पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६३०

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तीयांशु-तीतर भनी सता, बड़ी मालकं गनी । ५ पन्यापर्थी लता।, बड़ा व्यवसाय होता है। उत्तर-पत्रिम हिमालय, कमाड़ा (जलोका, जोक । ७ कट बोग, मिर्च । ८ ताराद वोका बिलेको रामघाट पर्वत, विवाहोर पोर बोचीनमें भो एक नाम। यह उगता है। या दो प्रकार होता है; जीम रन तोरणा (म• पु०) तोणाः पशवो यस्य, बहवो । तिग्म दो जातियों के नाम Cureuma augustifolia एवं रश्मि. सूर्य । . . Curcuma Leucorrhiza | हिन्दीमें दोनों तोशितमय (सं• पु० ) तोरणांशुः सूर्यम्तस्य तनयः, । श्रेणियां तीखुर और तेलङ्गमें अगफ्टगण्डालू नामसे ६-तत् । सूर्य तनय, सर्य के पुत्र । कही जातो। तोरणानि (स'. पु.) १ हातीका एक रोग । २ पजोगा का लोगों का कहना है कि इसकी प्रथम श्रेणीका रोग। ३ जठरानि। देशी नाम कुभा या कुया और दूसरोका नाम तोखर है। तोरणाग्र (. वि.) तोहण: अग्रो यस्य, बहुब्रो० । सूक्ष्मान, इसको खेतो ठीक रम्दीकी खेतीको सरह होती है। वैमो नोजवाला, जिमका अगला भाग तेज या नुकोला लेकिन इसे खोदते समय हम चलाने को जकरत होतो है। इसको जड़ इसमो कठिन होती है कि बिना हल तोरणायस ( स० क्ली. ) अय एव पायस तो खाच तत् चलाये निकालो नहीं जा सकती। यान पूर्वक इसकी खेती पायसीति, कर्मधा। मोहविशेष, सात लोहा। करने पर इससे विलायती पाराकटको तरह उक्लिष्ट द्रव्य रमके संस्थत पर्याय-लोह, शस्त्रायस, शस्त्र, पिण्डा, बनता है। पिण्डायस, गठ, प्रायस, निशित, तीव्र, खस, मुखित, कनाड़ा, कोचीन और विवाहोरमें इससे आरारूट पयस, चिवायस और चोमजा सके गुण-उष्ण, प्रसत होता है। इसका पाटा काशाके बाजारों में विकता सिता , वात, पित्त, कफ, प्रमह, पाण, और शूलनायक वहांक पलवाई इससे एक प्रकारकं मोठे लण्ड बनाते तथा सोक्षण । १, जो खामिम अत्यन्त सुखादु होते है। इसके विस्कुट भो ___रस्पातका चर्ण और विफलाका चूर्ण एकत्र मिला पच्छे बनते हैं। यह कुछ कोष्ठवडकर (कम करने कर दूधके साथ सेवन करनेसे शूलरोग जाता रहता है। वासा) है । बम्बई में पानो मिलाया दूध या चार गाढ़ा तोरणीषु (म.पु.) पमध वाणयुक्त । करने के लिए यही पाटा काममें लाया जाता है। यह सोना । वि.वि.) १ तोहण, जिसको धार या नोक रोगोके लिए भी हितकर है। नाना स्थानों में यह नाना बहुत तेज हो । २ प्रखर, तीव्र, तेज। ३ उग्र, प्रचण्ड । उपायों से प्रस्तुत किया जाता है। उनमेमे गोदावरी जिले- ४ जिमका स्वभाव बहुत उग्र हो। ५ बढ़िया, पच्छा। में जो उपाय अवलम्बित किये जाते हैं, वे ही पाराहट ६ पप्रिय बच्चन । ७ जिमका स्वाद बहुत तेज या शब्दमें लिखे गये हैं। अधिक धूप लगनसे इसमें तनिक चरपरा हो। खापन पा जाता है। यलसे,प्रस्तुत करने पर एक बोधेमें सोखो (हि. स्त्री० ) एक प्रकारका काठका बोजार जो डेढ़ सौ रुपया लाभ हो सकता है। रेशम फेरने वालो के काममें पाता है। इसके बोच में गज तोबल (हि.पु.) विबर देखो। . डाल कर उम पर रेशम फेरा जाता है। तोज (हिं. स्त्रो०) १ प्रत्येक पक्षको सोसरी तिथि । २ तोखर-एलटोको जातिका एक प्रकारका पौधा । इमको हरतालिका दृतिया, भादों सुदो तीज । जड़ो परारूट प्रस्तुत किया जाता है। अरारूट देखो । मध्य (हि. वि.) हरतालिका देखो। मारतमें यह प्रक्षुर परिमाणमें पैदा होता है। बङ्गाल, तोजा (हिं. पु०) १ मुसलमानों में किसोके मरनेके दिनसे मन्द्रास और बम्बई के पहाड़ो प्रदेशों में भी इसकी खेती तीसरा दिन । (हि. वि.)रतीय, तोसरा । होती है। हरिद्रा, कचर और भामल्दो प्रभृतिको तीतर ( पु. ) समस्त एशिया पोर युरोपमें मिलने तरह मध्यभारतकं गयपुर जिलेम सीरवा भी खूब वाला एक प्रसिद्ध पची। इसके दो भेद , चितकारा