पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/५७०

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तिरहुत-तिरासी चढ़ा है। तिरहुतम पाम, कटहन, बेल, नीबू, अनार, केला, (७६) सरेसा (७७) शाहजहानपुर (७८) ताजपुर (७८) अमरूद, और जामुन यथष्ट उपजते हैं। तालाबमें मवाना सप्या भातशाला (८०) सिग्मोन (८१) तिरयानी (८२) बहुत होता है। तिनकचान्द (८३) तिरमत (८४) चौकला है। • धान तीन प्रकारका होता है-पाउम वा भदई, सिणही विद्रोह -१८५७ ई० में मवाद पाया, कि मिपाको अगहनो वा हेमतिक और साठो। यहांको प्रधान उपज विद्रोहमें उन्मत्त बहुतमे बिद्रोहो मिपाहो स्वदेश गेह, जौ, चना, जई, कोदों, जुनहगे. मड़ पा, कोदो, तिरहुतको लौटे पा रहे हैं। यहां अगरेज पहलेमे ही घ्यामा, चेना, अरहर, खेसारो, मूग ममूर आल तिल, रक्षामा उपाय खोज रहे थे । नो मनुष्य भयभोत हो तिमी, गेडो, रुई, पान, ईख, तमा ग्व, अफीम, कुसमन कर अपने अपने परिवारको अन्यत्र भेजनेको व्यवस्था कर आदि हैं। खनिज द्रव्यों में मोगका काम हो खूब बढ़ा रहे थे । जून महीने के तोमरे मलारमें ऐमा सुना गया कि वारिमालो नामक एक व्यक्ति जिमका जन्म दिल्लोके बाद. __शामनविभाग-सिरहत जिला दरभङ्गा और मुजफ्फरपुर शाम वशमें था. पटन के ममलमानों के माथ इस विष इन दो जिलों में विभका हुआ है। एमके प्रत्येक पत्र व्यवहार कर रहा है। इम पर एक नवयुवक जिले में तीन उपविभाग है । इन छ: विभागों वा पूर्वतन मिविलियम और चार नोलकर माहब नमे पकड़ने के तिरहुत जिले प्रभो कुल निम्नलिखित ८४ परगत बगते लिये गये और पटने तथा गया मध्यवर्ती किमो स्थान के २-१)अहिलवर (२) अहोम (३) अकबरपुर (४)आला. एक मशहर बदमाशको, जो इम विषयमें चिट्ठो लिख पुर (५) बावरा न. १ (६) वावरा नं० २ (७) बाबरा रहा था, पकड़ लाये। वारिसअलोको फासो हुई। तुर्की (८) बादभुसारो (८) बहादुरपुर (१०) बाम्नागाछ बाद जरोफखांन उन लोगों के अधिनायक हो कर मुझेर (११) बानयन (१२) बरेल (१३) बमोतरा (१४) बंगई को डाक तथा कलकरका घर ल ट लिया। पीछे उन्होंने (१५) भदबार (१६) भाला (१७) भरवारा (१८) भौर राजकीय कोषागार पर धावा मारा, किन्तु पुलिस और (१८) विचार (२०) बोचुहा (२१) चकमणि २२) धरौरा नाजिमोंने उन्हें मार भगाया । विद्रोही लोग अन्नोगजको (२३) ढढ़नबंगरा (२४) दिलबरपुर (२५) कन्दराबाद २६ भाग गये। इसके सिवा यहां और कोई गड़बड़ो नहीं फरपुर (२७)गदेवर (२८) गड़चाँद (२८) गरजौल (३० हुई, मगर अनेक तरहको जकाए अवश्य हुई थी। गोर (३१) गोपालपुर (३२) हाजोपुर (३३) हमोदपुर (३४), तिरहुतिया ( हि० वि०) १ तिरहुत मम्बन्धी, जो तिर- हाटी (३५) हवेलो दरभङ्गा (३६) हाबो (३७) हिरनो हुतका हो । (पु०) २ वह जो तिरहुतमें रहता हो (३८) जबदो (३८) जहानाराबाद (४०) जखलपुर (४१) (स्त्री.) ३ तिरहुतको बोनो। जाखर (४२) जराल (४३) कम्बरा (४४) कमाहौलो (५५) तिरा (हि.पु.) एक प्रकारका पौधा। इसके बीजीसे कसमा (४६) थन्द (४७) खुपसन्द (४८) लयारो (४८) तेल निकलता है। लोबन (५०)महिला (५१) महिला जिला तुर्की (५२) तिराटो ( सं स्त्री० ) निसोत । महिन्द (५३) मकरबपुर (५४) मड़वाकला (५५) मड़वा- तिरानवे (हि. वि.)१ जिमको संख्या नब्बेसे तोन खुर्द (५६) ननपुर (५५) नारङ्गा (५८) नौतन (५८) अधिक हो। (पु.) २ वह संख्या जो नब्बे और तीनके निजामउदोनपुर बोगरा (६०) पोधरा (६१ पछी (६२) योगसे बनी हो। पछिम (पच्छिम ) भोगो (६३) पदी (६४) परहारपुर तिराना (हि.वि.) १ पानीके अपर ठहराना। २ जबदो (६५) परहारपुर मोवाम (६६) परहारपुर घो तैरना । ३ पार करना। ४ निस्तार करना, तारना । (६७. पिण्डारूज (६८) पिङ्गी (६८) पूरब (पूर्व) भोगो तिरासी (हि. वि.) १ जिसको मख्या अस्सीसे सोन (७०) रामचन्द (७१) रतो (७२) महोरा (७३) सलोमा अधिक हो। ( पु० ) २ वह मख्या जो अस्मो पोर तोनके बाद (७४) सलीमपुर महया (७५) सराय हमीदपुर योगसे बनो हो।