पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६८५

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पाक्रमण किया। बहुतसी घमसान लड़ाइयां हुई। युवक-ममाट को बहुत उत्साह एमा । भन्लापुर स्वाग पन्तम १६०६को पहमदने मिटमाटोरोक नामक कर वे मैन्यको संग्रामें दत्तचित्त हुए। दो वर्ष के बाद स्थानमें सन्धि कर लो। इस युद्ध में सुलतामने स्त्रिया- एशियाको युयात्रा कर उन्होंने पारूम, एरिबन और को उसके पधिवत उत्तर हङ्गरोका कर छोड़ दिया। ताबिजका उद्धार किया । १६३८१ में बोगदाद भो उहार रम समय नदारलण्ड के माथ वाणिज्य स्थापित हुआ। किया गया। इस युद्ध में ८० हजार मनुष्यों को जाने गई एकदल कोशाकने कम समय ऐशियामें मारनप मगर थौं। १६२८-ई में पारस्थ के साथ सन्धि को गई, जिममें न टा और ध्यम किया। सुलतान स्त्रो और प्रियपात्रों यह स्थिर किया गया कि बोगदाद राज्य तुरखाके और क हाथ कठपुतलो मगेखे थे, हम कारण इनके समयमें। एरिचन पारस्यक पधोन होगा। इस जयसाभके बाद तुरुष्क साम्राज्यको यथेष्ट क्षति हुई यो। स्वदेशको लौट पाने के माथ हो सम्राट को मृत्यु हुई। १६१७ई में रनको मृत्य होने पर इनके भाई प्रथम (१६४०-१६६४)-चतुर्थ मुराद के बाद उनके भाई (१) मुस्ताफाने इमाम तक राज्य किया । अन्तःपुर. १म इब्राहिम राजा हुए। इन्होंने अपने शाममकालमें वामियों के षड़यन्त्रमे ये कैद कर लिये गये थे। कोशाकके हाथमे भाजफ जोता और भिनिधको लड़ाई में (१६१४-१६२२)-प्रथम अहमद के पुत्र रय पोसमान कण्डिया अधिकार किया। राजा दिनगत भोगविलासमें गजा हुए। पोलण्ड का युद्ध इनके राजत्वकाल लगे रहते थे। जेमिमेरिके विद्रोहमें ये मारे गये। में प्रथम और प्रधान वटना था। तुमक मम्राट क्रोतः (१६४८-१६५७)-प्रथम इब्राहिमको मृत्यु के बाद दासोके सिवा ओर दूमरो कमागेसे विवाह नहीं कर उनका मात वर्ष का लड़का चतुर्थ मरम्मद राज्य मिश्रा मकते थे । इन सम्राट नै वह नियम उल्बान कर प्रधान मन पर बैठा । म अहमदको स्त्री और पनको पिता. कर्मचारोको कन्यामों मेंसे तोनके साथ विवाह किया: महो दनको अभिभाविकाथों। नबालिग प्रवस्थाम इस कारण वे प्रजाके अप्रोतिभाजन हो गये। जेमिमे हमेशा वजोर हेर फेरमे राज्यमें बहुत गड़बड़ी और लोग विद्रोही हो उठे। उन्होंने मुमता के परामर्शमे सुलतान जति हुई थो। १६४८ मे १६५६ ई. के मध्य १८ बार को कैद किया और उनके कुपरामर्शदाताओं को मार प्रधान मन्त्रो परिवर्तित हुए, अन्तमें वृद्धा सुलताना डाला। प्रथम मुस्ताफा कारागारसे मुक कर राज्याभि मार-पिक अन्त: पर षड़यन्त्रसे मारो गई । १६५६ पित किये गये, किन्तु उनके पागल हो जानेमे हित य ई में महम्मः केप्रिजोने प्रधान वजोर हो कर राज्यको मोसमानके भाई चतुथे मुराद गज्यामिहामन पर बैठे। दुर्दशा दूर को। ट्रानमिलभानिमाके राजा गगोजोने (१५२३-१६४० )-चतुर्थ मुगद १२ वर्षको अष्ट्रियाको कई एक देश दे कर मम्राट, १म नियो. अवस्था में राज्याभिषित हुए। प्रथम दश वर्ष तक उनको पोल्ड के साथ भोषण संग्राम शियः । तुमष्क मेनानि बहुत माता उनको अभिनाविका थी, पोछ वे निष्ठ र तथा । ने देश दाल किये। १६६४ ई के एक युद्ध में तुरुष्क कार्यदक्ष सम्राट निकले । इन के समय में बोगदाद के शाह मेना पराजित हुई। बाद मन्धि हो जाने पर ट्रानसिल विद्रोही हुए और बोगदाद पारस्य के प्रधान आ गया। भानिया और हङ्गरोक और भो कईएक अंश अष्ट्रिया क्रिमियाके तातारीने विद्रोहो हो कर तुर्की मेनापति मामाज्यभुक्ता इए। सुलतानने १९६८ में कगिडया कपूदान पाथाको पगम्त किया । प्रायः डेढ़ हजार जोत कर इसको क्षति पूरो को। १६७५ई में उन्होंने कोशाक इस समय बमफरम के किनारे ल ट पाट मचाने पोलगड़ के बहुत अंश जय किये । १६८२ ई०को रङ्गरो- लगे। तब जेनिमेरियों ने कासर हो कर अपने ही कम- में विद्रोह उपस्थित हुआ । उसको सहायता देने में तुरुष्क म्तान्तिमोपलके एक अंथमें भाग लगा कर सम्राट.को के साथ पष्ट्वियाका पुनः युद्ध छिड़ा। १६८३१० में चेता दिया कि, 'पापको तलवारके माछाय्यके विना राज्यः प्रधान वीर कग मुस्ताफाने २ लाग्य सेना माथ ले का कष्ट.दूर नहीं हो सकेगा।' १५३३१ में हम बातसे भियना नगर्ग अवरोध किया, किन्तु काउन्ट टारम- Voi. Ix. 169 .