पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/२८३

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२७७ बाव-पांसदा मिथ्या अभियोग, झूठा दोष । ६ कल्पित बात, मनसे गढ़ी, २१५ वर्गमील है। इसके पश्चिममें सूरत जिला, उत्तरमें हुई बात। बड़ौदाराज्य, पूर्वमें दङ्ग राज्य और दक्षिणमें धरमपुर बॉब (हिं० पु० ) सांपके आकारकी एक प्रकारकी मछली। राज्य है। इस राज्यका अधिकांश स्थान पर्वत और बोबी (हिं० स्त्री०) १ दीमके रहनेका भोटा, बबीठा। जङ्गलमय है। कहीं कहीं समतल क्षेत्र भी देखा जाता बॉमी (हिं० स्त्री० ) बॉबी देखो। है। धान, चना और उड़द यहांकी प्रधान उपज है । बाबाछोड़ो ( हिं० स्त्री०) लहसुनियाकी जातिका एक सूती फीता, चटाई, पंखा, पशमीना गलीया भी प्रस्तुत प्रकारका रन। होता है। बांवारथी (हिं० पु०) बामन, बौना। __यहांके सरदार राजपूत वंशीय हैं। ये लोग अपनेको बाया (हि. स्त्री०) बायाँ देखो। हिन्दू और सोलाङ्कि नामक राजपूतवंशसे उत्पन्न बतलाते बांस (हिं० पु० ) १ तृण जातिको एक प्रसिद्ध वनस्पति । हैं। बांसदा नगरके समीपस्थ दुर्भेद्य प्राचीर दुर्ग और इसके कांडों में थोड़ी थोड़ी दूर पर गांठे होती हैं और सैकड़ों देवमन्दिरादिका ध्वंसावशेष इसकी पूर्व सम. गांठों के बीचका स्थान प्रायः कुछ पोला होता है। विशेष द्धिका परिचायक है। मुसलमानी अमलके पहले इनकी विवरण वंश शब्दमें देखो। २ भाला।३ पीठके बीचकी राज्य-सीमा समुद्रोपकूल तक फैली हुई थी। मुसल- हो जो गर्दनसे कमर तक चली गई है, रीढ़। ४ नाव मानोंकी चलतीमें इन्होंने जङ्गल-प्रदेशमें आश्रय लिया। खेनेकी लग्गी। ५ सबा तीन गजकी एक माप, लाठा। महाराष्ट्र लोग इनसे कर लिया करते थे। किन्तु १८०२ बॉसखाली-चट्टग्राम जिलेके अन्तर्गत एक प्रधान वाणिज्य ईमें बसाई सन्धिके बाद पेशवा ने करसग्रहका भार स्थान । यह अक्षा० २२५० १५० उ० तथा देशा. ६१ अंगरेजोंके ऊपर सौंप दिया। वर्तमान राजाका नाम ३१ पू०के मध्य अवस्थित है। यहां चावलका वाणिज्य | महरुल श्रीइन्द्रसिंहजी प्रतापसिंहजी राजा साहब है। जोरों चलता है। सरकारको ओरसे इन्हें सलामी तोपें मिलती हैं। इन- बाँसगवा-१ युक्तप्रदेशके गोरखपुर जिलान्तर्गत पदरौना के पास १५० सेना और १४ कमान है। मुकदमेका तहसीलका एक प्राम। यह अक्षा० २६४८ उ० तथा विचार राजा स्वयं करते हैं। किसोको फांसी देनेमें देशा० ८४१२ पू० गारखपुर शहरसे ६४ मोल पूर्वमें इन्हें पालिटिकल एजेण्टकी सलाह लेनी पड़ती है। राजा- अवस्थित है। जनसंख्या पांच हजारसे ऊपर है। को दत्तक पुत्र प्रहणका अधिकार है। बड़े लड़केही राज- प्रसगांव-१ युकप्रदेशाके गोरखपुर जिलेको एक तहसील। सिंहासनके अधिकारी होते हैं। यह मक्षा २६१४ से २६४३ उ० तथा देशा० ८३४ से | राज्यको जनसंख्या ४० हजारसे ऊपर है जिनसे "४४४ पू०के मध्य अवस्थित है। भूपरिमाण ६१४ हिंदूको संख्या सबसे अधिक है यहां की भाषा गुजरातो धर्गमील और जनसंख्या प्रायः ४३८३६४ है। इसमें ४ है। राजख ७७४३४७ २० है जिनमेंसे वृटिशसरकार- शहर मौर १६६७ माम लगते हैं। इसके उत्तर अमी को ७३५१ रु० कर और १५०० रु. चौथ स्वाप देने दी, दक्षिण गोगरा और पूर्व में राप्ती है। पड़ते हैं। राज्य भरमें ४ बालक-स्कूल और १ बालिका.

. २ उक उपविभागका एक शहर । यह अक्षा. २६३३ । स्कूल है। जंगली असभ्य जातिके लड़कोंको मुफ्त में

तथा देशा० ८३ २२ पू० गोरखपुर शहरसे १६ मील शिक्षा दी जाती है। शिक्षाविभागमें राज्यका पांच बहिण पड़ता है। जनसंख्या पांच हजारसे ऊपर है। हजारसे ज्यादा रुपया खर्च होता है। राज्यकी ओरको एक शहर में दो स्कूल हैं। अस्पताल भी खुला है। संसहा-१ बाके सूरत एजेन्सीके अन्तर्गत एक सामन्त ___२ उक्त राज्यका प्रधान नगर । यह मक्षा० २०४० राज्य । यह अक्षा० २०४२ से २०५६ उ० तथा देशा०७३ तथा देशां०७३२८ पृ०के मध्य अवस्थित है । जनसंख्या १८ से १४३४ पू० के मध्य अवस्थित है। भूपरिमाण ४ हजार के करीब है। राजाके अनुग्रहसे यहां पालक और Vo xv..70