पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/८०

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७४ फलांग-फलास्थि फलांग (हिं० स्त्री०) १ एक स्थानसे उछल कर दूसरे स्थान फलाफल ( स० क्ली० ) फल और अफल, अच्छा और पर जानेकी क्रिया या उसका भाव। २मालखंभकी एक खुरा । कसरत। यह एक प्रकारको उड़ान है। इसमें दोनों फलाफलिका (सं० स्त्री० ) फलसहितं अफल तदस्ति हाथोंको जमीन पर टेक कर पैरोंको उठाते और चक्कर अस्य उन्, टाप, कापि अत-रत्वं । फलसहित अफलयुता लगाते हुए दसरो ओर भमि पर गिरते हैं। ३ वह दरी जो स्त्री। फलांगसे से की जाय। फलावन्ध्य (सं० पु० ) फलन अवन्ध्यः। फलयोग्य फलोगना (हिं० क्रि०) एक स्थानसे उछल कर दूसरे स्थान वृक्ष। पर जाया या गिरना। फलाम्ल (सक्लो०) फलमम्लं यस्य । १ वृक्षाम्ल, खट्टा फलांश ( हिं० पु. ) तात्पर्य, सारांश, असल मतलब। फल। २ अम्लवेतस, अम्लत। ३ विषावली, विषा- फला (म० स्त्री० ) १ झिझिरिष्टा क्ष प, झिझिरौटा। २ विल। शमी।३प्रियंगु। ४ इन्दीवर । फलाम्लपञ्चक ( स० क्लो०) अम्ल पञ्चक, बेर, अनार, विषा- फलागम (सपु० ) १ शरत्काल। २ फलके आनेका विल, अम्लवेत और विजौरा थे पांच खट्टे फल। काल। फलाम्लिक ( स० पु० ) एक प्रकारको इमलीकी चटनी। फलाट्या (सं० स्त्री०) फलेन आन्या सम्पन्ना । काष्ठकदली, | फलायोषित् ( स० स्त्रो०) पतङ्ग स्त्री, मादा फतिंगा। करकेला, जंगली केला। फलाराम (सं० पु०) फलका बगीचा। फलात्मिका ( स० स्त्री० ) कारवेली, करेली। फलारिष्ट (सं० पु० ) अभैरोगाधिकारमें अरिष्ट औषध फलादन ( स० पु० ) फलानामदनः भक्षकः वा फलानां विशेष । एक प्रकारका अरिष्ट जो बवासीरके रोगीको अदनं भक्षणं यसा।१ शुकपक्षी, तोता। (त्रि०)२ फल- दिया जाता है। भक्षक, फल खानेवाला। फलार्थिन् ( स० त्रि०) फल अर्थयते इति अर्थ-णिनि । फलादेश ( स० पु० : १ किसी वातका फल या परिणाम फलकामो, फलकी कामना करनेवाला। बतलाना, फल कहना । ३ जन्मकुण्डली आदि देख फलालीन (अं० पु०) एक प्रकारका ऊनी वस्त्र जो बहुत कर या और किसी प्रकार ग्रहों आदिका फल कहना। कोमल और ढोली ढाली बुनावटका होता है। फलाध्यक्ष ( स० क्लो० ) फलानामध्यक्षमिव । १राजा फलालुम्-दार्जिलिङ्ग जिलेके अन्तर्गत हिमालय पर्वतको दनवृक्ष, खिरनीका पेड़। २ फलदेनेवाला, ईश्वर । ३ सिंहलीला श्रेणीका एक शिखर । यह अक्षा० २७ १२ वह जो फलोंका मालिक हो। ३० उ० और देशा० ८८ ३ पू०के मध्य समुद्रपृष्ठसे फलाना ( अं० पु०) अमुक, कोई अनिश्चित । १२०४२ फुट ऊँचा है । दार्जिलिङ्गमें खड़ा हो कर देखनेसे फलानालु (सं० पु०) कन्दशाक । इस चूड़ाका बर्फावृत दृश्य अतीव मनोहर लगता है। फलानुवन्ध (संपु०) कम फलको प्रणाली। फलाशन (सं० पु०) फलमश्नातीति अश-ल्यु । शुकपक्षी, फलानेजीव ( पु.) जहाजका एक तिकोना पाल जो | तोता। (नि.) २ फलभक्षक, फलखानेवाला । आगेकी ओर होता है। फलाशिन् ( स० वि०) फलमश्नाति अश-णिनि । फल- फलान्त ( स० पु० ) फलेषु सत्सु अन्तो नाशो यस्य । १ भोजी, फल खानेवाला। वंश, बांस । फलस्य अन्तः ६-तत्। २फलका अन्स, फलासङ्ग ( स० पु. ) फलेषु आसङ्गः । फलासक्ति, वह शेष। | आसक्ति जो किसी कार्यके फल पर हो। फलान्न (सं० क्ली०) फलोपकरण कृतान्न । यह रुचिकर, फलासव (संपु०) चरकके अनुसार दाख, खजूर आदि गुरु और फलतुल्य गुणयुक्त माना गया है। (वैपकनि.) फलोंके आसव जो २६ प्रकारके होते हैं। २ वृक्षाम्ल। फलास्थि (सपु०) नारिकेल वृक्ष, नारियलका पेड़ ।