पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/१८९

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रोशनी। १८२ अचिरत्विष्-अचीन अचिरत्विष (सं० स्त्री०) अचिरा अल्पकालस्थायिनी इसके अधिक काल स्वाधीन बने रहने की सम्भावना विट् प्रभा यस्याः । क्षणप्रभा ; विद्य त्, बिजली। अल्प ही है। हलाण्डवाले सम्प्रति इस राज्यको अचिरद्युति स० त्रि०) अचिरा अल्पकालस्थायिनी अधिकार करनेकी विशेष चेष्टा कर रहे हैं। द्युतिः प्रभा यस्याः। विद्युत्, बिजली। सुलतान सिकन्दर मुदाके राजत्वकालमें (सन् १६०७- अचिरप्रभा (सं० स्त्री०) अचिरा क्षणकालस्थायिनी १६३७ ई०) यह राज्य अतिशय प्रबल हो गया था। प्रभा यस्याः, बहुव्री। क्षणप्रभा ; विद्युत्, बिजली। नयाहीप, मलयके अन्तर्गत जोहर, पहाङ्, केदा अचिरभास् (सं० स्त्री०) अचिरा अल्पकालस्थायिनी एवं पराक राज्यने भी इसकी वश्यताको स्वीकार भाः प्रभा यस्याः । १ विद्युत्, बिजली। कर्मधा । किया। यह राज्य आयतनमें कोई १६,४०० वर्ग २ अल्पकालस्थायिनी प्रभा, थोड़ी देर ठहरनेवाली मौल है। लोकसंख्या कोई ३, २८,००० होगी। इस देशमें प्रचुर परिमाणसे चावल और मिर्च उत्पन्न अचिररोचिस् ( स० स्त्री०) अचिरं रोचिः दीप्ति होता है। पूर्वकाल में यहां रेशमका खूब काम यस्याः । १ विद्युत्, बिजली । कर्मधा० । २ अल्पकाल होता था, किन्तु आजकल इस व्यवसायको अवस्था स्थायिनी कान्ति, थोड़ी देर ठहरनेवाली चमक । नितान्त अवनत हो गई है। अचिरस्य (सं० अव्य० ) अल्पकालमें, थोड़ी देरमें ; अचौन बाणिज्यका एक सुविख्यात बन्दरगाह अचिरात्, फौरन् ; शीघ्र, जल्द । है। सन् १५८८ ई० में हलाण्डवाले पहले यहां अचिरांशु (सं. स्त्री०) अचिराः क्षणस्थायिनः बाणिज्यार्थ आये थे। अंगरेज़-बणिकोंने सन् १६०२ अंशवो यस्याः, बहुव्री। १ विद्युत्, बिजलो। ई० में यहां पहले पदार्पण किया। फ्रान्सीसियोंने कर्मधा० । २ क्षणस्थायी किरण, थोड़ी देर रहनेवाली भौ यहां व्यवसाय फैलनेको चेष्टा को थौ ; किन्तु देशीय बणिक् बीच-बीच इस आशङ्कासे गड़बड़ मचा अचिरात् स. अव्य.) शौघ्र, जल्द ; विना देते, कि पीछे स्वार्थको क्षति न होती। इसलिये विलम्ब, झट-पट। कोई भी जाति विशेष सुविधा पा न सकी। यहां अचिराभा (सं. स्त्री०) अचिरा आभा यस्याः। प्रचुर परिमाणसे स्वर्ण उत्पन्न होता है। अचौनवासो विद्युत्, बिजली। मलयजातिको अपेक्षा दीर्घ और सुश्रो हैं। अचिराय (सं० अव्य०) शीघ्र, जल्द । अचीन नगर इस राज्यको राजधानी है। यह अचिरेण (स० अव्य० ) शीघ्र, जल्द । एक क्षुद्र नदीपर समुद्रसे डेढ़ कोस दूर अवस्थित है। अचिवल-काश्मीरका एक बृहत् यामुरा नामक यहां एक आग्नेय-गिरि है। यह अचगान गांवके अत्यन्त सन्निकट है। पहले यहां पर्वत कोई ६००० फूट उच्च होगा। नर्तकी रहती थीं। सन् १७०० ई० में अचीनराज्यको अपरिमित रूपसे अचिष्णु (स० त्रि०) अच्-गतो-इष्णुच्। गमनशील, श्रीवृद्धि हुई थी। कहते हैं, कि राजाके पास सर्वदा जानवाला। हो ८०० हाथी रहते थे। अब भी इस देशमें बहुतसे अचौता (हिं० वि०) १ विना सोचा-समझा। हाथी हैं ; किन्तु हाथो पालनेको प्रथा प्रायः उठ गई २ आकस्मिक। ३ बेअन्दाज । है। अचीनवाले प्रथम स्वाधीन राजाके राजत्वकालको अचीन-सुमात्रा-दोपके उत्तर अंशका एक प्रतापशाली अवधिमें ही हलाण्डवालोंके साथ यहांके अधिवासि- खाधीन राज्य। इस होपके समस्त राजाओंने एक योंका विवाद होने लगा और जबतक मलक्का ..एक कर हलाण्डवालोंको अधीनताको स्वीकार किया बीपका पतन और हलाण्डवालोंके प्रतापका है। अचीन राज्य अद्यापि स्वाधीन है। किन्तु हास न हुआ, तबतक यह विवाद न मिटा । चमक। । जलोत्स। यह