फस्द-फाफी
फस्द (अ० स्त्री० ) नसको छेद कर शरीरका दूषित रक्त फाँट ( हि स्त्री०) १ यथाक्रम कई भागोंमें बांटनेकी क्रिया
निकलनेकी क्रिया।
या भाव । २ दरया पड़ता जिसके अनुसार कोई बस्तु
फस्फोरस-फासफरस देखो।
वांटी जाय। ३ क्रमसे बांटा हुआ भाग, अलग अलग
फहम ( अ० स्त्री० ) शान, समझ, विवेक।
किये हुए कई भागोंमेंसे एक भाग। ४ ओषधिको गरम
फहमाइस (फा० स्त्री० ) १ शिक्षा, सीख । २ आज्ञा, पानीमें औटाना । ५ क्वाथ, काढ़ा आदिको पानीमें
औटाना, काढ़ा करना।
फहरना ( हिं० क्रि०) फहरानाका अकर्मकरूप, वायुमें फाँटना (हिं क्रि०) १ किसी वस्तुको कई भागोंमें बांटना,
उड़ाना।
विभाग करना । २ जड़ी बूटो आदिका पानीमें औटाना,
फहरान (हिं० स्त्री० ) फहरानेका भाव या क्रिया। काढ़ा करना।
फहराना (हिं क्रि०) १ उड़ाना, कोई चीज इस प्रकार फाँटबंदी (हिं स्त्री०) वह कागज जिसमें किसी गांवमें
खुली छोड़ देना जिसमें वह हवामें हिलने और उड़ने नामुकम्मल पट्टीदारों के हिस्सोंके अनुसार उस गांवकी
लगे। २ वायुमें पसरना, हवामें रह रह कर हिलना या आमदनी आदिकी बांट लिखी रहती है।
उड़ना।
फाँटा (हिं० पु० ) लोहे वा लकड़ीका वह झुका हुआ
फहरिस्त (हिं स्त्री० ) फेहरिस्त देखो।
खण्ड जो मिल कर कोण बनाती हुई दो वस्तुओंको पर-
फहश (अ० वि०) फूहड़, अश्तोल ।
| स्पर जकड़े रखनेके लिये जोड़ पर जड़ दिया जाता है,
फहीम कवि-एक भाषा-कवि। सम्बत् १५८०में इन्होंने कोनिया।
जन्मग्रहण किया था। ये अकबर बादशाहके वजीर थे। फाँड (हिं० पु० ) फांडा देखो।
इनके भाईका नाम अबुलफजल फैजी था । इनके किसो फाड़ा (हिं० पु० ) दुपट्टे या धोतीका कमरमें बंधा हुआ
प्रन्थका तो पता नहीं है परन्तु इनके कुछ मनोहर और हिस्सा।
शिक्षाप्रद दोहे पाये जाते हैं।
फाँद (हिं० स्त्री०) १ उछाल, उछलनेका भाव । २ चिड़िया
फांक (हिं० स्त्री० ) १ खण्ड, टुकड़ा। २ किसी फल- आदि फसानेका फंदा या जाल। ३ रस्सी, बाल, सूत
का एक सिरा, एक सिरेसे दूसरे सिरे तक काट कर आदिका घेरा जिसमें पड़ कर कोई वस्तु बंध जोय ।
अलग किया हुआ टुकड़ा। ३ किसी गोल या पिण्डा- कवियोंने इस शब्दको प्रायः पुलिंग ही माना है।
कार वस्तुका काटा या चीरा हुआ टुकड़ा, छरी, आरी फाँदना (हिं० क्रि०) १ झोंकके साथ शरीरको ऊपर उठा
आदिसे अलग किया हुआ खण्ड। ४ लकीरें जिनसे कर एक स्थानसे दूसरे स्थान पर जा पड़ना, कूदना । २
कोई गोल या पिण्डाकार वस्तु सीधे टुकड़ोंमें बरी नरपशुका मादा पर जोड़ खानेके लिये जाना। ३ उछल
दिखाई दे।
कर पार करना, कूद कर लांघना। ४ फदेमें डालना,
फोकड़ा (हि० वि०) १ तिरछा, बांका। २ हृष्टपुष्ट, फसाना ।
तगड़ा।
फोदा ( हिं० पु०) फंदा देखो।
फॉकना ( हि क्रि०) चूर, दाने या बुकनीके रूपकी वस्तु- फांदी ( हि स्त्री० ) १ वह रस्सी जिससे कई वस्तुओंको
को दूरसे मुंहमें डालना।
। एक साथ रख कर बांधते हैं, गट्ठा बांधनेको रस्सी । २
फांका (हि. पु. ) १ किसी वस्तुको दूरसे फेक कर गन्नोंका गट्ठा एकमें बंधे हुए बबुतसे गन्नोंका बोझ ।
मुहमें डालनेकी क्रिया या भाव। २ उतनी वस्तु जो फांफी (हि. स्त्री०) १ बहुत वारीक झिल्ली। २ दूधके
एक बार में फांको जाय।
ऊपर पड़ी हुई मलाईकी बहुत पतली तह। ३ पतली
फाँकी ( हि स्त्री० ) फांक देखो।
सफेद झिल्ली जो आंकी पुतली पर पड़ जाती है,
फाँग (हिं॰ स्त्री०) एक प्रकारका साग ।
जाला।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/८४
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