पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/४८३

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प्रतिम-१ (०॥)-२॥ (॥॥)- मञ्च-(।।।';.,)-२।।।।।।। श(॥॥॥॥II) मञ्चक- (।।।।11)-(।।। n) प्रत्यङ्ग-( II) मच्चिका--१ (, 11)--२। ; (, 1)--३। (, . प्रसिद्धा-(एकतालो)-(।।) ।) फोग्दस्त-यह ७ दोघ मात्रानोका ताल अब भी । मदनताल-(।) प्रचलित है। मध्यमान-वर्तमानमें प्रचलित ८ दोघं मात्राओं का बङ्गदोपक-।।।।।।) तान्न । मध्यमान देखो। बङ्गभारण-(॥ ॥।) मलयताल-(॥।॥) बनोद्योत-(॥॥।॥!) मल्लताल-(1 ) वनमालो-१(" " ।।॥)-२।।। । मल्लिकामोद-(। ) वण ताल-(॥।" ) महासत्रि-( ।।।।।।।।।) वर्ण भिव-("।।) मिश्रताल-(,, ॥ ॥॥॥) वर्ग भोरु- (।।।।।) मिश्रवण--(.,,,॥ ॥॥) वर्ण मञ्चिका-१॥ ॥'।' )-२ (।। ) मुकुन्द-१।।"॥), २।(।।) वर्ण यति -१॥ (।।)-२।( || ) मुद्रि मञ्च-(।।।।।।।) वर्ण लील-( ।।) मोक्षति -(१६ दोघ, ३२ इस्व ओर ६४ अई- वर्द्धन-( ।) मात्राएं मिन्नसिलेबार न्यस्त होती हैं) वईमान- ( ।॥) मोहनताल - प्रचलित है । यह १२ मात्राका साल वसन्त-१ (।।।॥॥॥)-21 (॥॥॥) है। मोहनताल देखो। विजय-११ ( ॥॥॥)-२। (mm) यत्-।।।।।', ,I)। वर्तमानमें प्रचलित विजयानन्द-(।।॥॥॥) है। यत् देखो। विद्याधर-(॥ ॥) यतिताल-(1,।) विन्दुमाली-(॥ ॥) यतिलग्न-(।) विपुला ( एकतानी )-(x) यतिशखर-( ।।।।।) विलोकित--(। ) रङ्गताल-(“॥) विषम- रङ्गदोपक-(॥॥।॥n) वोरपञ्च---वर्तमानमें प्रचलित है। इसमें ८व रङ्गलोल-(। ) मात्राए' व्यवहत होती है। वीरपंचम देखो। रगाभरण -(॥॥॥m) वोरविक्रम-(। ) ब्रह्मताल-१।।।। ।)-२।(।।। रतिताल (।।) रतिनील-१।।।।।।), २॥ ( ....) ॥)- (।। । )-४। वर्तमानमें प्रचलित चौदह मावाओं का ताल । ब्रह्मताल देखो। गगवईन-(:,॥) बायोग-वर्तमान में प्रचलित १८ मावाओंका ताल । राजकोलाहल-( 1) ब्रह्मयोग देखो। राजचूड़ामणि~। (।।।), (।।।।1) भग्नताल- ।।।) राजझार-( |) भृताल-(॥।॥) राजताल-(॥॥॥॥) मकरन्द-श( ।।।) राजनारायण-(, )