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फला-फेनक
फूला हिं० पु० ) १ खोला, लावा। २ गन्नेका रस फेटना : हिं० कि० ) १ लेप या लेईकी तरह चीजको हाथ
पकाने या उबालने का एक बड़ा कड़ाह। ३ पक्षियों का ! या उँगलीसे मथना। २ गडोके तासोंको उलट पलट
एक रोग। इससे उसका सारा शरीर सूज आता है कर अच्छी तरह मिलाना। ३ उँगलोसे हिला कर खूब
और मुहमें कांटे निकल आते हैं जिससे वह मर जाता है। मिलाना।
४ आंखका एक रोग । इसमें काली पुतली पर सफेद दाग ' फेटा (हिं० पु०) १ कमरका घेरा . २ कमरव'द,
या छींटा-सा पड़ जाता है, फूली।
पटुका । ३ धोतीका वह भाग जो कमरमें लपेट कर बाधा
फूली ( हिं० स्त्री० ) १ मफेद दाग जो आंखकी पुतली पर गया हो। ४ सूतकी बड़ी अंटी, अटेरन पर लपेटा हुआ
पर जाता है। इसमें मनुष्यकी आंखकी दृष्टि कुछ कम हो सत। ५ सिर पर लपेट कर बांधनेका वस्त्र. छोटी
जाती है । यदि वह दाग सारी पुतलो पर या उसके तिल पगडी।
पर हो, तो दृष्टि बिलकुल मारी जाती है । २ एक प्रकारकी फेटो ( हि स्त्री० ) अटेरन पर लपेटा हुआ सूत, सूतका
सजो । ३ मथुराके आसपास होनेवाली एक प्रकारको रुई। पोला।
फूस ( हिं० पु०) १ छप्पर आदि छाननेकी सूखी हुई लम्बी : फेसी ( अं० वि०) फैसी देखो।
घास। २ शुक तृण, खर, तिनका।
फेकरना (हिं० कि० ) आच्छादनरहित होना, नंगा होना।
फूहड़ (हिं० वि०) १ जो किमो कार्यको सुचारुरूपसे न फेकारना ( हिं० क्रि०) खोलना, या नंगा करना।
कर सके, जिसकी चाल ढाल बेढगी हो। २ जो फेण ( स० पु० ) स्फायते वद्धते इति स्फाय (फेनमीनौ ।
देखनेमें मनोहर न हो, भद्दा ।
जण ३३ ) इति नक, फ शब्दादेशश्च मतान्तरे णत्वं ।
फूहर ( हिं० वि० ) फूहड़ देखो।
महीन महीन बुलबुलोंका वह गठा हुआ समूह जो पानी
फूहा (हिं० पु०) रुईका गाला !
या और किसी द्रव पदार्थ के खूब हिलने, यासड़ने खौल-
फूही ( हिं० स्त्री०) १ पानीकी महीन वूद। २ महीन :
": नेसे ऊपर दिखाई पड़ता है। फेन देखो।
बूंदोंकी झड़ो, झांसी।
फेत्कार ( स० पु० ) अव्यक्त वायु शब्द या पशुध्वनि ।
फेंक ( हिं० स्त्री० ) फेंकनेकी क्रिया या भाव।
फेत्कारिणी ( स० स्त्री० ) फेत्करोतीति कृ-णिनि, ङीप ।
फेंकना ( हिं० कि० ) १ इम प्रकारको गति देना कि दूर
तन्त्रविशेष।
जा गिरे, अपनेसे दूर गिराना। २ एक स्थानसे ले जा.
फेत्कारीय ( स०पु० ) तन्त्रविशेष ।
कर और स्थान पर डालना । ३ कुश्ती आदिमें पटकना, .
फेन (सं० पु० ) स्फायते वर्द्धते इति स्फाय ( फेनमानों
दूर चित गिराना। ४ अपव्यय करना, फ़जूल खर्च
च। उण ३।३ ) इति नक फेशब्दादेशश्च । १ जलके
करना । ५ चलाना, ले कर घुमाना या हिलाना डुलाना,।
ऊपर उठा हुआ बुलबुला। फेण देखो । संस्कृत पर्याय-
६ उछालना। परित्याग करना, छोड़ना। ८ जूए आदि.
हिण्डिर, अधिकफ, हिण्डोर, समुद्रकफ, जलहास,
के खेलमें कौड़ो, पासा, गोटी आदिका हाथमें ले कर इस
फेनक। फेन शब्दका नकार दन्त्य होगा। कोई कोई
लिपे जमीन पर डालना कि उनकी स्थितिके अनुसार
मूर्द्धण्यका भी व्यवहार करते हैं।
हार जीतका निर्णय हो। ६ गवाना, खोना। १० :
___वानीर, गगन, फेन और ऊन इनका नकार दन्त्य न
असावधानीसे इधर उधर छोड़ना या रखना.।११ अपना ।
पीछा छुड़ा कर दूसरे पर भार डाल देना।
होगा। किसीके मतसे केवल गगन शब्दमें मूर्खण्य ण
फेंकाना (हिकि०) फेकनेका काम कराना।
होता है। २ नाकका मल, रेट ।
फेंगा (हिं पु०) फिमा देखो।
फेनक ( स० पु०) फेन स्वार्थे संज्ञायां वा कन् । १ फेन,
फेट ( हिं० स्त्री०) १ कटिका मण्डल, कमरका घेरा ।२. माग। २ पिष्टकविशेष, टिकियाके आकारका एक पक-
कमरमें बाँधा हुआ कोई कपड़ा, कमरमंद। ३ फेटा, वान या मिठाई। ३ गात्रमा नादिवत् क्रियाविशेष,
शरीर धोने या मलनेकी एक क्रिया
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पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/११६
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