पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/३९८

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३९४ ताता कोशिश करने लगी। इमके कुछ दिन बाद हो| विधानसे उनकी प्रतिभाका परिचय मिला। ये चिर. अविमिनियाके राजा फिनोडर माय भारत गवई गट का प्रचलित रोतिका अन्ध- नुमर · करना पसन्द न करते युद्ध शुरू हो गया। अन्यान्य कम्पनियाके साथ माथ थे। इन्होंने पृथिवो नाना भ्यरेशमि परिश्मा कर ताता मकोकामा में निकांको रमद पहचान क टका वहां को मिलोंको क्रिमा-पतिका पर्यवेक्षण करके जो मिल गया। पर ले में ताताको कुछ फायदा हा या । कछ मौखा था, उमे भारतमें प्रचलित करने की पूरी चेष्टा ग' बाट जमशेदजोन कुछ हिम्मे दागेर मा एक को था। सबसे पहले उन्होंगोवा, कि मिलको अच्छी सन्न मिल पराद लो, पोछे वह काड़े को मिन्न बना ' त ह चलाने के लिए उस को मगोन बहुत अच्छी होनी ॥ई दाम मिल में मूत भो बनता था। उन दिना उम चालिए। सलिए उहांनै पुरानो चोजो बदले बहुतमो कन ७ । ८ मिन्ने श्री; एम लिए उन्हें नाम नई चीजे पदों । जिन शोनाम थाममग्रमें बहुत या। इस मौक पर केशोजो नायक नाम के एक माल तयार होम एनो मान मगाई। हमारे ? नवरत ज्य दा कोमत देकर उनमें भिन्न रद देशम मम ममग तो यकी मगों ने नहीं थीं। मिन- हो। योई दिनको अभिन्नतामे ताता माझ गीक वाले अपनाकृत :म कोमतको मगोनामे काम चन्नाते व परेको मिल ग्वीन कर न चलाभ उठाया जाथे। याग्विर ताताकै दृशन्तका अनमरग कर अय मिल मता है। महान वय एक गिल चनानका निश्चय वाला भो अच्छो प्रशोन मंगा ली। दम बाद, अच्छो किग, परन्तु अच्छी तरह बिना मम वे हिमा । 'ममें मशोनाम वर्ग हए अच्छे मालोको खपत किम स्थानमे नाय न डाली थे इम लिए उन्हान पन्ने इंग्लगह को हो सकता है, हम बात का पता लगाने के लिए तातान fort को कार्य प्रगाना देव आना आवश्य ोय मझा चारों तरफ आदमो भेजे। स्थान ठोक होने पर, वहाँ मार ये बम्बई भे मैनचेष्टर की रफ चल दिये। किम तरह कम गवर्च में माल पहुँचे, इस बातका बन्दो ___ इंग्लै गडमे लोट पाने के बाद ताता विचारने लगे, वम्त करने लगे। दम मिवा प्रापन मिल के पाम हो कि भारत में किम जगह कपडे की मिन खोन्नने में विशेष कपासको खेतोका इन्तजाम किया और अन्यान्य स्थाना- मफलता प्राप्त हो मकतो हैं। अन्तम, नागपुरमें मिन्न मे भी किफायतसे रुई मंगानका बन्दोवस्त किया। खोलने का निथय किया । ताताका गह अभिमत था, कि ताता इस बातको जानते थे कि मिन्नको अच्छी तरह जिम प्रान्तमें ख ब रुई पैदा होती हो, वहीं कपड़े को चलाने के लिए छोटो बड़ा सभा बाताम पूरा पूरा ध्यान मिन खोलनो चाहिए। नागपुग्मं रेल-नाईन होनेके दिया जाता है। कारण माल भजन वाम गनिमें भो किमो ताही. इस प्रकारको कोशिशमे कुछ हो वर्षों में मिल बड़े वन न पडतो थो। जोरशोरसे चलने लगो-लाभ भी काफी होने लगा। १८६ ई० में मिल बन कर तैयार हुई और १८७७ कर्मचारियों को उत्साहित करने के लिए तासान कुछ पुर ई का १लो जनवरीको वह चाल हो।ई। इस दिन स्कार भो नियत किये और वार्षि के लाभमेंमे उन्हें कुछ माटो विकोग्या भारतको मम्राज्ञो हुई थी : ५म अंश भी देना प्रारम्भ कर दिया। इसमे कर्मचारोगण लए त तान प्रपना मिलका नाम रकवा 'एम्प्रेस मन'। मिलको उबतिर लिए ज तोड़ कर परिश्रम करने लगे। पन्ने पल मि चलान में इन्हें बड़ो दिकत झला जो कर्मचारी काम करते करते विकलाङ्ग वा हो पडो यों, परन्तु उनके मैनेजर विजनजो दादाभाई बहत जाते थे, उन्हें पेन्शन भी दे दो जाती थी। इसके अलावा योग्य और ममझदार व्यक्ति थ; इसलिए धार धोरे मब कर्मचारियों को और भी बहुतसे पाराम थे। इसलिए दिक्ते दूर हो गई। वे अन्य मिन्नों में न जाते थे। "एम्पम मिन्न" स्थापित करनके बाद. नाता उसे 'एम्पम मिल' में, ताताने उम ममय शिक्षानबीश रख अच्छी तरह चसानको व्यवस्था करने लगे । इस व्यवस्था कर काम सिखानका बन्दोवस्त किया था। शिक्षित