पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/४१८

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११२ बीजिक-चीतना प्रतापसिंह राजसिंहासन पर अधिरूढ़ हुए। गदरके बीजोदक (स० क्ली०) बीजमिव कठिनमुदकं, तस्य कठिन. ममय उन्होंने वृटिश-सरकारको खासी मदद पहुंचाई त्वात् तथात्वं । करका, भोला । थी जिसमें उन्ह खिलअत और ११ सलामी तोपें मिलीं। बीजोप्तियक ( स० क्ली० ) बीजानामुप्तये शुभाशुभ सूचक १.८६२ ई०मे उन्हें गोद लेनका अधिकार और १८६६ ई०में चक्र। बीज बोनेके लिये शुभाशुभ ज्ञानार्थ साकार महाराजाको उपाधि मिली थी। उनके कुशासनसे राज्य- चक्र । बीज बोने में शुभ होगा या अशुभ, वह इसी चक भरमें आशन्ति फैल गई. आप खुद कर्जके वोझसे किंक- ' द्वारा जाना जाता है।* यविमूढ हो गये। १८६६ ई०में उनकी मृत्यु हुई। वोज्य ( स त्रि.) विशेषेण इज्यः, अथवा वीजाय हितः। कोई सन्तान न रहने कारण उन्होंने ओ के वर्तमान (उरगादिभ्यो यत् । पा ॥११२) इति यत्। जो अच्छे महाराजके द्वितीय पुत्र मामवन्त सिंहको गोद लिया। कुलमें उत्पन्न हुआ हो, कुलीन। था। ऐहो अभी यहांके सामन्त हैं ! वृटिशसरकारसे बीट (हिं॰ स्त्री०) १ पक्षियोंको विष्ठा, चिड़ियोंका गुह । इन्हें भी ११ तोपोंकी सलामी मिलती है। इनको २ गुह, मल । गन्यसंख्या इस प्रकार है. १०० अश्वारोही, ८०० बीटल (हिं० पु० ) विहल देखो। पदाति और ४ कमान । १८६६ ई०की शासननीतिके । बौड़ ( हि स्त्री० ) एकके ऊपर एक रखे हुए रुपये जो वलसे यहांके सरदार मब प्रकारके फौजदारी मामले पर : साधारणतः गुल्लीका आकार धारण कर लेते हैं। विचार करते हैं। बीड़ा (हिं० पु.) १ सादी गिलौरी जो पानमें चूना, इस राज्यमें इसी नामका १ शहर और ३४३ ग्राम कत्था, सुपारी आदि डाल कर और उसे लपेट कर लगते हैं। जनसंख्या सवा लाख के करीब है जिनमेंसे बनाई जाती है। २ वह डोरी जो तलवारकी म्यानमें मेकर पोछे ६६ हिन्दू हैं। मुंहके पास बंधी रहती है। म्यानमें तलवार डाल २ उक्त राज्य का सदर । यह अक्षा० २४ ३६ उ० तथा कर वह डोरी तलवारके दस्तेको खू टीमें बाँध दी जाती देशा० ७६.३० पू० के मध्य अवस्थित है। जनसंख्या है जिससे वह म्यानसे निकल नहीं सकती। ५२२० है। १७वी सदीमें गोंड-सरदार विजयसिंहने बीड़िया ( हिं० वि०) बीड़ा उठानेवाला, अगुआ। इसे बसाया था। पीछे पन्नाके छत्रसालने इस पर अधि- । बोड़ो ( हि स्त्री० ) १ पत्ते में लपेटा हुआ सुरतीका कार जमाया। शहरमें १ कारागार, १ स्कूल, १ अस्प- चूर जिसे लोग सिगरेट या चुरुट आदिके स्थानमें ताल और १ धर्मशाला है। सुलगा कर पीते हैं। २ मिस्ती जिसे स्त्रियाँ दांत बीजिक ( स० त्रि०) बीजयुक्त, बोजवाला। रंगनेके लिये मुंहमें मलती हैं। ३ गडी । ४ बीड़ा देखो। योजित (सत्रि० ) जिसमें बीज बोया जा चुका हो, ५ एक प्रकारका नाब । शंया हुआ। बीतना (हिं० क्रि०) १ समयका विगत होना, गुजरना । बोजिन् (स० पु०) बीजमस्त्यस्येति बीज-इनि । १ पिता। २ संघटित होना, घटना। ३ निवृत्त होना, दूर होना। (त्रि.) २ वीजविशिष्ट, बीजवाला। ३ बीजसम्बन्धी । बीजी (हिं० वि०) १ वीजिन दंग्वा । (स्त्री० ) २ गिरी, * "सूर्यभादुरगः स्थाप्यस्त्रिनाड्य कान्तरक्रमात् । मांगी। ३ गुठली। मुखे तीणि गले त्रीणि भानिद्वादशतूदरे ।। बीजु ( हि स्त्री० ) बिजुली । पुच्छे चतुर्वहिः पञ्च दिनभाच फलं वदेत् । वाजपात ( हि पु० ) वज्रपात दम्बा । वदने चोचकं विद्यात् गलकेऽङ्गारकस्तथा ॥ बीजगे ( हिंस्त्रो) बिजना दग्नी । उदरे धान्यवृद्धिः स्यात् पुच्छे धान्यक्षया भवेत् । योज (हि. वि०) बीजसे उत्पन्न, जो बीज बोनेसे उत्पन्न । इति रोगभयं राज्यं चक्र वीजाप्तिसम्भव ॥" हुआ हो, कलमका उलटा। (ज्योतिस्तत्व)