पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१८८

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१५२ बनेलीराज-धन्दा यदि आपको चरित्रगुणमें भारतीय धनी पुत्रोंके मध्य बनैला (हिं० वि० ) वन्य, जंगली। आदर्श स्थान दिया जाय, तो कोई अत्युक्ति नहीं। बनौटी (हिं० वि० ) कपासी, कपासके फूलका-सा । आप बड़े मृगयालब्ध हैं। आज तक आपने बनौरी ( हि स्त्री० ) हिमोपल, बर्षा के साथ गिरनेवाला ७७ व्याघोंको मार कर अपनी वीरता और अदम्य ओला। साहसका परिचय दिया है। उनको सुरक्षित मृतदेह बनौवा ( हिं० वि० ) कृत्रिम, बनावटी। अभी चम्पानगरके राज-प्रासादका गौरव और सौन्दर्य बन्थर-अयोध्या प्रदेशके उनाव जिलेका एक नगर । प्रदान करती है। अलावा इसके आपके अव्यर्थ बन्थली-बम्बई प्रदेशके काठियावाड़ राजाके अन्तर्गत सन्धानसे कितने ५म्भोर, वन्यवराह, मृग और विहंगम- एक नगर। यह मगर २१२८ ३० उ० और देशा० विहङ्गमा अपने नश्वर देहका त्याग कर परमधामको ७०२२ १५०पू०के मा अवस्थित है । बनस्थली देखो। सिधारी हैं, उसकी शुमार नहीं। बन्दयान-काश्मीर राजाके मुजफ्फराबाद विभागके अन्त- ___ आप केवल मृगयामें ही अपने बाहुवलका परिचय गत हिमालय पर्वतश्रेणीका एक गिरिसङ्कट। यह देकर समय नहीं बिनाते, वरन् आप आत्मीय बन्धु- अक्षा० ३१ २२ उ० और देशा० ७८४ पू०के मधा बान्धवोंका पोषण, ब्राह्मणोंका प्रतिपालन, दरिद्रोंका अवस्थित है। समुदपृष्ठसे यह स्थान १४८५४ फुट ऊँचा भरण और शिल्पसाहित्यको उत्साह प्रदान करते हैं। और सब दिन तुषारसे आवृत रहता है। विद्वान और सजनका सङ्ग आपको अति प्रीतिकर है। बन्दर-बदर देखो। आप अगरेजी, बङ्गाला हिन्दी और उर्दू भाषामें अनर्गल बन्दर-मन्दाज प्रदेशके कृष्णा जिलान्तर्गत एक तालुक। कथोपकथन कर सकते हैं। देशके किसी भी सत्कार्य- यह अक्षा० १५४५ से १६२६ उ० और देशा० ८०४८ में, साधु अनुष्ठानमें और सभासमितिमें सदालापी मिष्ट- से ८१३३ पू के मधा अवस्थित है। भूपरिमाण ७४. भाषी आपको योगदान दिये देखते हैं। आप वर्तमान ! वर्गमील और जनसंख्या दो लाखसे ऊपर है। इसमें बिहार व्यवस्थापक सभाके भी एक विशिष्ट सभ्य हैं। २शहर और १६१ ग्राम लगते हैं। बन्दर वा मसली- बिहार में उच्चशिक्षाकी उन्नति और प्रचारके उद्देश्यसे | पत्तन इसका प्रधान नगर है। म.लीपरत्न देखो। बनेलो राजसे भागलपुरके तेजनारायण जुवली कालेजको वन्दरलङ्का (बन्दमूरलङ्का)-मन्द जके गोदावरी जिलान्तर्गत प्रायः ६ लाख रुपयोंका दान किया गया है। पटना कुमारीगिरि नगरका एक गण्ड प्राम। यह अक्षा० १६. (बांकीपुर )-से प्रकाशित सर्व प्रथम अङ्गरेजी दैनिक . २७ उ० और देशा० ८१५८ पू०के मधा अवस्थित है। पत्रिका 'बिहारी' ( The Beharee ) बनेली राजकी पृष्ठ- : १८वीं शताब्दीके पहले अंगरेजोंने गोदावरी नदीके किनारे पोषकतासे स्थापित हुई है। आपने हिन्दू विश्वविद्या- एक कोठी खोली, पर कुछ दिन बाद बह छोड़ दी लय बनारसको लाख रुपये, प्रिंस आव वेल्स मेमोरियल गई । आज भी यह स्थान समुद्रोपकूलवत्तीं छोटे बन्दरमें मेडिकल कालेज पटनाको लाख रुपये और घटिश गिना जाता है। गोदावरी नदीकी कौशिकी शाखाके गवर्मेण्टको युद्ध के समय डेढ़ लाख रुपयेका साहाय्य प्रदान ऊपर अभी यह बसा हुआ है। किया है। गयले ( Bayley) पुस्तकालय पटनामें बन्दा-गुरु गोविन्दका परवत्ती एक सिस्त्र-गुरु । सम्राट प्रचुर दान आपके विद्यानुरागका परिचय देता है। १म बहादुर शाहके राजत्वकालमें उसने सिखसेमा ले अलावा इसके आपके कृपा-फलसे कितने अस्पतालों लाहोर पर आक्रमण कर दिया। सम्राट के भ्राता और स्कूलोंसे लोग लाभ उठा रहे हैं। जो एक बार कामवक्सने गुरुगोविदके पुत्रको कैद कर मार डाला। भी आपके साथ रह चुके हैं। वे सभी आपके चरित्र-: इसका बदला लेनेके लिये बदाने सिखसेना इकट्ठी कर माधुर्य पर मुग्ध हो आपको सम्मान और श्रद्धाकी सम्राटकी अनुपस्थितिमें दाक्षिणात्य पर चढ़ाई कर दी। दृष्टिसे देखनेमें वाध्य हुए हैं। इस समय इसने मुसलमानोंके प्रति बड़ा अत्याचार किया