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पारसितकली-बाराव
२५१४ उ० तथा देशा० ८५.४६ पू०के मध्य अव- सींगों पर कड़ा आवरण नहीं होता, कोमल चमड़ा
स्थित है।
होता है। इसके सींगका आवरण हर साल फागुन चैतमें
बारसितकली---वेरारराज्यके अकोला जिलेके अन्तर्गत उतरता है। भावरणके उतरने पर सींगमेंसे एक नई शाखा-
पक नगर।
का अंकुर दिखाई पड़ता है। इस प्रकार प्रति वर्ष एक
बारह (हिं० पु०) १ बारहकी संख्या। २ बारहका अंक जो नई शाखा निकलती है जो कुमार कातिक तक पूरी बढ़
इस प्रकार लिखा जाता है.---१२। (वि०) ३ जो संख्या जाती है। मादाके सोंग नहीं होते, वे चैत वैशाखमें बचा
दस और दो हो।
देती हैं।
बारहखड़ी ( हिं० स्त्री० ) वर्णमालाका एक अंश। इसमें बारहाँ (हिं० वि०) बारहमा देखो।
प्रत्येक व्यञ्जनमें अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अ, बारही ( हिं० स्त्री०) बच्चोंके जन्मसे बाहरवां दिन । इस
दिन उत्सब आदि किये जाते हैं।
और अः इन बारह स्वरोंको, मात्राके रूपमें, लगा कर :
बारहों ( हिं० पु० ) १ किसी मनुष्यके मरनेके दिनसे बार-
बोलने या लिखते हैं।
बारहटनरहरदास अवतारचरित नामक हिन्दी प्रन्थके
हवां दिन, द्वादशाह । २ कन्या या पुलके जन्मसे बारहवां
दिन । इस दिन कुल-व्यवहारके अनुसार अनेक प्रकारकी
रचयिता।
वारहदरी (हिं स्त्री०) चारों ओरसे खुला हवादा: बैठक ।
पूजा होती है। बहुतोंके यहां इसी दिन नामकरण भी
होता है, बरही। .
इनमें बारह द्वार रहते हैं।
बारा--पञ्जाब प्रदेशके पेशावर जिलेमें प्रवाहित एक नदी ।
बारहपत्थर (हि० पु०) १ वह पत्थर जो छावनीकी सरहद
यह बारा नामक उपत्यका भूमिसे निकल कर काबुल नदी-
पर गाड़ा जाता है, सीमा । २ छावनी ।
की शाहआलम शाखामें मिली है । बारा नामक दुर्गके सामने
बारहबान ( हि पु० ) एक प्रकारका बढ़िया सोना।
यह नदी तीन धाराओंमें विभक्त हो गई है। एक धारा
बारहबाना (हिं० वि०) १ सूर्यके समान दमकवाला।
पेशावर' नगरमें और दूसरी खलील तथा मोहमन्द जाति
२ चोखा, खरा।
अधिवासित प्रदेशमें बह गई है। कोहट और आटकमें
बारहबानो ( हिं० वि० ) १ सूर्य के समान दमकवाला। २
द्रव्यादि ले जाने के लिये नदीमें दो पुल हैं। बारा नदीके
निषि, पापरहित । ३ पूर्ण, पूरा । ४ खरा, चोखा । (स्त्री०)
किनारे धानकी अच्छी फसल लगती है । सिख-अधिकार-
५ सूर्यकी-सी दमक, चोखी चमक।
में यहांसे पेशावर चावल मेजा जाता था जिसमेंसे अधि-
बारहमासा (हिं० पु०) एक प्रकारका पथ या गीत । इसमें
कांशकी रणजिसिंहके यहां खपत होती थी। यह पुण्य-
बारह महीनोंको प्राकृतिक विशेषताओंका वर्णन किसी |
सलिला नदी वहांके हिन्दूकी निगाहमें पवित्र समझी
बिरही या बिरहिनीके मुंहसे कराया गया हो। जाती है।
बारहमासी ( हिं० वि० ) १ सब ऋतुओंमें फलने फूलने.. बारा (हिं० वि०) १ जिसको बाल्यावस्था हो, जो
वाला, सदाबहार।
सयामा न हो। (पु०)२ लोहेकी कंगनी जो बेलनके
बारहवफात ( अ० पु०) अरबी महीने रबी-उल-अव्वलकी सिरे पर लगाई जाती है और जिसके फिरनेसे बेलन
वे बारह तिथियां जिनमें मुसलमानोंके विश्वासके अनु-
फिरता है। ३ एक गीत जिसे कुएं से मोट खींचते
सार महम्मद साहब बीमार पड़ कर मरे थे।
समय गाते हैं। ४ वह आदमी जो कुएं पर खड़ा हो
कर भर कर निकले हुए चरसे या मोटका पानी उलट
कारहवाँ ( हिं० वि०) जो स्थानमें ग्यारहके बाद हो।
कर गिराता है। ५ अंतरेसे तार खींचनेका काम।
बारहसिंगा (हिं पु०) हिरनकी जातिका एक पशु । यह बात ( स्त्री०) १ बरयाना, किसीके विवाहमें उसके
तीन चार फुट ऊँचा और सात आठ फुट लम्बा होता है। लोगोमधयों मिका nिt
नरके सींगोंमें कई शाखाएँ निकलती हैं इसोसे इसका घर जाना। २ वह समाज जो बरके साथ उसे व्याहने-
बारहसिंगा' नाम पड़ा। चौपायोंके सींगोंके समान इसके के लिये सज कर के घर जाता है।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/३२८
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