पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/१३

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मकली। की लकड़ो। अड़ आ बैल-अतिओक ११ को उसका अण्डकोश कुचल देंगे। इसोको बधिया और उतना ही उत्तर-दक्षिण चौड़ा रहा। कहते हैं, करना कहते हैं। कि सन् ई० के ४थे शताब्दमें इसको जनसंख्या दो अँड आ-बैल (हिं० पु०) जो बैल बधिया न हो, लाखसे अधिक थी। इस नगरसे दो कोस बाहर सांड़। २ जिस मनुष्यका अण्डकोष बड़ा रहे। पश्चिममें डफनी नामक स्वर्णोद्यान रहा। उस बागमें अंड्वारी (हिं. स्त्री० ) एक प्रकारको बहुत छोटी नहर चारी ओर लहरें मारतो और पेड़ झमा करते, बीचमें पोथियन अपोलोका मन्दिर बना था। अंडेल (हिं० वि०) अण्डेवाली, जिसके पेटमें मन्दिरके बनवानेवाले १ले सलकस रहे। देवताको अण्डा रहे। मूर्ति भलो भांति सोनेपर खुदो थो। हेकेटका अंतघाई (हिं० वि०) विश्वासघाती, धोकेबाज । पुण्यागार डिवोल शियनने जमोनके नोचे खोदवाया अंतड़ो (हिं. स्त्रो०) आँत, नला। अन्च देखी। रहा। डफनोको सुन्दरता पाश्चात्य जगत्में प्रसिद्ध अंतरछाल (हिं. स्त्री०) छालके भीतरको कोमल थी। उसके कारण अंतिप्रोकका भी अच्छा नाम झिल्लो, जो मुलायम हिस्सा बकलेमें हो। हुआ। इस नगरको रम्यतापर कितने ही प्राचीन अंतरजाल (हिं० पु. ) कसरत करनेको एक प्रकार लेखकोंने बहुत कुछ लिखा है। १ले अन्तिोकस्के समय यह नगर पाश्चात्य अंतरा (हिं.) अन्तर देखो। सलकिदु साम्राज्यको राजधानी बना था। सन् अंतराना (हिं० क्रि०) १ अलग करना, पृथक् करना। ई०से २४० वर्ष पहले अविरा-युद्धके कारण इसका २ भीतर रखना। प्राधान्य बढ़ा। सल किदुका प्रभाव एशिया माइ- अंतरौटा (हिं० पु०) बारीक साडौके नीचे जो कपड़ा नरसे घटते ही परगामनका उपद्रव उठा था। उसके स्त्र पहनती हो। इससे साड़ी बारीक रहते भी शरीर बाद सलकर इस नगर में रहने लगे और इसे अपनी नहीं दिखाई देता। राजधानी बना लिया। यूनानियोंसे उस बातका अंतावरौ (हिं॰ स्त्रो० ) अंतड़ो, आँतका ढेर। कोई पता नहीं मिला, हालके रोमक लेखकोंने कुछ अंतिओक (Antioch) किसी प्राचीन यूनानी शहरका कुछ आभास दिया है। इसको यूनानी इमारतों में नाम। यूनानी-सम्राटों ने सोलह शहर इस नामपर सिर्फ किसौ नाट्यशालाका हो वर्णन पायें, जिसका बसाये और बारह शहरों का नाम बदलकर अंतिओक ध्वंसावशेष अब भी सिल्पियसको बग़ल में देखेंगे। रखा था। किन्तु ओरसटस् नदीके वाम तटका नगर यहां अच्छे अच्छे लेखक और शिल्पकार हो गये हैं। सबसे अच्छा रहा। सन् ई०से ३०० वर्ष पहले यूनानो फाटकपर बनो स्वर्णमूर्तिसे विदित होता, कि अंति- सम्राट् सलूकम् निकटरने इसे बसाया और सिरीया ओक बहुत ही भव्य नगर रहा ; किन्तु सोसनिक उप- प्रान्तका प्रकृत केन्द्र बनाया था। कहते हैं, कि सम्राट द्रवके कारण इसको मरम्मत सदा आवश्यक होती थी। सिकन्दरने यहां डेरा डाला और जियस बोटियसको सन् ई० से १४८ वर्ष पहले यहां बड़े वेगसे भूकम्म वेदी उठवा दी। इस नगरको प्रतिष्ठा अन्तिगोनस हुआ और लोगोंको अमित चति उठाना पड़ो। सन् कर गये थे, सलूकस्ने उसे पूरे उतारा। यह नगर ई०से १४७ और सिकन्दर बलल्से १२४ वर्ष पहले बनते अच्छे अच्छे ज्योतिषियोंसे मुहूर्त पूछा गया था। देमेत्रियस्के विरुद्ध प्रजाने हथियार फटकारा था। इसका नक्शा अलक्ज़न्दराके नमूनेपर खिंचा रहा। सकिद-वंशके अन्तिम विरोधमै अंतिओकको प्रजा नगरसे ऊंचे सिल्पियस् पहाड़पर किला खड़ा किया अपने निर्बल शासकोंसे खूब बिगड़ी रहो। सन् ई०से गया था। उसके बाद १ले अन्तिोकस्ने कोई महला ८३ वर्ष पहले अरमेनियाके टिगरेनोंको उसने इस बसाया। यह नगर कोई दो कोस पूर्व-पश्चिम लम्बा नगरपर अधिकार करनेको बुलाया, सन् ई०से ६५ वर्ष