चवहार-बेहर
महार (हि.पु. ) व्यवहार देखा ।
बेमिन--बसई देग्यो।
बेवा ( फा० स्त्री०) विधवा, रांड़।
बेसिलसिले (हि.कि अध्यवस्थित रूपसे. बिना किसी
बेवाई (हिं० स्त्री०) विवाई देग्यो ।
क्रम आदिके।
बेश ( हि० पु० ) वंश देखा।
बेमा ( फा० कि० वि० । अधिक, ज्यादा।
बेशऊर ( फा० वि० ) नासमझ, फूहड़, मूग्व । बेसुध ( हि वि० ) अनेन, वे होश। २ बेखवर, बद-
बेशऊरी ( फा० स्त्री० ) मूर्खता, नाममझो ।
हवास।
बेशक ( फा० कि. वि. ) निःसंदेह, जरूर ।
बेसुधी ( हि स्त्रो०) अंजनता, बेखबरी ।
बेशकीमत ( फा०वि०) बहुमूल्य, मूल्यवान । 'बसुर ( हि कि० । मंगन आदिको द्रष्टिसे जिसका स्वर
बेशकीमती (फा०वि० । बेशकीमत देग्गे ।
.ठोक न हो, व मेल बराला।
बेशरम ( फा० वि० ) निर्लज, बेहया ।
बसुग ( हि वि०१ - अपने ठिकाने या मौके पर न
बेशरमी (फा० स्त्री० ) निलंजता, बेहयाई।
हो, दमौका। जो यमित स्वरमें न हो।
बेशी (फा० स्त्री०) १ अधिकता, ज्यादती। २ लाभ, व स्वाद । हिं० वि० ) सादरहिन, जिममें कोई अच्छा
मुनाफा। ३ साधारणसे अधिक कार्य करनेको मज- स्वाद न हो। २. स्वाद ग्वराव हो, बद-
दूरी।
जायका ।
बेशुमार (फा० वि०) अगणित, असंख्य ।
बेहगम ( हिं० वि०)जो देखने में भद्दा हो, बेढगा।
बेश्म (हिं० पु० ) गृह, घर।
वेढव, विकट।
बेसन (हिं. पु० ) चनेका आटा, रेहन ।
बेहगमपन (हिं० पु०) दापन, वेढगापन । २ विकटता,
बेसनी ( हिं० वि०) १ बेसनका बना हुआ। ( स्त्री० )२ भयंकरता ।
बेसनकी बनी हुई पूरी। ३ वह कचौरी जिसमें बेमन बेह सना ( हि० कि० ) कार है मना, जोरसे हंसना ।
भरा हो।
बेहड़ (हिं० वि० ) बीदर देवी।
बेसबब ( फा० क्रि० वि०) अकारण, विना किमी सबब बेहतर । फा० वि० ) अपेकत अच्छा, किसीसे बढ़ कर ।
था कारणके।
बेहतर (फा० अव्य०) प्रार्थना या आदेशके उत्तर में स्वीकृति-
बेसबरा ( फा० वि. ) जो संतोष न रख सके, अधीर ।
सूचक शब्द
बेसबरी ( फा० स्त्री०) अधैर्य, असन्तोष ।
बेहतगे ( फा० स्त्री० ) ४ च्छापन, मलाई ।
बेसमझ ( फा० वि० ) मूख, नासमझ।
बेहद ( फा०वि०मिकी कोई मोमा न हो, असीम,
बेसमझो (हिं० स्त्री० ) मूर्खता, नासमझी।
अपार । २ बहुत अधि।
बेसरा ( फा० वि०) आश्रयहोन, जिसे ठहरनेका काई .
बहन ( हि पुo !अाज आदिका वीज जो खेतमें
स्थान म हो।
___ बोआ जाता है, वीा। वि०) २ पीला, जर्द।
सरोसामान (फा० वि०) जिसके पास कुछ भी सामग्री
'बहना ( हि पु०१जुलाहोंको एक जाति जो प्रायः
न हो, दरिद्र।
सवा (हिं स्त्री० ) वेश्या, रण्डी ।
धुननेका काम करती है। २ रूई धुननेवाला, धुनिया।
बेसवार (हि.पू.) वह सड़ाया हुआ मसाला जिससे वहया ( फा०वि० ) जिरा हया या लज्जा आदि विलकुल
शराब सुआई जाती है।
न हो, निलंज।
बेसाहना ( हि कि० ) १ खरीदना, मोल लेना। २ जान बेहयाई ( फा० स्त्री० ) वंशमों, निलं जता।
बूझ कर अपने पोछे लगाना।
वहर (हिं० वि० ) १ साबर, अचर । २ पृथक , अलग ।
बेसाहा ( हि पु. ) सामग्री, सौदा ।
(पु० ) २ वापी, बावली।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/५१६
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