पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६६२

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तुदरिलखा सबर-हिन्द और लोहनका गामनभार पाया, पमके बाद कामरूपाधिपतिने कर दे कर राज्य पानेको पाशासे ये कबीजके धामनकर्ता इए। इस स्थानका अधिकार एक विश्वासो मनुष्यको समय पाम भेजा, किन्तु सुरिल पा कर ये विद्रोही को उठ, किन्तु मानिक कूतब उद्दोन् इस पर मरमत न हुए । तत्र कामरूप-पतिने अपनी मैन्य हुसेनसे पराजित हो कर दिछीको लोट पाये। इसके और प्रजाओंको धन दे कर कहा कि जितना मूल्य लगे कुछ दिनों के बाद इन्होंने अयोध्या तथा नक्ष्मणावतोका उतना दे कर कामरूप का सव अनाज खरोद लामो। गासनभार ग्रहण किया। उनके माथ जाजनगरकं प्रजापनि उनके कथनानुसार वैमा हो किया । सुघरिल- अधिपति (उत्कलके गजा)-को नहाई किडो । जाजनग ने देशको उवरता पर विश्वाम कर असम्भव दरमें मध गाधिपतिके मन्त्रो सेनापति हो कर आये थे, किन्तु तुघ• अनाज बेंच डाला ' नमके बाद काटने के समय कामरुप रिल दोनों लड़ाई में पराजित हो कर भाग चने । सोसगे पतिने चारों घोरके जलपथ या नाला खोल दिया जिसमे लसा में मालिक तुघरिनबॉने दिनोमे मैन्यमाहाय्यको कि प्रस्तुत किया हुआ पनाज बह गया। मुमलमानमि पार्थ ना को, बाट लक्ष्मणावतोमे एक वृहत् मैन्यदल निराहार मरनेके डरमे लक्ष्मणावतोको भाग जानेका ले कर जाजनगराधिपतिक अधिकारभुत अमर्दन देश विचार किया। देश जलमे बह रहा है, गस्ता कहौं न पर हठात् पाक्रमण किया। मिला. किन्त पथटशकको महायतासे सब कोई पहाडी ___ यहांके राजा अपने परिवारवर्गका छोड़ कर भाग रास्तासे भाग निकले । अन्तमें एक सोग रास्ते में गये। धनरत्न हाथो बाड़े म त घरिन ग्वाँके हाथ पाकर हठात् हिन्दुओंने आक्रमण कियाः दम युद्ध में शग मग गये। घातमे तुघरिल खों हाथो को पोठ परसे नोचे गिर पड़े सुधारित गजधानो लौट कर रता, खेत और लगा और हिन्दुओं के हाथमे बन्दो हुए। धातुर मैमिक भी वर्ग के चन्द्रानप व्यवहार करन लग : बाद अयोध्या पर बहुतमे मरे और बहतमे बन्दो हुए । नुरिलकी सन्ता चढ़ाई करने के निये अग्रमर हुए । अयोध्या नगर में प्रवेश नादि तथा पत्रोवर्ग भो बन्दो हुआ था। र मब जगर इन्होंने अपने नाम पर खुलवा * पाठ तरिल कामरूपपति के मामने लाये गये। या करने का मादेश किया तथा अपने को सम्लतान मुधिस. उन्होंने अपनो मन्तानसे भेंट करनेको इच्छा प्रकट को । उदोन माममे प्रचार किया ! एक पक्ष के बाद मम्राट के पुत्रके उपस्थित होने पर उन्होंने उसे अपनो गोद में ले अधीन् एक प्रमोग्ने हठात् पा कर मवाद दिया कि मुख-चुम्बन करते करते प्राणत्याग किया। . मम्माटको मैन्य बहत मजदीक पहुँच गई है। यह सुनत तुधान खा-दिल्लोके सम्राट अल तमसका एक क्रोत- हो धरिल खान नौका पर चद कर लक्ष्मणावसोको दास। एनका पूरा नाम मालिक प्राइजुद्दीन-तुनिम्न- पोर प्रस्थान किया। तुधान् खाँ था। ये सुन्दर रूपवान. पुरुष थे । इनमें गुण रम विद्रोहाचरगमे मुसलमान और थोड़े हिन्दू भो भो यथेष्ट थे । दया, दाक्षिण्य, महिमा, भद्रता, उच्चाशय • उन पर विरत हो गये थे। जो कुछ हो, उन्होंने और लोकप्रियतासे मभो इनको बड़ाई करते थे। . लक्ष्मणावतो नौट बाधमतो नदीको पार कर काम सुलतान पल तममने इन्हें ' खरीद कर सबसे पह रूप पर पाक्रमण किया । कामरूपाधिपति पगजित हए माकि-र-खास ( पानपात्र बाहक ) के पद पर तथा उसके तधरिलने कामरूप नगर और धनरत अधिकार किया। बाद सरदौवत-दार ( प्रधान लेख्याधार-रक्षक ) के पट -इरानका कोई विशेष अस मंगलविधान के लिये पाठ पर नियुक्त किया। इसके बाद ये क्रमश: बाद- किया जाता है जो हम लोगों के चण्डीपाठकी नाई है। किसी शाही पाकशालाके अध्यक्ष पौर अश्वशान्लाध्यक्ष नियुक्त मक्तिविशेषके नाम पर खुतवा पाठके अर्धमें हम लोगोंके 'श्र. हुए। इसके बाद ६३० हिजरोमें ये बदाऊ विष्णु प्रीतिकाम" वचनको नाई भगवान के नामकी जगह उस प्रदेशके शासनकर्ता बनाये गये । इस स्थान पर मुख्याधि यहिका नामोल्लेख किया जाता है। लाभ करने के बाद पर विद्यारका शासनभार सौ