पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/५५२

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तिम-तिमि खबर दस्त लग गई और उसी समय वे पवादहार होकर १६४५० वटो घो। संभोस पाज म तिब्बत एक मजोखियाको भाग गये। प्राचीन मन्बी चोमके सम्राट प्रकारसे दलाईलामाके अधीन चला पा रहा है। पए। समयसे चीन स्वदेशीय पधिकारमें पाया और . कामा देखो। पावसाई मगलवंशका उच्छेद पुणा । प्रधान मन्त्रो क्यं न तिम्बतो (हि.वि.) १ सिब्बन सम्बन्धो, जो तिब्बत में उनके पुत्र पुनमिन प्रथम सम्राट माने गये। उत्पन्न हुआ हो। ( स्त्रो०) २ तिब्बतको भाषा : (१०) थाक्य रिनकिनकी उस समय मृत्यु हो चुकी थी। उनके तिब्बत देशका रसनवाला। पुत्र सग, पग्यालत्पन समाट से अच्छी तरह सम्मानित तिम जिला 'हि. वि.) सोन खगहों का, तोन मगतिबका। हुए। सम्बाट ने उन्हें यम और पामदो प्रदेशका भो तिम (हि.पु. नगारा, डका। अधिकार दे दिया। सग प ग्यालत्पन्न इस प्रकार नह तमाशी (हि. स्त्री. १ एक तोल जो तोन मायेने रि-कोर समसे लेकर थम प्रदेश पश्चिम मोमान्स तक बराबर मानो गई। पहाडी देशा में प्रचलित ४० अपना प्रभुत्व फखा लिया। ये प्रधान संस्कारक तसोन जौको एक तौल। खयके विशेष परिपोषक वन्धु थे। इन्हीं के समय में १ लाख तिमि (पु.) तिम्-न वा ताम्यति तम्-न् पकारस्य 'धारणी' लिखो गई। कई वर्षोतक इन्होंने अपने खर्चसे बारादेशः। १ समुद्रचर, स्तन पौनवाला मत्स्य के १ लाख श्रमणों का पतिपालन किया था। -चिङ्ग लिन पाकारका सुहहत् जोवविशेष, क्या जलचर पोर क्या पौर कर्जीम दुर्ग के ये हो अधिष्ठाता थे। इनके पौत्रन स्थलचर, तिमिको अपेक्षा वृहदाकार जोव पाज तक चोम-सम्माट से 'बन' (गजा )की उपाधि पाई यो । इमो प्रावित नहीं हुआ। मछतो की तरह इसको पूंछ मझे दशम राजा नन वन-तशि भूटानके धर्म गजके होतो है। पानी में तैरनके लिए मछलयों को तरह (पन कर्पो) बन्धु थे। सन्हो ने लासा नगर में चीत्यादि कानक नोचे पख होते हैं। इसके पैर नहीं होते, निर्माण किये। उनके मन्यो रिनछनने कई बार उनके पेन के कुछ ऊपर स्तन होते हैं, स्तनके दो बस होते हैं। विक्षत पत्रधारण किया था। लेकिन प्रतिबार वे हारते टुग्धाधार देहम हो रहता है, थनको तरह वह उच्च हो गये थे। चोन सम्राट ने उन्हें 'दिन-को-मह' को नौं होता। इनके र पार वर्ष में नाना प्रभेद उपाधि दी थी। होते हैं। इमोसे प्राणितत्त्वविदों ने उन्हें उनके पाकार पसर्वशक राजत्वकालमें तिब्बत सच पूछिए तो उबतिको प्रकारके अनुसार ३० ३२ भागा में विमला किया है। चम्म-सोमा तक पहुंच गया था। दुभिक्षादिका हास और अत्यन्त प्राचीन कालसे सभ्य जगत्को तिमि के अस्तित्व विदेशियों का पाक्रमण बन्द हो जानसे प्रजा सुखो थो। भोर समके मत्स्य जातिमे अलग होनको बात विदित है। बोच बीच में लोभपरतम्य मन्त्री के कारण यदि लड़ाई छिड़ महाभारत रामायण प्रभृति प्राचीन ग्रन्थों में 'तिमि' 'तिमि- भो जातो थो, तो उमे शान्ति भन नहीं होता था। इस जिल' 'महातिमिशिल' नामसे इस राहदाकार जोवका बंशक बारहवें राजा नम्बर ग्यसवनके राजस्व कालमें उ उल्लेख है। परिष्टॉटल अपने जोव-तत्त्वमें सिमि, शशक घोर तमनके मन्त्रियों ने मिल कर राजाके विरुद्ध सड़ाई और मत्स्स इन्हें परस्पर विभिच श्रेणोक बतला गये डाम दी थो। लड़ाई में राजा पपनी सारो क्षमता खो बैठे हैं। उनका कहना है कि "तिमि ठीक प्रन्यान्य चोपाये और केवल नाम मात्रके राजा रम गये। तसनके राजा जानवरों की तरह खास प्रवास लेता है, मनाम करता हो वास्तव में राजक्षमताका परिचालन करने लगे। स तथा मादा तिमि जीवित और पाकाग्युत सन्तान प्रकार जब भाग्य लक्ष्मो ससमकै राजाके प्रति ढल गई, प्रसव करतो है और स्तन्य दे सन्तानका पालन करतो ठीक उसी सलय मुगल वोर गुणरीयाने तिब्बत पर धाया है।बन फुम पुम् प्रति भीतरक शरीरयन्त्रक कार्य माग और उसे जीत लिया। गुथरीशनि म दसई भी अन्यान्य चतुष्यदों की तरह होते हैं।" लामाको तिम्बसका गज्य प्रदान किया। यह घटना सिमि प्रयामत: दो भागों में विभतार-दन्तविशिष्ट और