पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/५९

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१५ वहां चुम्बकदलके चारों तरफको कुण्डलीमें प्रवाहित टेव ( स्त्रो.) पन्यास पादत, बान । हो कर एक बार चुम्बकको पतिको कास धौर एक बार टेवकी (हि.सो.) १नावका वहशेटा पास जो मब वृद्धि करता है। इसलिए उमर्क पासकी लोहकी पत्तियाँ पालोंसे जपरम सता। २ बासको वा लकड़ी जो एक बार अधिक और एक बार प्रत्य जोरसे पालट हो दोनों छोरों पर कुछ दूर तक चिरो गहतो । शुसाहा घर स्पन्दित होती रहती है, यह स्पन्दन चीण होने पर डाँडोमें एमे रमलिए लगात, कितामा गिनिन पाये। भी प्रथम नलकी पत्तियोंके स्पन्दन के हबह अनुरूप होन- टेवा (हि.पु.) १ जन्मपत्री, जयकुण्डली। मग में वीणतर होता है, किन्त अनुरूप शब्द सत्या पत्र। इसमें विवाहको मिती दिन, घड़ीपादि लिखी करता है। रहती है। विवाहसे कुछ पाले माई लड़की के यहाँ- बहुत समय सुभीतके लिए चुम्बकके स्थान पर लौर से शकुना माथ इस जमपत्रोको ले कर लड़केपिताको दण्ड दिया जाता है भोर ताडितकोष के साथ संयुता देता है। करके उसको प्रस्खायो चुम्बकमें परिणत किया जाता है। टेसू (दि. ५०) १ पलाशका फूल, ढाकको फूमा । २ पाय- किसी तारमें अति क्षीण ताड़ितप्रवाहको पकड़नके का पेड़ । ३ लड़कोका एक उत्सव।समें शेटे छोटे लड़के लिए टेलिफोन व्यक्त होता है टेलिफोनके तारका विजयादगमोको तोनम्नकड़ो पोर मिडोका पुतला धमा ताडितप्रवाह माधारण ताडित माविक तार के प्रवाह- कर कुछ गाते हुए दरवाजे दरवाजे चूमते है। इसी की अपेक्षा बहुत थोड़ा होता है। किन्तु उतनमे ही तरह वे पांच दिन तक घूमा करते हैं पर लोगोंसे जो टेलिफोनमें श्रवण करने योग्य शब्द उत्पन्न होता है। कुछ भिक्षा मिलती उममे वे मिठाई और लावा सर्गदत इसलिए उस तारकै पाम टेलिफोनका तार रहने से उR- है। अन्तिम दिन वे बोए हुए खेतों पर जात पौर में विपरीत नाडिनस्रोत उत्पन्न होकर टक् टक शब्द अनेक तरह के खेल कपरत इत्यादि करते हैं। बाद उत्पब होता है। मिठाई लावा पापममें बाँट कर शामको घर लौट १८७६ ई में मि• बलने टेलिफोनका आविश्कर आते हैं। किया था। १८७७ ई० में जर्मन राज्यमें पहले पहल टेहरो-१ युक्तप्रदेश के अन्तर्गत एक देशीय राज्य । यह पक्षा. टेलिफोन प्रचलित इमा था। फिलहाल टलिफोनका! ३.६ मे ३११८ उ. पोर देया. ७७४८ से ७८२४ बहत प्रचार हो गया है । क्या विलायत और क्या हिन्दु पूमें अवस्थित है। भूपरिमाण ४२०० वर्गमील। म्तान, मयंत्र बई बड़े नगरों में धनवान् लोग अपने अपने दमके उत्तरमें पचाबक राविम पौर बधार राज्य तथा मकानों में टेलिफोन-यन्त्र लगवाते है। इसके जरिये बड़त तिब्बत ; पूर्व पोर दक्षिणमें गढ़वाल जिला तथा परिम- पामानोसे शिक्षाके सिवा अन्य सभी सवाद भेजे जा में देहरादून है । राज्यका अधिकांय गिरिजालसे पाच्छा मकते है। घर घर टेलिफोनसे बात करनेके लिए एक दित है। ऊँचेसे ऊँचे पहाड़की ऊंचाई समुद्राष्टसे मकानसे प्रत्येक मकाम सक तार नहीं रखना पडता। २०००० फुटसे ले कर २१००० फुट तक है। गन्यम गङ्गा व मकानोंके टेलिफोनका तार एक साधारण टेलि- और यमुना दोनों नदी प्रवाहित है। यहां गहा भागौरथी फोन पाफिममें संयुक्त रहता है वहाँ पर पच्छानुसार नामसे प्रसिद्ध है। यह दक्षिण-पश्चिमसे ले कर दक्षिण- कोई भी दो मकानोंके टेलिफोन हारा साक्षात करनके पूर्व होतो हुई देवप्रयागके समोप अलकनन्दासे जा लिए संयम हो सकता है। बड़े बडं शारोमें मोना मिली है। बन्दरपूँछ पहाड़ पायम हो कर यमुना नदी टेलिफोनमें तार जोड, जात है। बहती है। यह दक्षिण पतिम होतो ही राज्यको पूर्वीय टेसी (हि. पु०) प्रासाम, कहार, सिलाट और चटगांव- सोमाको चलो गई है। उादो प्रसिह नदियों के जव- में होनेवाला मझले पाकारका एक पड़ा। इसको लकड़ो स्थानके समीप यमनोवो पौर महोत्री प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में लाक पर मजबूत होती है। मिनों जाती।