पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६७१

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१५६ छोड़ दिया। १९८७ ई० में मुगलाने से जीता पौर तुमड़ों (हि. सो० ) १ कई ए गोल कह का सूखा सोरामें राजधानी स्थापित की। मुगनों के अधीन यह फल । २ वह पाव जो सूखे गोद कह को खोखला कर- १ स्थान सत्तर वर्ष के लगभग रहा । पोछे यह १७५७ ईमें के बनाया जाता है। मूह वाह का एक बाजा जिसको महाराष्ट्रोक हाथ लगी, लेकिन दो वर्ष बाद ही उन्होंने मुंहमे फूक कर बजाते है। पुन: सन्धि हो जाने पर मुगलोको प्रत्यर्पण किया। तुमतड़ाक (Eि प्रो.) तूमतदाक देखा। सन्धि टूट जाने पर १०६६ई में महाराष्ट्रोंने फिरसे इसे तुमसर-मध्यप्रदेश महारा तहसोल और जिलेका एक अपने पधिकारमें कर लिया । बहुत दिनों तक वे इसका शहर। यह पक्षा. २१२२.७० पोर देशा० ७८४६ भोग न कर सके । १७७४ में टीपू सुलतानने इस पर पू०के मध्य भण्डारा शहरसे २७ मील पौर बम्बरसे ५७० अपना अधिकार जमा लिया। मोलको दूरी पर अवस्थित है। जनसंख्या प्रायः ८१५ तुमकूरकी लोकसंख्या लगभग ६७८१६२ है। यहाँ है। यहां १८६७ में म्युनिसिपलिटी स्थापित हुई। हिन्ट, जैन, मसलमान, ईसाई तथा अन्यान्य जातिके सोर या प्रधान वाणिज्य a me रहते है। हिन्दुओं की संख्या सबसे अधिक है। इसमें १८ धानकी अच्छी फसल लगती है। यहां देलगाड़ोका शहर और २७५३ ग्राम है। धान, चना, ईख, नई, खूब बढ़िया पहिया तैयार होता है जो विशेष कर नाग- रागी और नोल यहाँक प्रधान उत्पब द्रव्य है। यहां सतके पुर और बगरको भेजा जाता है। शहर में एक वर्माक्छु । मोटे कपड, कम्बल, रस्म नारियल के रेशे तथा बारीक लर मिडिल स्क ल, एक बालिकाओंका कल तथा एक रेशमका सूत प्रस्तुत होता है। दक्षिण महाराष्ट्र रेलवे चिकित्सालय है। इमो जिले में हो कर बंगाल से पूना तक गई है। . तमामा ( क्रि०) तमानका काम किसी दूसरसे राजकार्यकी सुविधाके लिए यह जिला पाठ तालुको- रामा । में विभक्त है। डिपटी कमिश्रर जिले के प्रधान मान जात हमिनवहो-बम्बईक धारवार जिलेके अन्तर्गत रामोवेवर हैं। इसे अनेक उपविभागों में बांट कर हर एक उपविभाग सालकका एक शेटा शहर । यह तजभद्रा महोके किनारे को एक एक सहकारी कमिश्रर के अधीन रखा गया है। रामोवेव र शहरसे १५ मील . दक्षिणमें प्रवखित है। २ तुमकूर जिलेका पूर्वीय तालुक । यह पक्षा०.१३' लोकमख्या प्रायः ६३४१ है। यहां केवल दो विधा. ७ और १३३२ उ० तथा देशा० ७६५८ और ७७ २१ पू०के मध्य अवस्थित है। भूपरिमाण ४५५ वर्ग मोल तमती (हि.स्त्री०) एक प्रकारको चिड़िया। ओर लोकसंख्या प्रायः १०७५१३ है। इस तालुकमे १ तमुर (सलो .) तुमुल लस्वर। .. तुमुल, सेनाका शहर और ४७७ ग्राम लगते हैं। इसका पूर्वाय भाग कोलाहल। २ क्षत्रियांको एक जाति । इसका बख जाल तथा पहाड़ोंसे परिपूर्ण है । यहांको जमोन बहुत पुराणों में पाया है। उबंग है, अतः प्रति वर्ष अच्छी फसल होती है। तमल (सतो.) सौत्र धात, बाहुलवात, मुलक। सुपारो तथा नारियल के पेड़ सब जगह नजर पाते हैं। १ रणमल, लड़ाई को हलचल । २ कलि वच, बहेड़- ३ उक्त तालुकका एक शहर । यह प्रक्षा० १३२१ का पेड़। ३ व्याकुल युद्ध, गहरो मुठभेड़। (नि.) 3. और देशा० ७७६ पू० ; बङ्गाल रसे ४३ मोल उत्तर ४ प्रचण्ड, उग्र, तेज। पश्चिममें अवस्थित है। जनम'ख्या ११८८८ के लगभग त मलयुद्ध ( स० वि० ) त मुम्ल युद्ध। घोरतर संग्राम, है। यह पहर एक उच्च स्थान पर बसा हुपा है। इसके घमसान लड़ाई। धारों भोर केले और ताड़के बन है । प्रवाद है, कि दर्त- तुम्ब (स'० पु.-स्त्री०) तुम्बति नाशचत्यवचिं तम्ब अच् । मान शहर मभिसुरवंशके कान्त परसू नामक एक अलाबू, लोको। व्यक्तिहारा स्थापित छपा है। यहां १८७०१ में म्य निस- तुम्बक (म० पु. ) तुम्ब-खु ल । असावु, लोपा, लौकी। पाखिटो कायम हुई है। .. २ धन्धाक, धनियाँ।