पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१६८

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पदननिकाल-बदमाशी बदननिकाल ( फा० पु०) मलखम्भको एक कसरत। राजकीय रेलवे लाईन चली गई है। अहमदनगरकी राज- इसमें मलख भके पास खड़े हो कर दोनों हाथोंकी कैंची कन्याने इस नगरको यौतुकमें पाया था। इसीसे कोई बांधते हैं । इसमें खेलाडीका मुंह नीचे, कमर मलखभसे कोई इसे वदनेराबोबी भी कहते हैं। प्राचीन नगर-भागमें सटी हुई और पैर ऊपरको होते हैं। मुगल-कर्मचारियोंका आवास था। वहांका मट्टीका बदनसिंह - भरतपुरके जाटयशोय एक राजा, चूड़ामन दुर्ग आज भी नजर आता हैं । राजवंशधरगण अयथा कर सिंहके पुत्र । ये १७१२ ईमें जाटदलके सरदार बनाये संग्रह करते थे जिससे धीरे धीरे यह नगर जनशून्य होता गये । सहार नगरमें इनकी राजधानी थी । डिगका विख्यातः गया। आखिर १८२२ ई० में राजा रामसुत्राने इस नगरको दुर्ग इन्होंने ही बनवाया था। १७३६ ई०में नादिरशाहके : अच्छी तरह लूटा और दुर्ग तथा प्राचीर को तहस नहस आक्रमण-कालमें ये जीवित थे। कर डाला । शहरमें सूती कपड़े बुननेकी एक कल है। बदनसीब ( फा० वि० ) अभागा, जिसका भाग्य बुरा हो। बम्बई शहरमें रुईकी रफ्तनी होनेके कारण इस स्थानकी बदनसीबी (फा० स्त्री० ) दुर्भाग्य। वाणिज्योन्नति दिनों दिन होती जा रही है। बदना (हिं० कि० ) १ वर्णन करना, कहना। २ नियत बदनोर राजपूतानेके वदनी राज्यका एक प्रधान शहर । यह करना, ठहराना। ३ सफलता पर जीत और असफलता अक्षा० ३५५० उ० और देशा० ७४.१७ पू.के मध्य पर हार माननेकी शर्त पर कोई बात ठहराना, होड़ अवस्थित है । जनसंख्या दो हजारसे ऊपर है। शहरमें लगाना। ४ स्वीकार करना, मान लेना। ५ गिनतोमें एक डाकघर, वर्नाक्युलर स्कूल और उत्तरमें बैरातगढ़ लाना, कुछ समझना। नायकाका प्राचीन भग्न दुर्ग है। यहांके ठाकुर राठोरकी बदनाम (फा० वि०) जिसकी कुख्याति फैली हो, जिसकी भरतिया शाखाके अन्तर्गत हैं और ये अपनेको राय निन्दा हो रहो हो। योधके कनिष्ठ पुत्र दूदाके वंशधर बतलाते हैं। बदनामी ( फा० स्त्री० ) अपकीर्ति, लोकनिन्दा। बदपरहेज (फा० वि०) कुपथ्य करनेवाला, जो खाने बदनीयत (फा०वि०) १ जिसकी नीयत बुरी हो, जिसका पीने आदिका संयम न रखता हो। अभिप्राय दुष्ट हो । २ जिसके मनमें धोखा आदि देनेकी बदपरहेजी (फा० स्त्री०) कुपथ्य, खाने पीने आदिो असंयम । इच्छा हो, बेईमानी। बदबख्त ( फा०वि० ) अभागा, बदकिस्मत । बदनीयती (फा० स्त्री० ) बेईमानी, दगाबाजी। बदबाछा ( फा० पु० ) वह हिस्सा जो बेईमानी करनेसे बदनुमा ( फा० वि० ) कुरूप, भद्दा । मिला हो। बदनूर -मध्यप्रदेशके बेतूल तहसीलका एक सदर। यह बदबू ( फा० स्त्री०) दुर्गन्ध, बुरी बास । अक्षा० २१.५५ उ० और देशा० ७७५४° पू० मचना बदबूदार ( फा० वि० ) दुर्गन्धयुक्त, जिसमें बुरी बास नदीके किनारे अवस्थित है। जनसंख्या छः हजारके आता हा। करीब है। यहांसे चार मील दूर खेरला ग्राममें गोंडबदमजा ( फा० वि०) १ दुःस्वाद, बुरे स्वादका, खराब । जायकेका, । २ आनन्दरहित । राजाओंका प्रासाद और भग्न दुर्ग विद्यमान है। शहरमें बदमस्त (फा० वि० ) १ अति उन्मत्त, नशेमें चूर । एक मिडिल इलिश स्कूल और एक अस्पताल है। । २ कामनोन्मत्त, लपट । अनेरा--बरारके अमरावती तालुक और जिलेका एक बटमस्ती । फा० स्त्री०) १ उन्मत्तता, मतवालापन । शहर। यह अशा० २०५२ उ० और देशा० ७७४६ २ कामोन्मत्तता, लपटता। पृ०के मध्य अवस्थित है। जनसंख्या दश हजारसे . बदमाश (फा० वि०) १ दुर्वत्त, बुरे कर्मसे जीविक काटने- ऊपर है। यहां ग्रेट इण्डियन पेनिनसुला-रेलवेका एक वाला। २ दुष्ट, टा। ३ दुराचारी, बदचलन । 'स्टेशन है। अमरावती और इलिचपुर जानेमें इसी स्टेशन बदमाशो ( फा० स्त्री०) १ बुरी वृत्ति, खोटाई । २ नीचता, पर उतरना पड़ता है। इस नगरसे अमरावती तक एक दुष्टता।