पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/७६४

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७५२ तोम्बार-तोड़ा लोवरचार-मध्यभारतके ग्वालियर राज्य का एक जिला। तोड़जोड़ ( पु.) युति, चाल । २ ब ड़ा यह पक्षा० २५४८और २६५२ तथा देशा. कर काम निकालना । ७७२२ और ७८.४२° पू० के मध्य अवस्थित है । भूपरि- तोड़न (म लो०) तुड़ भावे ल्य,ट् । १ भेदम, छेद करने माग १८२८ वर्गमोल और लोकमन्या प्रायः २६८४१४ को क्रिया। २दारण, चोरने या फाइनका काम ।। है। यहाँक प्रधान पधिसो तो वर ठाकुर के नाम पर हिंसन, मारनेका काम । हो जिले का नामकरण एमां है। इसमें गोहद नामका तोड़ना (हिं. कि.) १ भन्न, विभता या खण्डित करना। एक शहर और ७०४ ग्राम लगते हैं। यह चार परगनो- २ किमो बस्तु के बंगको किसी प्रकार पलग करना । २ में विभना, अम्बा, गोहद, जीरा और नूगवाद। किमो बस्तुका कोई पंश काम करना। ४ किसो संग- राजस्व १११२००० का है। ठन व्यवस्थाको नष्ट कर देना। ५ खरोदनेके लिए तोक (संको०) तौति पूरयति ग्रह तु-वाइल कात् किमो पदार्थ का दाम घटा कर निश्चित करना ६ सेंध क। १ पपत्य, लड़का या लड़को। २ शिश, बालक, मगाना । ७किसोका कुमारीत्व भ करना। ८ होण बचा। श्रोष्णचन्द्रकै सखापा ममे एक। . दुबल करना। निश्चयके विरुक्ष पाचरण करना । तीकका (मपु.) चाषयमो, नोलकह। १० दूर करना, पलग करना। ११ खिर न रहने देमा, सोकरी(स्त्रिो०) एक प्रकारको लता। यह प्रायः कायम नरहने देना। . फोम पौधों पर लिपट कर उन्हें सुखा देतो है। तोड़न ( को०) तन्त्रभेद, एक तन्छ । तोकवत् : म त्रि.) तोक विद्यतेऽस्य तोक-मतुप सोड़ा-मन्द्राज प्रदेश पन्तर्गत मोलगिरिनिवासो एक मस्य व । वादियुक्त, जिमके पुत्रपौत्र हो। असभ्य जाति। किसीका मत है, कि तामिल तोरवम्' तोक्म (सं० पु. ) तकन्ति मन्ति प्रानन्दिता भवन्ति वा तोरम शब्दसे तोड़ वा सोड़ा शब्द निकला है जिसका लोका पनन तक-वाहुलकात्म पोत्वञ्च। १ रिक्षण पर्थ है पशुपाल वा यूथ । अपना यव, हग और कच्चा जौ। २ हरिहण, हरारंग। तोड़ों के मतानुसार इनके चार पाच. युथ है जिनमेसे ३ मेघ, बादल। ( लो. ) ४ कर्ण मल, कानको मैल। दो तो नि:शेष प्रायः है। .. ५ नवप्ररूढ़ यव, जीका नया अर। ६ पलवयुक्त इस जाति के लोग दोखने में लम्बो, शरीरानुरूप गठन, पार, वह कर जिममें पत्ते निकल गये हों। वलिष्ट तथा खाधोन प्रवतिके होता है। नाक लम्बी, सोक्मन् ( स० को०) तोक-मनिन् पृषोदरादित्वात् अत- ललाट चोड़ा, गण्डखल गोल, चिबुक और भौंक बाल उत्वं । १ नवमरूद यव, जौका नया अंकुर । २ अपत्य, खूब काले होते है। देखने में मानो ये पाचात्य सभ्य लड़का, लड़को। जातिको एक शाखा है। इन लोगों का जैसा भाव तोटक (म' को० ) १ हादशाक्षरयाद छन्द, बारह वेसो हो पोशार्क भी है, पर कुछ विशेषता है। अक्षरका वर्णहत्त। म छन्दके प्रत्येक चरणमें १२ लोग एक कपड़ोको दोहरा कर पानतो है।खों पुरुष पक्षर होते हैं। २ शहराचाय के चार प्रधान शिमिमे दोनों ही सिर पर पगड़ो धारण करता है एक । इनका दूसरा नाम नन्दोखर था। ___सोडालोग स्वभावत: बहुत पपरियार रहती है। तोटका (हि.पु.) तोटका हो। खो बहु विवाह कर सकता है। पकसर दो चार भाई- तोह (हि. पु० ) १ तोड़नेको क्रिया । २ नदी पादिक में एक सो रहता है। जलको तेजधारा। ३ दुर्ग को दोवारों पादिका वह मवेशी पादिका पालन करना हो इन लोगों का जो गोलेको मारमे टूट फट गया हो। ४ प्रति- प्रधान उपजीविका है। ये लोग प्रधानता दूध, दही, घो कार, मारक ।' ५ दहोका पामो। कुश्तोका एक पैच पोर मामा.प्रकारक.दलान ना खा कर रातो है। जिससे कोई दूसरा पेच रद हो। ७ बार, भीक, दफा। ये लोग धर्म में हर बनाकर राती बसे