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चंदर-बंधान
बदर (फा० पु०) समुद्रके किनारेका वह स्थान जहां बना होता है जिसमें गोली रख कर बारूद या इसी प्रकार-
जहाज ठहरते हैं।
के किसी सहायतासे चलाई जाती है। जो गोली इसमेंसे
बदरगाह ( फा० पु०) समुद्रके किनारे जहाजोंके ठहरनेके निकलती है वह अपने निशाने पर जोरसे जा लगती है।
लिये बना हुआ स्थान ।
इसका उपयोग मनुष्योंको तथा दूसरे जीवोंको मार डालने
बंदरा (हिं पु० ) वनग देखो।
अथवा घायल करनेके लिये होता है। वर्तमानकालमें
बदली (हिं पु०) रुहेलखण्ड में पैदा होनेवाला एक साधारणतः सैनिकोंको युद्धमें लड़नेके लिये यही दी
प्रकारका धान। इसका दूसरा नाम रायमुनिया और जाती है। इसके कई भेद होते हैं।
तिलोकचन्दन भी है।
बंदूकची (फा० पु०) वह सिपाही जो वंदूक
बदवान (हिं० पु० ) बदीगृहका रक्षक, कैदखानेका अफ- चलाता है।
सर।
वदूख (हिं॰ स्त्री० ) बंदूक देखो।
बंदसाल ( हिं० पु० ) कैदी रखनेकी जगह, कैदखाना, : बदेरी ( फा० स्त्री० ) दासो, चेरी ।
जेल।
बंदोबस्त (फा० पु०) १ प्रबंध, इंतिजाम । २ वह मह-
बंदा (फा० पु० ) १ सेवक, दास। २ शिष्ट या विनोत कमा या विभाग जिसके सपुर्द खेतों आदिको नाप कर
भाषामें उत्तमपुरुष।
उनका कर निश्चित करनेका काम हो । ३ खेतीके लिये
वंदानी (फा० पु.) १ गोल दाज, तोप चलानेवाला।२ भूमिको नाप कर उसका राज्यकर निर्धारित करनेका
एक प्रकारका गुलाबी रंग। यह पियाजी रंगसे कुछ। काम ।
गहरा और असली गुलाबी रंगसे बहुत हलका होता है। बंधना (हि क्रि० ) १ बधनमें आना, बद्ध होना, बांधा
यंदारू ( हिं० वि० ) १ बन्दनीय, बन्दन करने योग्य ।२ जाना। २ रस्सी आदि द्वारा किसी वस्तु के साथ इस
पूजनीय, आदरणीय । (पु० ) ३ बदाल देखो। प्रकार संबध होना कि कहीं जा न सके। २प्रेमपाशमें.
बंदाल ( हिं० पु० ) देवदाली, घघर बेल ।
बद्ध होना, मुग्ध होना। ३ प्रतिज्ञा या बचन आदिसे
बदि ( हि स्त्री०) कारानिवास, कैद।
बद्ध होना ४ स्वच्छन्द न रहना, फंसना, अटकना। ५
बदिया ( हि त्रा० ) बदो नामक भूषण जो स्त्रियां सिर
नया मिरबंदी होना, कैद होना। ६ दुरुस्त होना, ठीक होना।
पर पहनता हैं।
क्रमनिर्धारित होना, चला चलनेवाला कायदा ठहराना।
बंदिश । फा० स्त्री० ) १ बांधनेकी क्रिया या भाव । २
| बंधना ( हि पु० ) १ कोई चीज बांधनेकी वस्तु, कपड़ा
रस्सी आदि । २ वह थैली जिसमें स्त्रियां सीने पिरोनेका
प्रबन्ध, योजना, रचना। ३ षड्यन्त्र ।
सामान रखती हैं।
बंदी (हि.पु.) १ चारणोंकी एक जाति जो प्राचीन-
धनि ( हि स्त्री० ) १ बन्धन, वह जिसमें कोई चीज
कालमें राजाओंका कीर्तिगान किया करती थी, भाट। ।
बंधी हुई हो। २ वह जो किसी चीजको स्वतन्त्रता
भी देखो। (स्त्री०) २ एक प्रकारका आभूषण जिसे आदिमें बाधक हो, उलझाने या फंसानेवाली चोज ।
स्त्रियां सिर पर पहनती हैं।
बँधवाना (हि. क्रि० ) १ बांधनेका काम दूसरेसे कराना,
बदी। फा० पु.) १ कैदी। (स्त्री० ) २ दासी, चेरी। २ कैद कराना। ३ तालाब, कूओं आदि बनवाना,
बदीग्वाना ( फा० पु०) कैदखाना, जेलखाना । तैयार कराना। ४ देना आदि नियत कराना, मुकर्रर
बंदोघर ( हिं० पु. ) कैदखाना, जेलखाना।
कराना।
बंदीवान (हि.पु.) कैदी।
बधान (हि.पु.) १ किसी कार्य के होने अथवा किसी
बंदूक ( अं० स्त्री०) धातुका बना हुआ नलीके रूपका पदार्थके लेने देने आदिके सम्बन्धमें बहुत दिनोंसे चला
एक प्रसिद्ध अस्त्र। इसमें पीछेकी ओर थोडासा स्थान ' भाया हुआ निश्चित क्रम या नियम, लेन देन आदिके
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१३८
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