पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/२११

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बरागाव-परावर २०५ यह मा २५४५४ और वेशा० ८४ २३६ पू०के मिलती हुई वस्तु जो कहींसे निकाली जाय। (स्रो०) मध्य अवस्थित है। चितफिरोजपुर देखो। ३ वह जमीन जो नदीके हट जानेसे निकल आई हो । बरागांव-अयोध्याप्रदेशके सीतापुर जिलान्तगत एक निकासी, आमदनी। नगर। बरामदा (फा०पु०)१ मकानोंमें वह छाया हुआ तंग बराड़ी (हिं० स्त्री० : बरार और खानदेशको रुई। . और लंबा भाग जो मकानकी सीमाके कुछ बाहर निकला बरात (हिं . स्त्री०) १ वर पक्षके लोग जो विवाहके समय रहता है और जो खंभों, रेलिंग या घुडिया आदिके आधार घरके साथ कन्यावालोंके यहां जाते हैं, जनेत। २ उन पर ठहरा हुआ होता है, बारजा। २ मकानके आगेका लोगोंका समूह जो मुरदेके एक साथ श्मशान तक जाते वह स्थान जो ऊपरसे छाया या पटा हो पर सामने या हैं। ३ कहीं एक साथ जानेवाले बहुतसे लोगों का तीनों ओर खुला हो, दालान। समूह । बरामीटर (हिं० पु०) बैरोमीटर देखो। बराती (हिं० पु.) १ विवाहमें वर पक्षकी ओरसे सम्मि- बराय ( फा० अव्य० ) निमित्त, वास्ते, लिये। लित होनेवाला। २ शवके साथ श्मशान तक जाने बरायन (हिं० पु० ) वह लोहेका छल्ला जो ध्याहके समय वाला। - दूल्हेके हाथमें पहनाया जाना है। इसमें रत्नोंकी जगह बरातेही--बङ्गालके कटकजिलान्तर्गत असिया पर्वत- गुजा लगे रहते हैं । मालाका सर्वोच्च शृङ्ग। इस पर्वतके निम्नदेशमें स्थानीय बरार-बेरार देखो। पूर्वतन किसी सामन्त राजधानोका ध्वंसावशेष इधर बरार ( हिं० पु०) १ एक प्रकारका जंगली जानवर । २ उधर पड़ा है। वह चंदा जो गांवों में घर पीछे किया जाता हो। बरानकोट ( पु०) १ वह कड़ा कोट या लबादा जो जाड़े बरारक (हिं० पु० ) हीरा। या बरसातमें सिपाही लोग अपनी वीके ऊपर पहनते बरारी (हिं० पु० ) सम्पूर्ण जातिकी एक रागिनी जो दो हैं। २ ओवरकोट देखो। पहरके समय गाई जाती है। कोई कोई इसे भैरव रागकी बराना (हिं० क्रि०) १ प्रसङ्ग पड़ने पर भी कोई बात छोड़ रागिनी मानते हैं। कर और और बातें कहना। २ रक्षा करना, हिफाजत बरारी--भागलपुर जिलेके भागलपुर शहरसे ४ मील करना। ३ खेतों से चूहों आदिको भगाना। ४ जान ईशान-कोणमें गङ्गाके दाहिने किनारे अवस्थित एक बूझ कर अलग करना, बचाना। ५ देवा देख कर अलग कसबा। यहांके जमींदार उच्च-कुलोद्भव मैथिल ब्राह्मण करना, छांटना । ६ सिंचाईका पानी एक नालीसे दूसरी हैं जो ठाकुर कहलाते हैं। नालीमें ले जाना। ७ खेतोंमें पानी देना । विशेष विवरण बारारी शब्दमें देखो। बराबर (फा०वि०) १ मान, मात्रा, संख्या, गुण, महत्त्व, बरारी- सिन्धुप्रदेशके अहमदाबाद नगरके समीप एक मूल्य आदिके विचारसे समान, तुल्य, एक-सा।२ समान प्राचीन प्राम। यहां राजा चोबनाथकी राजधानी थी। पद या मर्यादायुक्त। ३ जैसा चाहिये वैसा, ठीक। आज भी उसका ध्वंसावशेष देखने में आता है। जिसकी सतह ऊँची नीची न हो। (कि० वि०)५ बरारीश्याम (सं० पु०) सम्पूर्ण जातिका एक संकर राग सर्वदा, हमेशा। ६ साथ। ७ निरन्तर, लगातार। जिसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं। ८ एक पंक्किमें, एक साथ। बराव (हि पु०) निवारण, बचाव । बराबरी (हि.स्त्री०)१ समानता, तुल्यता । २ सादृश्य, बरावर-गया जिलेके अन्तर्गत एक शैलमाला । यह मक्षा सदशवा। मुकाबला, सामना । २५१ से २५ २३ उ० तथा देशा० ८५ ३३०“से ८५ बरामद (फा०वि०) १जो बाहर निकला हुआ हो, पू०के मध्य अवस्थित है। यहांका प्राचीन ध्वंसावा पाहर आया हुआ। २ खोई हुई, चोरी गई हुई या न शेष प्रनतत्त्वानुसन्धित्सु स्थपतिविद्याविस् पण्डितोंका Vol. XV. 62