पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/३०७

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काड़िस-पाण ३०१ पिण्डारी-सरदार चोतूने इस स्थानका जागीर रूपमें भोग बाढ़ी ( हि स्त्री० ) १ बाढ़, वढ़ाव । २ अधिकता, वृद्धि । किया था। यहां ईखकी विस्तृत खेती होती है। सूती ३ वह ब्याज जो किसीको अन्न उधार देने पर मिलता कपड़े बना कर बेचना और छिन्दवाड़ा राज्यको वन्य- है। ४ लाभ, नफा। भूमिसे काष्ठ और रङ्गका वाणिज्य करमा यहांके अधिवा- बाढ़ीवान (हिं० पु० ) वह जो छुरी, कैंची आदिकी धार सियोंकी प्रधान उपजीविका है। तेज करता हो । बाडिस (अ० स्त्री० ) स्त्रियोंके पहननेकी एक प्रकारकी बाण (सं० पु० ) वणनं बाणः शब्दस्तदस्यास्तीति बाण- अंगरेजो ढंगकी कुरती। अच । १ अस्त्रविशेष, तीर, सायक। प्राचीनकालमें बापिङ्गन ( स० पु० ) बाड़ प्लावनं तस्मै इङ्गते इति बाड़ । प्रायः सारे संसारमें इस अत्रका प्रयोग होता था और इङ्गल्यु । वार्ताकू। अब भी अनेक स्थानोंके जंगली तथा अशिक्षित लोग बाड़ी हजारोवाग जिलेके अन्तर्गत एक नगर । यह ग्राण्ड- अपने शव ओंका संहार या आखेट आदि करनेमें इसीका दाङ्क रोड नामक पथके एक ओर अवस्थित है। व्यवहार करते हैं। यह प्रायः लकड़ी या नरसलको डेढ़ बाड़ो---अयोध्या प्रदेशके सीतापुर जिलेकी एक तहसील । हाथकी छड़ होती है जिसके सिरे पर पैना लोहा, हड्डी, भूपरिमाण १२५ वर्गमोल है। पहले यहां कच्छ और चकमक आदि लगा रहता है जिसे फल या गांसी कहते अहोर जातिका बास था। १४वीं शताब्दी तक यह स्थान हैं। यह फल कई प्रकारका होता है, कोई लम्बा, कोई उन्हीं के अधिकारमें रहा। पीछे मुसलमान धर्माव- अर्द्ध चन्द्राकार और कोई गोल । लोहेका फल कभी कभी लम्बी प्रतापसिंह नामक किसी हिन्दूने दिल्लीके तुगलक | जहरमें बुझा भी लिया जाता है जिससे आहतको मृत्यु सम्राटके फरमानके अनुसार यह स्थान दखल किया। प्रायः निश्चित हो जाती है। कहीं कहीं इसके पिछले उनके वंशधरगण आज भी चौधरी कहलाते हैं। फिल भागमें पर आदि भी बांध देते हैं जिससे यह सीधा और हाल यहांके अनेक स्थान वैश नामक राजपूतोंके अधि तेजीके साथ जाता है। धनुद देखें। कारमें हैं। २ गोस्तन, गायका थन । ३ केवल । ४ अग्नि, आग। बाकी (हिं० स्त्री० ) बाटिका, बारी, फुलवारी । ५ काण्डावयव, शरका अगला भाग। ६ नीलझिण्टी, वाड़ीगार्ड (अं० पु० ) १ किसी राजा या बहुत बड़े राज- नोली कटसरैया। ७ भद्रमुञ्ज तृण, सरपत, रामसर । कर्मचारीके साथ रहनेवाले उन थोड़े से सैनिकोंका समूह ८ लक्ष्य, निशाना । ( पांचकी संख्या । कामदेवके पांच जिनका काम उसके शरीरकी रक्षा करना होता है। २ वाण माने हैं इसीसे बाणसे ५ की संख्याका बोध होता इन सैनिकोंमेंसे कोई एक सैनिक । है। १० इक्ष्वाकुवंशीय विकुक्षिके पुत्रका नाम । ११ बाड़ीर (सं० पु० ) भृत्य, नौकर । कादम्बरी-प्रणेता एक प्रसिद्ध कवि । घाणभ देखो। १२ बाढ़ (सं० क्ली० ) १ सत्य। २ प्रतिज्ञा। ३ अधिकता, | राजा बलिके सौ पुत्रों से सबसे बड़े पुत्रका नाम । भाग घृद्धि। पतमें इसका विषय यों है- बाढ़ (हि स्त्री०) १ बढ़नेकी क्रिया या भाव, बढ़ाव । २ महाराज बलिके सौ पुत्र थे, जिनमेंसे बड़े का नाम अधिक वर्षा आदिके कारण नदी था जलाशयके जलका बाण था। बाण सर्वगुणसम्पन्न और सहस्त्रबाहु थे। बहुत तेजीके साथ और बहुत अधिक मानमें बहना। ३ इन्होंने हजारों वर्ष तपस्या कर शिवसे वरप्राप्त किया बन्दूक या तोप आदिका लगातार छटना । ४ वह धन जो था । पातालस्थ शोणपुरीमें इनकी राजधानी थी । महा- व्यापार भादिमें बढ़े, व्यापार आदिसे होनेवाला लाभ । देवके अनुप्रहसे देवगण इनके किङ्कर सद्दश थे। युद्ध- ५ तलवार, छुरी आदि शस्त्रोंकी धार, सान। स्थलमें महादेव स्वयं आ कर इनकी रक्षा करते थे। बाढ़कढ़ (हिं स्त्री०) १ तलवार। २ खड़ग। बाणके ऊषा नाम्नी एक कन्या थी। ऊषा प्रति रातको बाढ़सत्वम् (सं०नि०) निशङ्कगामी, अशङ्कित ममन ।। एक कमनीयकान्ति पुरुष स्वप्नमें देखती थी। क्रमशः Vol. xv."76