पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/४४७

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१४३ अधिवातर ताबा निकालते थे, किन्तु उन लोगोंने भो को सदो ३: भाग उमदा ताबा पौर २५ भाग जलमे मामय रस काम को छोड़ रहे है। मेनर, मिभूम, विचत तथा सहन हो मिला था । नेपालके पावत्य प्रदेश हजारोबाग पादि स्थानों में तांबे को पुरानो खानोंको में लोहे पोर तविको खाने यथेष्ट है । यहांका ताँबा इतना देखनेसे माल म होता है, कि किसी ममय हम कामके उमदा होता है, कि किमो समय विलायतो साँव मे भो लिए काफी पादमी मेहनत करते थे । भारतमें ताँबको इसका जार गुणा पादर था। सिंहभूम में तथा मेदनोपुर- खानका काम चलाने के लिए ग्रेज-बणिकोका बहुत के पश्चिममें ८० मोलसे अधिक स्थानमें तांबेको बिदाने बार संगठन एसा था. किन्तु कोई भो चिरस्थायो न हो है। १३८ पौगढ़ वजनके सोन सानप यहां बने थे सका। इस देश में नविक पाकरके काममें वे किस तरह जिससे तौबके सिके बख बो बन सकते थे । यह तांबा भो भो अपना बन्दोवस्त न कर सके। इसीलिए प्रेजोंने विलायतो सबसे पच्छा होता था। १७८७ ई में काल- यह अनुमान किया है, कि हम विषयमें देशीय लोगोंके हस्तो, बेइष्टगिरि, नेल्ल र और बङ्गपाड़ में बिजी खाने बिना मन लगाये उनति नहीं हो मकती। निकलो है। कणु नसे २० मोल पूर्व में गुविग्राम है. भारत में यह अक्साइड, एक प्रकार सल्किउरेट, एक उममे २ मोलको दूरी पर तविको खदान है। लम्बई- प्रकार माल फेट, काव नेट, पार्सेनेट और फस्फेट प्रव. होपका ताबा बहुत उमदा होता है । मरगु होपशुञ्जक स्था में मिलता है। शिखावतो, रामगढ़ आदि स्थानों में बहुतमे होपोंमें धूमरवर्ण के भाकर देखे जाते हैं। इनमें मलफिठरेट तविको खान है। मजमरमें कार्य नेट तांबा फो मदो आधा उत्कृष्ट ताम्र तथा प्राधा प्रजन, लोहा मिलता है। यहांको नोहेको खदानसे भी कार्वनेट और गन्धक मिलता है। अहिरान, मलविन पोर चेटुवा- सांबा निकलता है। नेल र ओर अङ्गा समें सिनिकेट होपो होगका कार्य नेट तांबा मिलता है। आसाम में सबिको खान है, किन्तु वह निकालने लायक स्थान नहीं शिवमागरसे ३० मील दूरी पर अच्छा तांबा पाया जाता है। नजीवाद, नागपुर, धनपुर और जयपुर गज्य में भी है। सविको खादने । कच्छमें नविको खानका काम चल शानराज्यमें तया कालेन, माइयो ओर मग नामक स्थानमें उत्कष्ट मैलकाइट तांबा निकलता है। . पञ्जाबकी प्रदर्शनी में गुड़गांवसे पाइराइटिस, ताँबेका मगंडा नामक स्थानमें पहले चोना लोग खानोंका एक टुकड़ा आया था। हिस्मार जिलेसे बहुत उमदा काम चलाते थे। तिमुर हीपमें भी तावा मिलता है। ताँबा पाया था। कांगड़ा जिले में कुल के पास मणिकर्ण जापान के उपहोपों में बहुतायतमे तोया उत्पन्न होता है। और पिलाङ से पाराइटि नामका ताँचा और स्पितिमे पृथिवो पर अन्य किसी भी स्थानम ऐमा बढ़िया तांबा नोले रंगका कार्य नेट तांबा भो आया था। काश्मोरमें नहीं मिलता। जापानक लोग इसको साफ करके एका ताँबा मिलता तो है, पर वहां उमका रोजगार नहीं पञ्च मोटे एक फुट लम्बे टुकड़े बना कर बेचा करते चलता । कुमायू', गढ़वाल, मिक्किम, नेपाल पादि स्थानों में हैं। इमो छ खराब ताबा ईटके पाकार में बिकता है। का खान हैं। देशोय लोग ही उनका थोडा बहुत यहाँके ताँबे के पाकरमें ग्वाद के साथ स्वयं भी मिलत काम चलाते हैं । कुमायूंमें सिंघाना नामक स्थानमें तथा है। बोलन्दाज लोग चोनसे यह ताबा प्रति वर्ष पापुलो, मिन्मलपानी, मावु गेहो, केराई, बेसरसिरा, रोई दो हजार टन रमानो करते है। चीनमें एक प्रका. टोमाकेटी, दोबिरि पोर धनपुरमें सॉबेको खाने है। रका निकल मिसा हुमा सफेद ताँबा मिलता है। या बैजनाथके पास देवघर, भो तांबके पाकार देखने में पाते बोवल चोममें ही निकलता है। इससे थालो, रकाबो है। दो फुट खोदनेसे हो वहां ताबा मिलता है। राज. पादिके ठान, बत्तोदान और प्याले बनते हैं। न तन महलके बांशलो कुधा नामक स्थामसे कोयलेको खानके अवस्था में यह प्रायः चाँदीको तरह चमकता है। मजदूरोंको बुखा कर एक बार परीक्षाको गई यो, उससे । १८०२ में पष्टेखिया होपो भो सबिको खाका