पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२१५

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अजीगत–अजूबा २०६ अजीगत (स० पु०) अज्ये गमनाय गर्तमस्य । अधिक उत्पन्न होता, जहांसे बङ्गाल भेजा जाता है। १ सर्प, सांप। २ शुनःशेफके पिता। ऐतरेय-ब्राह्मणमें भारतके कितने ही बागों में इसकी विस्तर कृषि होतो दिखा है- है। इसके चूर्णसे भी अबौर बनता है। यह सुगन्धित, हरिश्चन्द्र नामक जनैक व्यक्ति निःसन्तान थे। उत्तेजक और वातघ्न है। पाकस्थलीको पुष्ट करने इसलिये उन्होंने वरुण देवसे इस वरकी प्रार्थना की, और चोट या मोचपर भी इसका प्रयोग किया कि देवप्रसादसे यदि उनके सन्तान उत्पन्न होती, जाता है। लोग मुहका खाद बनानेको इसे चबाते तो वह प्रथम पुत्र वरुणको वलि देते। हरिश्चन्द्रके ओर प्रसवके बाद कमजोर हो जानेसे शक्तिसञ्चारके सन्तान हुई, जिसका उन्होंने रोहित नाम रखा। लिये स्त्रियोंको खिलाते हैं। इसकी जड़ पौली पहले वलि देनेको प्रतिज्ञा हो चुकी थी, इसीसे हलदी जैसी होती और खानेसे कड़ लगती है। वरुणने सन्तानको उनसे मांगा। किन्तु हरिश्चन्द्र लोग इसका इत्र भी तैयार करते हैं। अपने पुत्रको मायामें ऐसे फंसे थे, कि वह उसे अजोर्णि (स'. स्त्री०) अजीर्ण, बदहज़मी। वलि दे न सके। रोहितने बड़े होनेपर वनको गमन अजौर्णिन्, अजीर्णी (सं० वि०) जिसके अजीर्ण हो किया। परन्तु वरुणका राग क्षान्त न हुआ, उन्होंने गया हो, बदहज़मौका बौमार। हरिश्चन्द्रको जराजीर्ण कर डाला। रोहितने यह अजीव ( त्रि०) नास्ति जीवो जीवनं यस्य । विचार, कि देवताका क्रुद्ध रहना अच्छा नहीं, एक १ मृत, अवसन्न ; मरा हुआ, ठण्डा । २ जीव अर्थात् शत धेनु दे अजीगत नामक किसी व्यक्तिसे उनके प्राणी भिन्न अन्य वस्तु, जानदारके सिवा दूसरी चीज़। पुत्र शुनःशेफको क्रय कर लिया। शुनःशेफ यूपकाष्ठ- अजीवत (स० त्रि०) १ मुर्दा। २ वेकार। से बांध दिये गये थे, केवल खङ्गाघातका ही विलम्ब अजीवन (सं० लो०) १ मौत। २ बैकारो। था। ऐसे ही समय विश्वामित्रके परामर्शसे उन्होंने अजीवनि (स. स्त्री०) न-जीव-अनि । आक्रोश नानिः । वरुण देवका स्तवकर मुक्ति पाई। पा ३३।११२। १ शाप, बद्दा । २ जीवनाभाव, मौत। अजीज (अ० वि०) १ प्रिय, प्यारा। (पु०) २ मित्र, अजीवित (सं० लो०) १ अनस्तित्व, नाहस्ती। दोस्त । ३ सम्बन्धी, रिश्तेदार। २ मृत्यु, मौत। अजौटन (अं० Adjutantका अपनश) सेनापतिका अजुगुत-अजगत देखो। कर्मचारी, अफ़सर फौजका मददगार अजुगुप्सित (सं० त्रि०) न गुप निन्दायाम-सन्-क्त । मुलाजिम । एडजूटेण्ट । अनिन्दित, जिसे कोई बुरा न कहे। अजीत-ताजा, खिला हुआ। अजुर, अजुर्य (वै० त्रि०) अज-कुरच्। वेगशील, अजीति (वै० स्त्री०) चिरवैभव, सदाबहारी। बलवान्; जोरदार, ताकतकर। अजीब (अ० वि०) अद्भुत, अनोखा । अजुष्ट (व.नि.) १ अभोग्य, भोग न करने योग्य । अजीरन-अजीर्ण देखो। २ असन्तोषप्रद, नागवार। अजीर्ण (सं० लो०) अपाक, अजुष्टि (वै० स्त्री०) अप्रसन्नता; नाखुशी। वायुगण्ड, अन्तर्वमि, पलताशय ; बदहजमी। अजू-अजी देखो। इस रोगका विवरण अग्निमान्दा, उदरामय, अतिसार और आमाशय | अजूजा (हिं° पु० ) बिज्ज -जैसा मुर्दाखोर जानवर, शब्दमें देखो। वह पशु जो बिज्ज तुल्य होता और मृतशरीरको अजीर्णकण्टकरस (सं० पु.) अजीर्णपर दिया भोजन करता है। जानेवाला एक औषध। अजूबा (अ० वि०) १ अनोखा, अद्भुत। (पु.) अजीणंजरण (सं० पु०) कर्नूर, कचूर। यह चट्टग्राममें २ विचित्र वस्तु, निरालौ चौज.। सहायक अजित देखी। न-जृय्क्त भावे।