पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/७३८

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तास)-महान प्रदेव चोवी एका प्रेमी सेवापुर. ) जसा पुर। तेजोरि नामाका प्रदेयके वावराण दो सादायों में विभ -एक समूह। ....' बड़गल का सत्तरवेदी और दूसरा ताल वा दक्षिणवेटी जफला (म• बो०) तेजसे फलमस्त मजा पति या कम- रामानुजके समय ये लोग एक ही सम्प्रदायंभुक्त थे। पर। इनमेट. एका पेड़वा नाम, नेमपाल। पर्याय- छमके बाद रामानुज पिच मंगवलमनुखि बा राम्यज बहुफल, प्यास्मयोकामसावकाफल खायफस, गन्धकल, मविक मतावलम्बी सास चोर रामानुजके अन्य शिव काय। गुप-वर बट. बोचा. सुगन्ध, दोषन, . वेदान्ताचार्य वा वेदान्तदेषिक अनुवर्ती लोग बढ़गल- वातोपा चौर परविनायक तथा बालरक्षागारक है। नामसे प्रसिदए । विसो किसोका कहना है, कि वायो तेजकर-ग्वालियरके एक राजा। रमका दूसरा नाम पुर-वासो वेदान्तदेशिकने यह प्रचार किया था कि "मैं दुल बाराय था । मा कवि पराव पादिको प्रन्यो तेत्र. दाक्षिणाव वाधवकुलके पाचार व्यवहारका संशोधन करणको विस्त पाख्यायिका लिखी।। देवसाह बरने और दाक्षिणात्य के उत्तरापथके सनातन पान एवं राजा रममावी कन्या के साथ रमका विवाह पा था। धर्म को पुनः प्रतिष्ठान लिए भगवान्हारा प्रेरित पुषा रगमनके कोई पुन मघा. इसलिए उनीने तेजकरणको ।" बड़गलोंने उनका मत मान लिया, पर बालों में ही अपना राज्य दे दिया। तेजवारपदी विषय में सब- किसो भो नी माना। इसलिए दोनों दलोम विषम राय, टाड साहब और जनरल कनिन हमने जो निरूपण विरोध खड़ा हो गया। परन्तु दोनों सम्प्रदाय, विष्णुक किया है, या वर्षाव नहीं मान म पड़ता। . 'पासकाबगन लोग विष्णुको भौति विग्यशिका देणे ग्वालियर शब्द, पष्ठ ०४१, भाग ६। अस्तित्व और उसका प्रभाव भी मानते, किन्त और तेजधारी (हि.वि.) तेजस्वी, प्रतायो। विलो भो विषयमें उमको कम योलता खोकार नहीं तेजन (संपु.) जयति या पम्मिमिति वा तिज- करते। इसी मतभेदको लेकर दो दशों में विरोध पोर णिच- । वंश, बांस । १ मुख, मूज। ३ भद्रमुख, विषम विष खड़ा हो गया है। इस विषय में बने रामपर, सरपत। (जी.) ४ दीपन, दौल करने या बादानुबाद भी हो चुका है। सेज उत्पब करनेकी क्रिया या भाव। ५ भोजन । - इसके सिवा तिलकसेवाले विषय में भो .बहुत बा चटाई। सिरके बालका गुप्फा। वितण्डा उषा करता है।लों के तिमव सिंहासन तेजनक (म• पु. ) तिज-विचार,संत्रायां वन् वा । होता है, पर बड़गलों में नहीं पाया जाता। दोनों हो परतव, मरपत। दल अपने अपने तिलकाको माखसम्मत और विपक्षियोंके तेजनारस (सं.पु.)जन पास्या यख । मुख तमा, तिलकको शाजविस सिद्ध करनेकी चेष्टा करते राते मूज। ।कभी कभी इस विषयको ले कर बहार भोपा तेजनालय ( पु.) मुगवण, मुंज। बरतो है। सेजनी (म• खो.) तेजन-गौरा डोष । १ । ..बड़गल और तेल दोनों विवावादी होने पर भी २ विका, चव्य, पाव । १ नोवतो, तेजबल। ४ ज्योति- एक जाति होनेसे परस्पर विवाह सम्बन्ध होता। अती, मासकंगनौ। तेज( पु०) तेजस देगे। तेजपत्ता ( पु.) दारचीनीको जातिका एक पेड़। तब (फा० वि० ) १ तोच्या धारका, जिसको धार पनो मात इसका नाम तमालपोर गरजी सजिद हो। २ जो चलनेमे बहुत तेज हो। जो काम करनेमे शाम Cinnamomuni Tamala | इमसे पनुमान पुरतोला हो। ४ तोय, तोखा, झालदार । ना किया जाता है, कि यह संस्मक जिवाणीके तमाल मुल्य, मांगा। ६ उग्र, प्रचण्ड ७ जिसमें भारी प्रभाव जातीय इचोक पन्तर्गत पंगरेजी उशिद शाखौ हो। जिसकी बुद्धि बहुत तोचो । जो बहुत रसका दूसरा नाम Cassis Lignea वा Cassia Cinus- पाया। monti