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बरोह पर्शन
बरोह (हि० स्त्री०) बरगदको जटा जो नीचेकी ओर बढ़ती। वर्कत (हिं० स्त्री०) पत दे।
हुई जमीन पर जा कर जड़ पकड़ लेती है। वर्क लुर-मद्राज प्रदेशके कमाड़ा जिलेके अंतर्गत एक
बरौंछी (हिं० स्त्री० ) सोनारोंकी वह कूची जो सूअरके : प्राचीन प्राम। अभी यह स्थान ध्वंसावशेषमें परिणत
बालोंकी बनी होती है और जिससे वे गहना साफ करते हो गया है। १८८१-८४ ईमें पुर्तगीज-लेखक फेरिया-
इ-सुजाने लिखा है, कि पहले इस नगरमें स्वाधीन
बरौंखा ( हिं० पु.) एक प्रकारका गन्ना जो बहुत ऊँचा , वाणिज्य चलता था । जबसे पुत्त गीजोंने यहां दुर्ग बनाया
या लंबा होता है।
तभीसे इस स्थानको श्रीवृद्धिका ह्रास हुआ।
बरौंदा-१ बुन्देलखण्डके अन्तर्गत एक सामतराज्य ।
वरुड़ देखो।
इसका दूसरा नाम पाथरकछार भी है । भूपरिमाण २१८ बर्खास्त (हिं० वि०) बरखास्त देखो।
वर्गमील है। यह राज्य बहुत प्राचीन कालसे चला आ वर्सेरा--मध्यप्रदेशकी भील-एजेंसीके अंतर्गत एक
रहा है । १८०७ ई०में अङ्गारेजोंने राजा मोहनसिंहको सनद ठाकुरात सम्पत्ति। यहांके भूमिया सरदार घार और
दे कर राजसिंहासन पर प्रतिष्ठित किया। उनके कोई सिन्दियाराजके सामत समझे जाते हैं।
सन्तान न थो । मरते समय वे १८२७ ई में अपने भतीजे बगढ़-१ मध्यप्रदेशके सम्बलपुर जिलांतर्गत एक उप-
सब तसिंहको उत्तराधिकारी बना गये। यद्यपि उस विभाग । यह अक्षा० २०४५ से २१४४ उ० तथा देशां
समय गोद लेनेका अधिकार न था, तो भी वृटिश सर- ८२३८ से ८३ ५४ पू०के मध्य अवस्थित है। भूपरि-
कारने सर्बतसिंहको मजूर कर लिया। १८६२ ई०में माण ३१२६ वर्ग मील और जनसंख्या पांच लाखके
उन्हें गोद लेनेकी सनद मिलो। उनके बाद रघुवरदयाल- करीब है । १८५७-५८ ई०के गदर में विद्रोहियोंने यहां आश्रय-
सिंह राजसिंहासन पर बैठे। राजाबहादुर उनको उपाधि ग्रहण किया था। इसमें १ शहर और ११७२ प्राम लगते
थी। सरकारसे ६ सलामी तोपे मिलती थीं। १८८५ : हैं। देवीगढ़का गोंड़ दुर्ग यहांके बड़र पर्वत पर अव-
ईमें रघुवरकी मृत्यु हुई। उनके कोई सन्तान न थी, स्थित है। जिरा नामक महानदीकी एक शाणा तह-
और न उन्होंने किसीको गोद ही लिया था। अतः वृटिश सीलके मध्य बहती है।
सरकारने ठाकुर प्रसाद सिंहको राज्याधिकारी बनाया। २ उक्त उपविभागका प्रधान नगर । यह अक्षा० २१
ये ही वर्तमान राजा हैं । पृटिशसरकारसे इन्हें ।। २११५ उ० और देशा०८३४३ १५० पू०के मध्य
सलामी तोपें मिलती हैं।
| अवस्थित है । शहरमें एक प्रकारका मोटा कपड़ा तैयार
इस राज्यमें कुल ७० ग्राम लगते हैं। जनसंख्या होता है।
साढ़े पन्द्रह हजारसे ऊपर है। यहांकी भाषा बघेलखण्डी वर्गा-बसहर राज्यका एक हिमालयसङ्कट। यह अक्षा०
३१.१६ उ० तथा देशा० ७८.१६ पू०के मध्य अव-
२ उक्त राज्यको राजधानी । यह अक्षां २५३ उ० तथा स्थित है।
देशा० ८० ३८ पू० कालिञ्जरसे १० मील उत्तरमें अव बगी-महाराष्ट्र, दस्यु गण वङ्गालमें बगीं नामसे प्रसिद्ध
स्थित है। मानसख्या १३६५ है। यहां सिर्फ एक थे। ये लोग हथियारबंद दलोंके साथ नगरमें घुसते
वर्नाक्युलर स्कूल है।
| और नगरवासियोंका सब स्थ हरण कर लेते थे।
बरौठा (हिं० पु०) बगेठ' देखो।
बळ ( हिं० पु० ) वरका देखो।
बरौनी (हिं० स्त्री० ) बरुनी देखो।
बर्जना ( हिं० क्रि०) बरजना देखो।
बरौरी (हिं० स्त्री० ) बड़ी या बरो नामका पकवान। बजह ( स० पु०) दुग्धका उत्पत्तिस्थान ।
वर्क (अ० स्त्री०) १ विद्युत, बिजली। (वि०) २ चालाक, | बर्जा ( सं क्ली०).स्तनका अग्रभाग।
तेज । ३ पूर्ण रूपसे अभ्यस्त, चट उपस्थित होनेवाला । बर्तन (हिं० पु० ) बरतन देखो। .
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/२१४
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