पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/४७३

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का गया। ताराबाई ४६९ ने जिमको विपी सौरमे ला थ', अब वगै उनका तरफमे सह राष्ट्रको उत्तेजित करने लगो। पेशवा बाला. प्यारा पोत्र रामानक सरकार' हा। पेवा जोन चिारा क. तर बाई प्रत निष्ट पाचरण कर- वालाजोने माहको ( मृत्य मे पन्ने ) निवा था कि, नसे कोई फन न :1f कगा। उन्हनि तागवाईको "नागवाईका पौ गजा होने र भो गया न मेरे हिला भेजा कि, पापम ज्य में गुणमें मानमें और हो हाथ रहेगा तथा जिसपे शिवाजी वंशयोका नाम उनमें सा प्रशन है : अप: विरुह माचरण करना उज्वल रहे, मैं उस पर विशेष लक्ष्य कव गा।" हमको उचित महा। आप ना पा कर प्रवानशक्ति इम ममय तागवाईको उम्र ७० वर्षसे थो। दम ग्रहण कीजिये। मारिलो... वृद्धावस्था में भी उनक पहनेक' चेष्टाओं और बुद्धिा ... १७५७ ई में तापाई दस प्रकार प्रबुनाई गई। का जगमोहाप नहीं हया था। रघुनी अपरम रामरा भो कक दिन निए मना हर, किन्तु रामराज गजका भार दे कर बालानो ना चले अ'ये। अवसे नामवाईको च्छा' 'वकर कय करने लगे। इसमे पूना ही महाराष्ट्र-माम्र ज्यी गजधानी हुई, रामराज ताराबाई र म ज पर अत्यन्त अतुष्ट हा गई, उन्होंने नामम के लिए मतागके राजा थे, उनमें भक्ति छ भो । दामाज गाय वाड और रघुजो भी मन्ने को महायम से नहीं थो इस समय बालाजी हो म प्रधान थे। किन्त रामराजको कैद कर लिया और स्वयं ममय हो ताराबाईको प्रकृति कहीं यो कि, वे किमोको अधो- गई। बालाजी के fan farmin गई। बालाजी यड के लिए निजामराज्यमें गये थे, उनके नताम रहे। बालाजी भी ताराबाईको उतनी परवाह नोटते हो ताराबाई को सम्म गा अधिकारांसे हाथ धोना नहीं करते थे। अब तागबाई. बालाजो हाथमे राज- पड़ा। माममिक कष्टमे कुछ दिन बाद ताराबाईका शक्तिले कर स्वयं परिचालन करने के लिए चेष्टित हई। स्वर्गवाम हो गया। ____तागबाईने पन्थमचिवको अनुरोधपूर्वक कहलवा २ बेदन र को प्रमित वीरबाला । बेदन रके सोलो- भेजा कि, "मैं मिहगढ़में पतिको ममाधि दशन करने राज राव सुरतानको कन्या थो । अनहलवाड़के प्रसिद्ध जाऊँगा, उस समय आप मुझ को माम्राज्यको नवोरूवमें वनहवश सरतानका जन्म हुआ था। प्रचार करनेको चेष्टा कर। बालाजो इम मवादको पा सरतामके पूर्व पुरुषोंने कुछ ममय तक तोकथोड़ामें कर कुछ विचलित हुए थे। उन्हांन ताराबाईको हाथ में राज्य किया था। लयला नामका एक अफगानके सर- रखनके लिए कहना भेजा कि, "आप जैमो मदाशया तानको वहमि भगा कर उक्त राज्य अधिकार कर लेने बडिमतो मोर उच्चप्रकृतिको रमणी दूमरी नहीं है; आप पर सुरतानने बेदन र पा कर आश्रय लिया था। अधिकांश स्थान पर राजशक्ति परिचालन कर सके, उममें जिम ममय पिताका भाग्य-परिवान हमें कोई आपत्ति नहीं है किन्तु हमें को गजा माहुम ममय तागबाई किशोग थो; वमन भूषण इन्हें अच्छ क्षमता प्राप्त हुई है, उमको गमगज जिममे स्वीकार नहीं लगते थे, ये सर्वदा तलवारों खेला करतो थो कर लें, इसकी कोशिश आप अवश्यकी करेगी।" और बोर्ड पर चढ़ कर वाणप्रयोग किया करतो थो। महाराष्ट्र सामन्तगण वालाजोको कूटनीति समझ वोरबाला सर्वदा वोरवेशमें रहना पमन्द करती थीं। गये। इस ममय प्रधान पद पानिके लिए उन बहत देवत देखते वोरवालाकै कमनोय अङ्गमि योवन भाव झगड़ा होने लगा। इमो बोच में बालाजोन भीतर ही दियलाई दिये। इनके रूप, गुण, वाणशिक्षा और अजन भीतर महाशत्रता प्रारम्भ कर दो। रामगज मसाग- तलवार फिरानको चर्चा याघ्र हो गजपूतानके वोर- टुग में कैद कर लिये गये। ताराबाईन कोल्हापुर जा समाजमें फैल गई। मेवाड़ के राणा रायमलके हतोय कर पाश्रय लिया । कुछ दिन बालाजीने उनके विरुद्ध एक पुत्र जयमलन ताराबाई साथ विवाह करने के लिए दल सेना सेज दी, किन्तु उनमे कुछ हुआ नहीं। प्रना को। वोरानान जयमलको करसवा भेजा, ताराबाई बालाजीका सव नाश करने के लिए चारो कि "जी थाहाका उपर करगे, ताराबाई उन्डीको Vol JX. 118