पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२२६

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अटकन-बटकन-अटरुष विपर्यय पड़ना।

२भयङ्कर, दूसरा-सिख-युद्ध समाप्त होनेपर इसका अधिकार अटपट (हिं० वि०) १ वक्र, टेढ़ा। पाया है। जिससे डर हो। ३ दुस्तर, मुश्किल । ४ गूढ़, छिपा । अटकन-बटकन (हिं. पु.) एक प्रकारका खेल, ५ गहन, गहरा। ६ अद्भुत, अनोखा। १ इधर-उधर होना, क्रीडाविशेष। हिन्दुस्थानी लड़के इस खेलमें निम्न- अटपटाना (हिं० क्रि०) लिखित वाक्य कहते और एक-एक शब्दपर एक-एक २ सकुचाना, निःसाहस रहना। लड़के की ओर सङ्केत करते जाते हैं ; जिस लड़केपर अटपटी (हिं० वि०) १ इधर-उधरकी, विपर्यस्त । उचक्का शब्द जाकर पड़ता, वही चोर समझा जाता २ सङ्कोच-भरी, सङ्कुचित । और उसीको दांव देना पता है,- अटपाडी-बम्बई प्रान्तके औंध राज्यका एक नगर। इसको लोकसंख्या कोई साढ़े पांच हजार होगी। "अड़ङ्ग भाड़ जड़ी जवरङ्ग निहाल कोट धरै धर काना। सिरकी चद्दर लेब मुरद्दर, पान फल चोर शाह उचक्का ।" धांगड़ोंसे पाले, अपने खीलर देश- अटकना (हिं. क्रि०) १ चलते-चलते रुक जाना। वाले पशुओंके लिये प्रसिद्ध है। कराढ़-पण्ढरपुर २ ठहरना। ३ प्रीति लगाना, इश्क करना। और कराढ़-नगरको राहमें अवस्थित होनेके कारण ४ झगड़ा मचाना, विवाद बढ़ाना। पण्ढरपुरके यात्री यहां अधिक आते हैं। इस स्थान- अटकर, अटकल (हिं. स्त्री०) अन्दाज, अनुमान । से कोई छः कोस दूर खरसुन्दौमें नाथका सुप्रसिद्ध अटकलपच्च (हिं० वि०) आनुमानिक, अन्दाजी। मन्दिर है, जहां वर्षमें दो बार मवेशियोंका मेला (पु०) २ अनुमान, अन्दाज़। (क्रि० वि०) ३ आनु लगता और प्रायः यात्री पहुंचा करते हैं। यहांस मानिक रूपसे, अन्दाजन । देशी कम्बल और मोटा कपड़ा कोङ्गणमें भेजा जाता अटका (हिं. पु.) १ वह भात जो जगनाथजीको है। इसमें डाकघर, दवाखाना और अंगरजीका समर्पण किया और सुखाकर दूसरे देशोंको प्रसाद छोटा स्कूल बना है। स्वरूप पहुंचाया जाता है। (वि०) २ रुका, ठहरा। अटब्बर (हिं० पु०) १ दिखाव, आडम्बर। २ अभि- अटकाना (हिं. क्रि०) १ गतिरोध करना, रोकना। मान, घमण्ड। ३ वंश, घराना। २ संयुक्त करना, लगाना। ३ झमेलमें डालना, अटमाब (सं० त्रि०) इधर-उधर घूमनेवाला। फांसना। ४ उठा रखना, मुलतवी करना। अटरनी (अं० Attorney.) मुख़्तार, मध्यस्थ, प्रतिनिधि। अटकाव (हिं० पु०) ठहराव, प्रतिबन्ध । अटरुष, अटरूष, अटरूषक (सं० पु०) अटे गमन- अंटखट (हिं० वि०) खराब, वाहियात ; छिन्न काले अरूषः सूर्य इव दृश्यते शुभ्रवर्णत्वात्। वासक भिन्न, टूटा-फूटा। वृक्ष, जगमोहन, अरूसा। अटखेली (हिं० स्त्री०) १ खेल-कूद, क्रीड़ा-कौतुक । यह छोटी झाड़ी बङ्गाल और हिमालयको २ मन्दगति, झूमतो चाल। तराईमें प्रायः उत्पन्न होती है। इसकी पत्तियां अटन (सं० लो०) अट-ल्युट भावे। १ गमन, उबालकर लोग मोटे कपड़ेको पौला रंगते हैं। रवानगी। २ भ्रमण, हवाखोरो। नौलके साथ इसे मिलानेसे हरा-बैंजनी रङ्ग बनता अटना (हिं० क्रि.) १ भ्रमण करना, घूमना, राह है। आसामके नाग इसे गांवोंके पास छायाके लिये चलना, यात्रापर जाना। २ पूर्ण होना, यथेष्ट लगाते हैं। इसकी जड़ और पत्ती अदरकके साथ निकलना। ३ रोकना, छिपाना। खांसी में दी जाती है। क्षयरोगका यह अनोखा महोषध अटनि, अटनी (सं० स्त्री०) अट-अनि, पक्षे डोप् । है। इसका फूल और फल कडू और खुशब दार धनुषका अग्रभाग, जहां गुण बंधता है, कमानका होता है। आंखें उठनेसे इसके ताजे फूल उनपर अगला हिस्सा, जहां रोदा चढ़ाया जाता है। बांधे जाते हैं। पत्ती पशुको भी औषधस्वरूप