पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१५५

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बजरपोम-पटन १४६ दाने तथा छोटे छोटे पात्र बनाये जाते हैं। मलवारमें उत्पन्न करना। २ आघात पहुंचाना । २ किसी चीजसे इसके पेड़ोंको लोग समुद्रके किनारे बागोंमें लगाते हैं। मारना। ३ चोट पहुंचा कर आवाज निकालना। यह पेड़ चालीस बयालीस वर्ष तक रहता है और अन्तमें बजाय ( फा० अव्य० ) स्थान पर, जगह पर, बदले में। पुराना हो कर गिर पड़ता है। बजारी । हिं० वि०) १ बाजारसे सम्बन्ध रखनेवाला, बजरबोंग (हि.पु.) १ अगहनमें होनेवाला एक प्रकार बाजारू । २ साधारण, सामान्य । का धान । इसका चावल बहुत दिनों तक रह सकता है। बजारू (हि.वि.) बाजारू देखो। २बांसका मोटा और भारीडा। बजुआ (हिं० पु०) बाजू देखो। बजर-हड्डी (हिं स्त्री०) घोडे के पैरोंकी गाठोंमें होनेवाला बजुल्ला ( फा० पु० ) वांह पर पहननेका विजायठ नामका एक फोड़ा जो पक कर फूट जाता है और तब वहां भाभूषण । घाव हो जाता है। यह घाव बराबर बढ़ता जाता बजूखा (हि.पु. ) बिजूखा देखो। है और गांठकी हड्डी फूल आती है। इससे घोड़ा बज्जात ( फा० वि० ) दुष्ट, बदमाश, पाजी । बेकाम हो जाता है। वह रोग असाध्य माना जाता है। बजाती ( फा० स्त्री० ) दुष्टता, बदमाशी । बजरा (हि. पु० ) १ एक प्रकारकी बड़ी और पटी हुई बज्मी --कर्णवासी एक मुसलमान-कपि । इनका असल नाव । इसमें नीचेकी ओर एक छोटी कोठरी और एक नाम अबदुल सफर था। कुछ समय सिराज नगरमें रह बड़ा कमरा होता है तथा ऊपर खुली छत होती है। २ कर ये सम्राट जहांगीरके शासनकालमे गुजरात-राज्य बाजरा देखो। आये। इन्होंने १६१६ में पद्मावती नामक पारसी भाषा- बजरी (हि० स्त्री०) १ ककड़के छोटे छोटे टुकडे जो गच- में पद्मावती उपख्यान लिखा। सम्राट शाहजहानके के ऊपर पीट कर बैठाए जाते हैं और जिस पर सुरकी राजत्वकालमें १६३४ ई०को ये जीवित थे। और चूना डाल कर पलस्तर किया जाता है। २ छोटा बज्र ( स० पु० ) वन देखो। नुमायशी कंगूरा । यह किल आदिकी दीवारोंके ऊपरी बझवर ( हि स्त्री० ) १ बन्ध्या स्त्री, बांझ औरत । २ भागोंके बराबर थोड़े अन्तर पर बनाया जाता है और २ बाँझ गाय, भैंस या कोई मादा पशु। ३ अन्नके पौधोंक इसकी बगलमें गोलियां चलानेके लिये कुछ अवकाश डंठल जिनसे बाले तोड़ ली गई हों। रहता है। ३ ओला। बझान (हिंस्त्रो०) बझनेकी क्रिया या भाव, बझाव । बजवाई (हिं स्त्री० ) बाजा बजानेकी बझाना (हि.क्रि.) बधनमें लाना, उलझाना। बजवाना (हि. क्रि०) बजानेके लिये किसीको प्रेरणा बझाव ( हिं० पु० ) १ वझनेका भाव, फंसनेकी क्रिया या करना, किसीकी बजानेमें प्रवृत्त करना। भाव। २ उलझाय, अटकाव । बजया (हिं० वि० ) बजानेवाला, जो बजाता हो। बझावट ( हिं० स्त्री० ) १ बझनेकी क्रिया या भाव । २ उल- बजा (फा० वि० ) उचित, वाजिब। झाव, अटकाव। बजाज (अ.पु०) कपड़े का व्यापारी, कपड़ा बेचनेवाला। बट ( हिं० पु. १ पट देखो। २ बड़ा नामका पकवान, बजाजा ( फा० पु० ) बजाजोंका बाजार, कपड़े बिकनेका . वरा। ३ रस्सीकी ऐंठन, वल । ४ बाट, बटखरा । ५ स्थान। , बट्टा, लोढ़िया । ६ गोल वस्तु, गोला । मार्ग, रास्ता । बजाजी ( फा० स्त्री० ) १ कपड़ा वेचनेका व्यापार, बटई ( हि स्त्री० ) बटेर नामकी चिड़िया। बजाजका काम । २ बजाजकी दूकानका सामान, विक्रीके बरखर (हिं० पु. ) घटखरा देखो। लिये खरीदा हुआ कपडा। बटखरा (हिं. पु. ) तौलनेका मान, बाट । बजाना (हिं० कि०) १ किसी बाजे आदि पर आघात बटन ( हि स्त्री० ) १ रस्सी आदि बटने या ऐंठनेकी पहुंचा कर अथवा,हवाका जोर पहुंचा कर उससे शब्द : किया या भात्र, ऐंठन । (पु०) २ एक प्रकारका बादलेका Vol. XV. 38