तलुन डोष । तरुणी, युवती स्त्री। दृश्य अत्यन्त मनोहर है। यह पहाड़ पूर्व से पश्चिमकी सले (हि.क्रि.वि.) नीचे। . पोर विस्वत है। पहाड़के नीचे एक बड़ो बनभूमि