पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२

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सङ्कताचर को विति।

प.-पर्व चं.-अंगरेजी भाषा डिं.-डिंगल भाषा भावप्र० -भावप्रकाश वि०-विशेषण १०-अरबो भाषा तत्-तत्पुरुष समास भादि० = भादिगणीय विश्व-महेश्वर-रचित भक० -अकर्मक तु-तुरको भाषा मनु०-मनुसंहिता विश्वप्रकाश अधर्व-अथर्ववेदसंहिता त्रि-विलिङ्गी मला-मलयालम भाषा व्या०-व्याकरण अदा०-अदादिगणीय दिवा-दिवादिगणीय माघ-माघक्वतशिशुपाल शकु०-अभिज्ञान-शकुन्तल अप० -अपश देश-देशज वध स०-समास अमर-अमरकोष नि-निदानस्थान माधवनि ०-माधवकरका- सं०-संस्कृत अहमा०-अई-मागधी निदान संगोतद..-संगीतदर्पण अव्य. अव्यय पर०-परस्मैपदी महीधर०-महीधरकत संयो०-संयोजक अव्यय अखचि-अश्वचिकित्सा पर्या–पर्याय वाजसनेय वा शुक्ल- सं०क्रि०-सयोजक क्रिया पात्म-आत्मनेपदी पा-पाणिनीय अष्टाध्यायी यजुर्वेदसंहिताभाष्य सं० पु०, सं० पु०-संस्कृत इब-इबरानी भाषा पु-पुराण रति०-रतिमञ्जरी पुंलिङ्ग ई०-ईस्वी पु०-पंलिङ्ग राजत० -करणको सम्पा०-सम्पादक 80 -उत्तरस्थान पु. हिं०-पुरानी हिन्दी राजतरङ्गिणी सर्व-सर्वनाम उण्-उणादिसूत्र पू. हिं०-पूर्वी हिन्दी राजनिघ-राजनिघण्टु साम०-सामवेदसंहिता उप-उपसर्ग प्रत्य०- -प्रत्यय रामा० कि०-रामायण स०व०८०सं०-सर्वदर्शन- उभ. -उभयलिङ्ग प्रा०-प्रातिशाख्य किष्किन्धाकाण्ड संग्रह ऋक्-ऋग्वेदसंहिताः प्राति -प्रातिशाख्य रुधा०-रुधादिगणीय सायण-सायणाचार्य-क्कत कर्मधा-कर्मधारय समास फा०-फरासी भाषा रघु-कालिदास-क्कत वेदभाष्य कात्या० -कात्यायन बहु०-बहुवचन रघुवंश सूर०-सूरदास कुमार-कुमारसम्भव बहुव्री-बहुव्रीहि समास ललितवि०-ललितविस्तर स्त्रि०-स्त्रियों द्वारा प्रयुक्त -क्रिया बुं०-बुंदेलखण्डो बाली लश.-लशकरी भाषा स्त्री-स्त्रीलिङ्ग। क्रि० वि०-क्रियाविशेषण ब्रह्मख०-ब्रह्मखण्ड (हिन्दुस्थानी जहाजियों हिं-हिन्दी भाषा गुज०-गुजराती-भाषा ब्रह्मवै०- -ब्रह्मवैवर्तपुराण को बोलो)। हिं०शब्दसा हिंशब्दसा-हिन्दी- गौ• वृ०-गौतमौय वृत्ति भट्टोजि०-भट्ठोजिदीक्षित भट्टोजि०-भट्ठोजिदीक्षित लै०-लैटिन भाषा शब्दसागर सुरा०-चुरादिगणीय भ० म.-भरत-मलिक : वाज०सं०-वाजसनेय- हेम-हेमचन्द्र-कृत न्यो-ज्योतिष वि०-भाववाचक संहिता अभिधान चिन्तामणि क्रि०-