पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१८३

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। पेड़। बनबासो-बना १७७ बनबासी (हिं० पु०) १ बनमें रहनेवाला, वह जो वनमें बनराज ( हिं० पु० ) १ बनका राजा, सिंह । २ बहुत बड़ा बसे। २ जंगली। बनबाहन (हिं० पु०) जलयान, नाव । बनराय (हिं० पु०) बनगज देखो। बनबिलाव ( हि पु० ) बिल्लीकी जातिका एक जंगली बनरी (हिं० स्त्री० ) नववधू, नई व्याहो हुई बधू । जंतु। यह उत्तर भारत, बङ्गाल और उड़ीसामें मिलता बनरीठा ( हिं० पु० ) एक प्रकारका जंगली गैठा। इसकी है। यह बिल्लीसे कुछ बड़ा होता है और इसके हाथ फलियोंसे लोग सिरके बाल साफ करते हैं। इसका पेड़ पैर छोटे तथा दूढ़ होते हैं। इसका रंग मटमैला भूरा काँटेदार होता है और सारे भारतमें पाया जाता है। होता है और इसके शरीर पर काले ल'वे दाग तथा पूँछ , इसके पत्ते खट्टे होते हैं । इसलिये कहीं कहीं लोग इसकी पर काले छल्ले होते हैं। यह प्रायः दलदलों में रहता तरकारी बना कर भी खाते हैं। है और वहीं मछली पकड़ कर खाता है। इसका रूप : बनरीहा ( हिं० पु० ) एक प्रकारको घास । इसकी छालसे बहुत डरावना होता है। कभी कभी यह कुत्तों या बछड़ों सुतली वा सूत बनाया जा सकता है । यह घास खसिया पर भी आक्रमण कर बैठता है। पहाड़ी पर बहुतायतसे होती है। इसे रीसा या बनकटरा बनमानुस (हि० पु०) १ वदरोंसे कुछ ऊँचा और मनुष्य-: भी कहते हैं। से मिलता जुलता कोई जगली जन्तु। विशेष विवरण : बनमह (हि. पु० ) १ वह पौधा जो जगलमें आपसे आप मानुम शब्दमे देवो। २ बिलकुल जंगली आदमी।। होता है, जगली पेड़ । २ पन, कमल । बनमाला (हिं० स्त्री० ) तुलसी, कुद, मंदार, परजाता और बनरुहिया ( हि स्त्री० ) एक प्रकारको कपास । कमल इन पांच चीजोंको बनी हुई माला । ऐसी मालाका बनवर (हिं० पु० ) बिनौला देखो। वर्णन हमारे यहांके प्राचीन साहित्यमें विष्णु, कृष्ण, बनवा ( हिं० पु० ) १ पनडुब्बी नामक जलपक्षी। २ एक राम आदि देवताओंके सम्बन्धमें बहुत आता है। कहा प्रकारका बछनाग। जाता है, कि यह माला गलेसे पैरों तक लंबी होनी बनवाना ( हिं० कि० ) दूसरेको बनानेमें प्रवृत करना, चाहिये। बनानेका काम दूसरेसे कराना। बनमाली (हिं० पु.) १ बनमाला धारण करनेवाला ।२. बनवारी ( हिं० पु० ) श्रीकृष्णका एक नाम । कृष्ण । ३ विष्णु, नारायण । ४ मेघ, बादल । । बनवासी ( हिं० पु० ) बनका निवासी, जगलमें रहने बनमुर्गा ( हिं० पु०) जंगलो मुरगा। वाला। बनमुर्गिया (हिं० स्त्री०) एक प्रकारका पक्षी जो हिमालय- ' बनत्रैया ( हिं० पु० ) बनानेवाला। की तराईमें मिलता है। इसका गला और बक्षस्थल बनसपती (fo० स्त्री० ) वनस्पति देग्यो। श्वेत, समस्त शरीर आसमानी रंगका और चोंच जंगाली बनसार ( हिं० पु. ) जहाज पर चढ़ने और उससे उतरने- रंगकी होती है। यह पक्षी भूमि पर भी चलता है और का स्थान । पानीमें भी तैर सकता है । इसका मांस खाया जाता है। बनसी ( हिं० स्त्री) वशी देखो। बनरखा (हिं० पु०१) वनका रक्षक, जंगलकी रखवाली बनस्थली ( हिं० स्त्री० ) जंगलका कोई भाग, बनखंड । बनस्पति (हिं० पु०) वनस्पति देखो। करनेवाला ।२बहेलियों तथा जंगलमें रहनेवालोंकी एक जाति । इस जातिके लोग प्रायः राजा महाराजाओंको बनस्पतिविद्या ( हिं० स्त्री० ) वनस्पति शास्त्र देखो। शिकारके सम्बन्धकी सूचनाएं देते हैं और शिकारके वनहटी ( हिं० स्त्री० ) एक प्रकारको छोटी नाव जो डांबसे | खेई जाती है। समय जंगली जानवरोंको घेर कर सामने लाते तथा उनका शिकार करते हैं। वनहरदो ( हिं० स्त्री० ) दारुहल्दी। बनरा (हिं० पु०) १ दूल्हा, वर । २ विवाह समयका एक बना ( हिं० पु० ) १वर, दूल्हा। २एक छन्दका प्रकारका मंगल गोत। नाम। इसमें १०, ८ और १४के विश्रामसे ३२ मालाएँ Vol.sv 45