पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१७९

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षषकपधिर वैधातिरिक्त हिंसामान ही अनिष्टसाधक है, इसमें जरा या सफलताके अवसर पर आनंद प्रकट करनेवाला पचन भी संशय नहीं और न इसमें किसीका मतभेद ही देखा! या संदेसा, मुबारकबाद । ६ किसी सम्बन्धी, इष्ट मित जाता है। दश आदमी मिल कर यदि प्राणिवध करने | आदिके यहां पुत्र होने पर आनन्द प्रकट करनेवाला जांय और उनमें से केवल एक आदमी बध कर डाले तो बचन या संदेशा। ७ आनन्द मंगल, चहल पहल । सभीको समान पाप होता है, वे सबके सब नरक जाते वधाङ्गक ( स० क्लो०) बधः अङ्गमन कप । कारागार। हैं। हन्ता अधिक पापभागी होगा, सो नहीं। बधाना (हि क्रि०) वध करना, दूसरेसे मरवाना। "बहूनामेककार्याणां सर्वेषां शस्त्रधारिणां। बधाया ( हि० पु० ) वधाई। । वधावना (हि.पु.) गधा। देखो। (मन) बधावा ( हि पु० ) १ वधाई। २ उपहार जो संब यदि कहीं पर एक प्राणिबध करनेसे बहतो प्राणीको धियों या इष्टमित्रोंके यहांसे पुत्रजन्म, विवाह आदि रक्षा होती हो तो वह बध पापमें गणनीय नहीं है। । मंगल अवसरों पर आता है । ३ मंगलाचार, आनंद मंगलके अवसरका गाना बजाना। (प्रायश्चित्तवि०). इसके अतिरिक्त जो सुवर्ण चौर, सुरापापी, ब्रह्मघाती, - बधिक (हिं० पु० ) १ बध करनेवाला, मारनेवाला । २ प्राणदण्ड पाये हुएका प्राण निकालनेवाला, जल्लाद । ३ गुरुपलीगामी और आत्मघाती हैं उनका वध भी पाप- व्याध, बहेलिया। जनक नहीं है। बधिया ( हि पु० ) १ वह बैल या और कोई पशु जो माततायि-शन का वध करनेसे पाप नहीं लगता। अंडकोश कुचल या निकाल कर पंड कर दिया गया हो, अग्निदाता, विषदाता, शस्त्रपाणि और धन, क्षेत्र तथा खस्सी, आख्ता । २ एक प्रकारका मीठा गम्ना। दारा इनके अपहरणकारीको आततायी कहते हैं। बधियाना (हिं० कि. ) बधिया करना, बधिया बनाना। बधक ( स० लि. ) बध-क्व न । १ बधकर्ता. बध करने बधिर ( स० त्रि. ) बध्नाति कर्णमिति बन्ध- ( इषिमदि बाला। २ हिंस्रा, हिंसा करनेवाला । (क्ली० ) ३ : मदीति । उण १५२ । इति किरच । श्रवणेन्द्रियरहित, व्याधि । ४ मृत्यु। बहरा। संस्कृत पर्याय पड, कल्ल श्रवणापर, उच्च- बधकृत ( स० वि० ) बध करोति कृ-क्किप तुक् । बध- श्रवा । कुछ व्यक्ति जन्मसे ही बधिर होते हैं और कुछ कर्ता, बध करनेवाला। । अधिक दिन कर्णरोग भुगत कर । इसका लक्षण-- बधगराड़ी (हिं० स्त्री० ) रस्सो बटनेका औजार । ___ “यदा शब्दवहं वायुः श्रोत आवृत्य तिष्ठति । बधान ( स० क्ली० ) बध करणे कनन् । अस्त्र, हथियार । शुद्धः श्लेष्मान्वितो वापि वाधिय तेन जायते ॥, बधना (हिं० कि० ) १ वध करना, हत्या करना । (पु०) : (माधवनि०) महो या धातका टोंटीदार लोहा जिसका व्यवहार जब वायु स्वयं अथवा कफके साथ मिल र अधिकतर मुसलमान करते हैं। ३ चूड़ीवालोंका एक कर्णस्रोतको भावृत करके रोगीकी श्रवणशक्तिको नाम औजार। कर डालती है, तब वाधिर्य उत्पन्न होता है। बालक बधभूमि (सस्त्री० ) वह स्थान जहां अपराधियोंको और वृद्ध व्यक्तिको यह रोग होनेसे असाध्य समझना प्राणदरख दिया जाता है। . : चाहिये । यदि यह बहुत दिन तक बद्धमूल हो, तो सबोंके बधस्थली (स.सो.) वधस्य स्थलो ६तत्। श्मशान। लिये असाध्य है। वाधिदेखो। जो जन्मसेही बधाई (हिं. सी०) १ वद्धि, बढ़ती। २ वह आनन्द बधिर है वह पितृ धनका अधिकारी नहीं हो सकता। मंगल जो पुलजन्म पर किया जाता है। ३ मंगलाचार, | "अनक्लीवपतितो अत्यन्धी परिधो तथा(मनु) जो मंगल अवसरका गाना बजाना । ४ उपहार जो मंगल या क्लीव, पतित, जन्मान्ध और जन्मबधिर हैं वे अनश साविमा जाप । ५ इष्ट मिलले शुभ, मावार अर्थात् अंशभागी नहीं हो सकते । २ सुनावण । Vol. x