पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/३१६

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३१० बानात-पान्दा आगेकी ओर घराबर पतला होता चला जाता है। इसके में एटके साथ मिल कर शान्त भावसे राजकार्य चलाने- सिरे पर कभी कभी झंडा भी बांध देते हैं और नोकके को बाध्य हुए। १८८५ में यहांके जो सरदार थे घे बल जमीनमें गाड़ भी देते हैं। ४ तीन साढ़े तीन हाथ बाबी नामसे ही तमाम परिचित थे। मानानदरमें इनका लम्या एक हथियार। यह सीधा और दुधारा तलवारके राजप्रासाद है। इस राज्यके एक दूसरे हिस्सेदार गोदर में आकारका होता है। इसकी मूठके दोनों ओर दो लट्ट रहते हैं। उनकी भी उपाधि बाबी है। सरदारको १७१ होते हैं जिनमें एक लट्ट कुछ आगे हट कर होता है। ५. सेना रखनेका अधिकार है। बुनाई, बुनावट । ६ कपड़े की बुनावटमें वह तागा जो २ उक्त राज्यका एक प्रधान नगर। यह अक्षा० २१ आड़े वल तानेमें भरा जाता है, भरनी । ७ कपड़े को बुना- २८ उ० तथा देशा० ७० पू० के मध्य अवस्थित है। वट जो तानेमें को जाती है। ८ वह जुताई जो खेतमें जनसंख्या प्रायः ८५६१ है। यह स्थान चारों ओरसे एक बार या पहली बार की जाय। एक प्रकारका सुरक्षित है। महीन सूत जिससे पतंग उड़ाते हैं। ( क्रि०) १० आकु- बान्तवाल-मन्द्राज प्रदेशके दक्षिण कणाडा जिला र्गत ञ्चित और प्रसारित होनेवाले छिद्रको विस्तृत करना, | एक नगर । यह अक्षा० १२.५३२० उ० तथा देशा० ७५ किसी सुकड़ने और फैलानेवाले छेदको फैलाना। ४५०“पू० नेत्रवती नदीके किनारे अवस्थित है। उक्त पानात (हिं स्त्री०) एक प्रकारका मोटा चिकना ऊनी नदीके गड्ढोंमें नाना प्रकारके सुन्दर सुन्दर पत्थर पाये कपड़ा, बनात। जाते हैं। यहांका वाणिज्यादि सब दिनोंसे एक-सा पानि (हिं० स्त्री० ) १ घनावट, सज धज । २ आदत, चला आ रहा है। यहांके अनेक द्रष्य महिसुर-राज्य अभ्यास । ३ कान्ति, चमक । ४ वाणी, बचन । भेजे जाते हैं। टीपू-सुलतानके साथ युद्धके समय कुर्ग बानिक ( हिं० स्त्री० ) वेश, सिंगार । राजने इस मगरका कुछ अंश तहस नहस कर डाला था बानिन (हि.स्त्री० ) बनियेकी स्त्री। और प्रायः अद्धक अधिवासी कैद कर लिये गये थे। बानिया ( हि स्त्री० ) एक जाति जो व्यापार, दूकानदारी बान्दा-युक्तप्रदेशके इलाहाबाद विभागका जिला। यह तथा लेनदेनका काम करती है। अक्षा० २४५३ से २५ ५५ उ० तथा देशा० ७६ ५६ से पानी ( हि स्त्री० १ १ प्रतिक्षा, मनौती । २ वचन, मुंहसे | ८१ ३४ पू०के मध्य अवस्थित है। भूपरिमाण ३६० निकाला हुआ शब्द । ३ साधु महात्माका उपदेश । ४ सर- वर्गमील है। इसके उत्तर और उत्तर-पूर्वमें यमुना नदी, स्वती । ५ आभा, दमक । ६ एक प्रकारको पीली मट्टी, पश्चिममें केन नदी और गौरीहर सामन्तराज्य, दक्षिण जिससे मट्टीके बरतन पकानेके पहले रंगते हैं। और दक्षिण-पूर्व में पन्ना और चारखड़ी सामन्त राज्य बानी ( अ० पु०) १ आरम्भ करनेवाला, चलानेवाला । २ | तथा पूर्वमें इलाहाबाद जिला है। बुनियाद डालनेवाला, जड़ जमानेवाला । इस जिलेका अधिकांश स्थान बिन्ध्यपर्वतके प्रत्यन्त- बानैत (हिं० पु०) १ बाण चलानेवाला, तीरंदाज । २ देशमें अवस्थित है। इस मध्यभारतीय अधित्यकामें बाना फेरनेवाला । ३ योद्धा, धीर। धनराजि सुशोभित है। बीच बीचमें पर्वतमालाको उच्च बान्तवा-१ गुजरात प्रदेशके अन्तर्गत एक सामन्त राज्य ।। चूड़ा भी नजर आती है। वर्षाकालमें बहुतसे जलस्रोत भूपरिमाण ५२१ वर्गमील है। मादर और ओजहत नदी अधित्यकाभूमि होते हुए यमुना नदीमें मिलते हैं । केन के इसके दक्षिण भागमें प्रवाहित होनेके कारण यह स्थान और बागैन नामक दोनों शाखाओंका जल निदारुण विशेष उर्वरा देखा जाता है। प्रीष्ममें भी नहीं सुखता। बहुत सी नदियोंके बहनेसे यहांके सरदार मुसलमान हैं। जूनागढ़के नवाब जमीन पर काफी पंक जम जाता है जिससे उसकी उर्वरा- घंशके किसी राजपुत्रने १७४० ई०में यह सम्पत्ति प्राप्त शक्ति बहुत बढ़ जाती है। गेहू, चना, ज्वार, बाजरा, गई, की। १८०७ ई०की सन्धिके अनुसार वे अंगरेज गव- तिल, अरहर, मसूर, धान, पटसन और नाना तेलहन