पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/८७

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फाफर-फारा होता है। नायक सरंदार ही इनके समाजके मालिक । २ उक्त तहसीलका प्रधान नगर। यह अक्षा० २६ हैं। जब कोई व्यभिचार वा उसी प्रकारका अन्य जघन्य ३६ उ० और देशा० ७६२८ पू० इटावा शहरसे ३६ मील पापाचरण करता है, तब उत्तप्त तेलके कड़ाहमेंसे पैसा दक्षिणपूर्व में अवस्थित है। जनसंख्या आठ हजारके निकाल कर उसे पापका प्रायश्चित्त करमा होता है। यदि | लगभग है। अंगरेजोंके अधिकारमें आनेके पहले यह हाथ न जले, तभी उसकी निष्कृति है। किन्तु यदि स्थान विशेष समृद्धशाली था। ध्वंसावशिष्ट मन्दिर, हाथ जले अथवा हाथ देनेसे इनकार करे तो उनकी जाति जलाशयादि और मसजिद् आदि जो इधर उधर पड़े हैं, च्युति होती है । इनका कदय स्वभाव जान कर पुलिसकी इसके पूर्व गौरवके निदर्शन हैं। १८५७ ई०के गदर में इन पर कड़ी नजर रहती है। यह नगर दो बार लूटा और जलाया गया था। शाह बीजापुरमें ये लोग अडविचिञ्चर चिनिवेत्कार नामसे | बुखारी नामक मुसलमान फकीर (जिनकी मृत्यु १५४६ पुकारे जाते हैं। धांगड़, कवलिगार और राजपूत नामक ईमें हुई) कनके पास प्रतिवर्ष मेला लगता है । यह एक इनके तीन स्वतन्त्र थाक हैं। किन्तु वे सब थाक बिल- स्कूल और अस्पताल है। कुल स्वतन्त्र हैं। कोई भी दूसरेको पुत्र-कन्याका फायदा (अ० पु.) १ लाभ, नफा । २ अच्छा फल, भला विवाह नहीं देता और एक साथ बैठ कर खाता ही है। परिणाम । ३ प्रयोजनसिद्धि, मतलव पूरा करना । ४ धांगड़ोंमें हाउकङ्कन और उणिकङ्कन नामक दो विभाग उत्तम प्रभाव, अच्छा असर। है। वे लोग आपसम खात आर आदान प्रदान करत फायदेमद (फा० पु० ) उपकारक, लाभदायक । हैं। राजपूतगण भी अपने दलमें विवाह नहीं करते हैं। फायर ( पु.) १ आग। २ फैर देखो। पुलिसकी इन पर कड़ी नजर रहती हैं। यह पहले फायरमैन ( अं०३०) वह कर्मचारी जी जिनमें कोयला ही कहा जा चुका है। जब कभी उनके साथ विवाद | झोंकनेका काम करता है। होता है, तब ये अपने पुत्र वा कन्याकी हत्या कर पुलिस- फाया (हिंपु०) फाहा देखो। m a . के विरुद्ध अदालतमें अभियोग लाते हैं। ब्राह्मणों के फारखती ( अं० स्त्री० ) वह कागज या लेख जो इस बात- प्रति इनकी भक्ति है। यल्लमा, तुलजा भवानी और का प्रमाण दे, कि किसीके जिम्मे जो कुछ था, वह अदा वेङ्कटेश आदि देवदेवियोंकी मूर्तिको ये लोग कपड़े में | हो गया, चुकती। लपेट रखते हैं। आश्विनमासकी शुक्ला नवमी ( महा- फारबिसगञ्ज-बिहार और उडीसाके पूर्णिया जिलान्त- नवमी )-को मूर्तिको बाहर निकाल कर पूजा करते हैं। गंत अररिया उपविभागका एक प्राम। यह अक्षा० २६ प्रति वर्ष दीवाली उपलक्षमें वे नववस्त्र-परिहिता स्त्रियों- १६ उ० तथा देशा० ८७ १६ पू०के मध्य विस्तृत है। को सतीत्वकी परीक्षा करते हैं। इस समय रमणी- जनसंख्या दो हजारसे ऊपर है। यहां पाट, अनाज कुलको निष्ठुर स्वामीके हाथमें पड़ कर उत्तप्त तेलमें आदिका विस्तृत कारबार होता है। पाटकी दो कलें भी उंगली डुबानी पड़ती है। इन लोगोंमें विधवा-विवाह | चलती हैं। यहां एक गुरुट्रेनिङ्ग स्कूल है।। प्रचलित है। जात बालककी कोई क्रिया नहीं है। लकड़ी फारम ( पु.) १ दरखास्त, बही खाते रसीद आदिके मिलने पर शवको जलाते हैं, नहीं तो जमीनमें, गाड़ नमूने जिनमें यह दिखाया रहता है कि कहां कौन बात लिखनी चाहिये। २ छापनेके बैठाए हुए उतने अक्षर फाफर (हिंपु०) कुल्टू, कूटू। कूटू टेखो। जितने एक तख्ता छापनेके लिये पूरे हों। ३ छपाईमें फाफा (हिं स्त्री० ) दांत गिर जानेसे 'फा फा' करके बोलनेवाली बुढ़िया, पोपली बुढ़िया। एक पूरा तख्ता जो एक बार एक साथ छापा जाता हो । फाफएड-युक्त प्रदेश के इटावा जिलान्तर्गत एक तहसील। फारस-पारस्य देखो। भूपरिमाण २२८ वर्गमील है। १८८३ ईमें यहां स्वतन्त्र फारसी (फा० स्त्री०) फारसदेशको भाषा। विचार अदालत स्थापित हुई। | फारा (हिं० पु०) १ फाल, कतरा। २ फाल देखो। Vol, xv. 21