पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/५१

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बहुत मुलायम होतो. पोर के पच्छे पच्छ कुनै, दण्ड का (स.सो.) १ टरियो। २ पाठा। कामोज इत्यादि बनते हैं। टनका (हि.पु.) एक प्रकारका रोग । इसमें मूबसाव टका (हि. वि. ) किक्षित् तनिक, जर', थोड़ा। अधिक होता पोर उसके साथ धातु भो गिरता ।। टुकड़गदा ( पु. ) १ घर घर रोटोका टुकड़ा मांगर टनको (हि. स्त्रो०) धानको फसलको नुकसान करते बाला पादमो, भिखारो। (वि.) २ तुच्छ, नौच । ३ वाला एक परदार कोड़ा । अत्यन्त निर्धन, बहत गरीष, कंगाल। नगा (हि.पु.) डालका अग्रभाग टानोका पगला टुकड़गदाई (हि.पु.) १ टुङगदा देखो (स्त्रो०) हिस्सा। २ टकड़ा मांगमेका काम । टनगो ( हिरो.) मनोका पगला भाग जिसको टुकड़तोड़ (हि.पु.) पराश्रित मनथ, वह पादमो पत्तियाँ छोटो पौर मुलायम होतो है। जो दूमरेका दिया हुआ टकड़ा खा कर रहता है। टनाका (सं० स्त्री० ) सालमृलो वृक्ष, मुसलो। कड़ा (हि. पु० ) १ ग्वगड़, विवश, रेज़ा। २ चित्र टवा (हि. पु. ) फल लगन का नाम । आदिके हारा विभक्त अंश, भाग, हिम्मा। '३ रोटोका टमा (हि.पु. ) वह रनोद जो रुपये पानं पर लिन दो जाती है। टुकड़ा, ग्राम. और। ट,कड़ी (Eि: स्त्रो.) १ खगड़, छोटा ट कड़ा।२ कपड़े का टर्रा ( हि पु० ) कण, टुकड़ा, डलो दाना। , का टकड़ा, थान। ३ समुदाय, मडलो। प ट लड़ा ( दि. पु. ) पूरवो बङ्गाल पोर पासाममें होमी. पक्षियोंका दन, झुड, जत्था। ५ सेनाका एक भाग । वाला एक प्रकारका बम। टकनी (हि. स्त्री. ) टोकनी देग्यो । ट सकना (डि. कि. ) टसकना देखो। . टकरी (हि. स्त्री.) १ एक कपड़ा जो मनमकी तरहका . ट (हिं. स्त्रो०) गुदमार्ग में वायु निकलनेका गब्द, पाद- ने की प्रावाज। होता है। २ टकहो। टघलाना (हि.क्रि.) १ महमें रख कर भोट गना (हि. क्रि०) १ कोमल पत्तियोको दाँत से काटना, कुतरना। २ कुतर कर चवाना। कूचना, घुमलाना। २ जुगानी करना, पागर करमा। टड हि पु०) १ मच्छड, मक्खो, टिडे पादि कोड़ों के टचा (हि. वि. ) तुच्छ. नोच । मुहके आगे निकली हुई दो पतलो नलिए। ये बानको टटका (हि.पु. ) टोटका देखो। तरह पतलो होतो हैं। वे बहसा कर रख धादि टटनी (हि. स्त्री) झारीको पतनी नतो, छोटी टोटी। उट जिया (हि. वि०) थोड़ी पूँजीका. कम चूसते है। २ वह पतला पवयव जो जौ, गेह, धान प्रोकातका । आदिको बाल में दामोंके कोगके सिरे पर निकला सता है, मौंग, सो गुर। टूट ( पु.) छोटी पंडुको, छोटी फासता। डो (त्रिो०) १, देखो। २ नाभि, ढोढ़ो। ३ टटट (हि.सी० १५डकीको बोलो। (वि.) गाजर, मूली पादिको नोक । ४ किसो वस्तुको दूर तक २ अकेला । २ कमजोर, दुबला पतला। निकलो हुई नोक। सुटका (हि. स्त्री० ) चमड़े से मढ़ा हुआ एक बाजा। टक 6िपु०) खण्ड, टुकड़ा। टी (हि.सी.) १ नाभि, ढोढ़ी। २ टुकड़ी, उम्ली। टका हि पु०) १ खगह, टुकड़ा। २ रोटीका टुकड़ा । टण्टक ( सं• पु० ) ट एट, इत्यव्यक्तशब्द कार्यात के क। ३ रोटीके चार भागोंमेमे एक भाग। ४ भिचा, भोल। १ पक्षीविशेष, एक चिड़ियाका नाम। २ श्योनाकष. टट (स्त्रिो० ) १ टूट कर अलग हो गया रुपा सोनापाठा, पाल । ३ सण खदिष, काला रका संश, खण्ड, टूटन । २ टूटने का भाव । ३ भूलसे छुटा पेड़। (जी०) ४ टरिनोवृष (वि.)। ५ पल्प, थोड़ा। एषा वह शब्द या वाक्य जो पोईसे किनारे पर लिख कर कमेर। दिया जाता