पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६८१

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(१२८८-१९२६) श्रीसमानने राजा को कर प्रोक- राज्य र खायी दे दिया। १९७t में यं उरखाने वासियों के माथ खड़ाई करके उनके अनेक स्थान जोत बसफरम पार कर ग्रोकराज्य पर पानामण किया। लिये। मेलजुक राज पलाउहोनको मृत्यु होने पर' समाट जन कण्टाकुजैनस ने अपनी कन्या उरखाको पोसमामने एशिया माइनरके बहुतसे छोटे छोटे गज्यों व्याह दो पौर (१३४६ में) उf शान करनेको पर अपना प्रभुत्व जमाया। १० वर्ष पीछे पहोंने बसा चेष्टा की, किन्तु कुछ फलम निकला। उरजाँके पुत्र पधिकार किया । • उनके नामानुभार इस प्रदेशके सुलेमानने १३५४ में दानलिस पार कर लिम्यि दुर्ग कायि जांतीय तर्कलोग भोसमान-लो नामसे प्रसिद्ध अधिकार दिया। तुर्कोवा रोपमें यहो सबसे पहला हुए। ११२१ ई. में मोसमानली तुऊन बसफोरस पार कर अधिकार था पोर तभी वह उसके हाथमे । कनस्तान्तिमोपलके निकटवर्ती प्रदेश अधिकार दिये, सबाट जम कडाकुजेनस और उनके एक दूसरे १२२५ में इनको मृत्य हुई। इनके बड़े सड़के पर जामाता प्यालियोलोमस के बोच विद्रोह उपखित एषा। खाँ राजा हुए। पोसमान मरते समय उत्तरमें विधिनिया, सरखाने दादनितिमाग गणिपोलि दुर्ग पर पाय- पूर्व में गालामिया, दक्षिमें फ्रिगिया और पश्चिममें सङ्गो- मद चौर अधिकार किया। १३५६ की २५ वर्षको उन्न. रियस नदीके किनारे तक राज्यसोमा बढ़ा गये थे, यों मेंपरखाको मृत्यु हो। उनके मरने के बाद उनका तुरुष्य साम्राज्यका सूत्रपात है। वर्तमान व सामान्य को भागों में बँट गया । प्रति विभाग, सम्राट रनों के वंयोजव है। . एक पाया नामक राजा हुए । पारसोक “पय पार" (१२२६-११५.)-उर खाने राजा होकर अपने शब्दसे पाया शब्दकी उत्पत्ति, जिसका पर्थ 'जो फारम भाई पलाउहोनको प्रधान बलोरके पद पर निबुत शासकी प्रधानतः रचा करे' होता। किया। उर खाँने अपने नाम पर मिला पसाने तथा . (१८५८-१३८८)-सरखकि बईलड़के सुलमान पतवा पढ़मेका पादेश दिया। केवम रहोंने हो खाधो वो गिर कर मर गये, सतत शेटे पुत्र मुराद रांजा नता पवसम्बन की। राबवासनके लिये प्रमोंने जो ए। राजा ने साथ ही उन्होंने पवषिष्ट बार कर्मचारी नियुक्त किये, आज तक नहीं पड़ी पर जण्यापन सामान्य अधिकार करनेका सयोग किया। कर्मचारी नियुक्त होते पार। उनको शासन- १२६१ में उन्होंने पाद्रियानोपल अधिकार किया चोर . प्रणालो अब भी प्रचलित है। नोभावविद्रोहको वहा राजधानो खापित की। रि, बोसनिया, सर्भिया. पाशा करते हुए पहलेसे ही. सतर्क रहने उद्देश्यसे चौर वालासियाके राजगर मुरादक विधी गये। एक नियमित सैन्यदल सङ्गठित किया। इस तरहको किन्तु ये सबके सब तुर्की के हार के १३५१ में पूर्व- सेना य रोपमें पहले किसोने भो नियुक्त न की थी. इस रूपसे पराजित हुए । रस युधमें ऐसा बुसंगेरिण, काममें प्रधान विचारक काम खलोल चन्दौलीने उन्हें । माकिदोनिया, घसालो चौर एपिरस तुर्की के साथ करी । सलाह दी था। इस सैन्यदलको भिमेरो कहते थे। १३५६में मुरादने कारामानियाकै सेलनुबराज पक्षा. सीसे वर्तमान तुरुयके जैनिसेगे (नवगठित मन्य- उहोनको वशीभूत कर अपने अधीन राजा सा दल) शब्दकी उत्पत्ति हुई।१३३. में इसो स्वीकार किया। इतने में सर्भियाके राजा लाजारसने सैन्यको ले कर फिलोकनक युपमें सम्राट, उरखाने बोसनिया, बुलगेरिया, हारी, पोलंड पौर वाला अपने छोटे भाई पान्द्रनिकस को पराजित किया। सिया राजाणेको सहायता पा कर तुर्की के विका इस लड़ाई में उन्होंने निकिया जीता और वहां राजधानी सई ठान दो। १५८८ में सर्मियाके दक्षिण स्थापित की। छह वर्ष बाद (१३३६.में)ोंने कोसोवा नामक स्थानमें मुरादके साथ लड़ाई छिड़ो। मिदिया दखल किया। ·१३३३१ में समाट, पान्द्र- लड़ाई में रसको मदों बहने लगी। लाजारस के द.कर निकसने एक सन्धि को जिसमें उन्होंने अपना एशियाका खिये गये। साहायाकारी राजमव भाग चले। प्रधान Vol. Ix. 168 :