पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२२८

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फैली है। हर्म्य ; कः प्रकाशो १ जोरसे २२२ अटेरन-अट्टालिका अटेरन (हिं० पु.) १ यन्त्रविशेष, ओयना। यह सौ वर्ग कोस है, और यह पश्चिमघाट पहाड़से पीछे यन्त्र सूतकी आँटी तय्यार करनेको लकड़ीका पड़ो, और कुण्डेसे दक्षिण-पश्चिम पालघाटकी घाटीतक बनाया जाता है। २ घोड़ा फेरनेका एक तरीक। इस उपत्यकामें भवानो नदीका स्रोत ३ कुश्तीका एक दांव। और चारो ओर घना जङ्गल है। सारे वर्ष यहां अटेरना (हिं. क्रि०) १ सूतको पोनी या ऑटो मलेरियाका प्रकोप बना रहता है। तय्यार करना। २ नशेसे चकनाचूर होना। अदृस्थली (स. स्त्री०) अट्ट प्रधाना स्थली, शाक- अटोक (हि. वि.) निषेधरहित, जिसकी रोक- तत्। १ प्रासाद-विशेष, एक प्रकारका महल। टोक न हो। २ देश-विशेष, एक मुल्क । अटम्बर (हिं. पु.) ढेर, राशि, जखीरा। अट्टहसित (सं० लो०) ऊंची हंसी। अट्ट–अतिक्रम, हिंसा। भ्वा०, आ०, सक० सेट् । अट्टहास (सं० पु.) अट्ट-हस्-घञ्; अन अतिशयन २ अनादर । चु०, पर०; सक० सेट् । हासः, ३-तत् । उच्च हास, ऊंची हंसी; खिल- अट्ट (सं० पु.) अट्ट-घञ् आधारे ; अट्टयति न खिलाहट, कहकहा। २ बर्द्धमान जि लेके अन्तर्गत आद्रियते अन्यत् यत्र। १ पट्टवस्त्र, क्षौम । २ प्रासाद, देवताका पीठस्थान-विशेष । महल। ३ प्रासादका उपरिस्थित गृह, अट्टहासक (सं० पु.) अट्टहास इव महलके ऊपरका मकान । ४ प्राचौरका उपरिस्थित दीप्तिर्यस्य । हंसनेवाला, कह-कहा सैन्यग्रह, चहारदीवारीके ऊपरका किला। ५हाट, लगानेवाला । २ कुन्द वृक्ष । ३ मोगरा। बाजार। ६ अब, अनाज । ७ भक्त, ईश्वरको सेवा यह झाड़ी बड़ी और पत्तीसे भरी होती है। करनेवाला। (वि.) ८ उच्च, ऊंचा। ८ अतिशय, ब्रह्म और चीनमें भी इसका विस्तार देख पड़ता है। बहुत ज्यादा । १० शुष्क, सूखा। प्रायः बागों में इसे बो देते हैं। इसकी सूखी पत्ती अट्ट भक्त चतुष्क ना क्षौमेऽत्यर्थे ग्टहान्तरे । ( मेदिनी) पानी में भिगोते और उसका पुलटिस बनाकर अट्टक (सं० पु.) छतका कमरा । नासूरपर बांधते हैं। इसको जड़ सांपके काटनेका अट्ट (सं० अव्य०) अट्ट अनादरे, अट्ट-अट्ट । प्रकार गुण पक्का जहर-मोहरा है। पा ८१।१२। अत्युच्च होकर, निहायत बुलन्दीसे। अट्टहासिन् (सं० पु०) अ उच्च: हसति, हस्- बहुत ऊंचे स्वरमें। णिनि। शिव । अट्टहास (स'• पु०) अत्युच्च हास्य, बड़े जोरको अट्टहास्य (सं० क्लो०) ऊंची हंसी। हंसी। कहकहा। अट्टा (हिं० पु०) १ मञ्च, मचान। २ अटारी। अट्टन (स. क्लो०) अट्ट-ल्वट करणे, अद्यते अना अट्टा (सं० पु.) १ अत्युच्च, निहायत ऊंचापन । द्रियते रिपुरनेन। १ चक्रफलकास्त्र, पहिये जैसे २ सर्वोत्कर्ष, सबसे बड़प्पन । ३ अनादराधिक्य, फलक (पृष्ठ) वाला हथियार, ढाल । अधिक अनादर करना। २ अनादर, बेइज्जती। अट्टाहास्य (सं० लो०) ऊंचौ हंसी। अट्टनगर-अयोध्या प्रदेशका एक शहर । यह लखनऊसे अट्टाल, अट्टालक (सं० पु०) अट्ट इव प्रासाद इव अलति साढ़े बत्तीस कोस दक्षिणपूर्वमें एक नदी किनारे पर्याप्तो भवति, अल-अच्-कन् स्वार्थे । प्रासादो- अवस्थित है। यहांक अधिवासी युद्धकुशल और परिस्थ ग्रह, महलके ऊपरका मकान । परिश्रमी होते हैं। अट्टालिका (स० स्त्रीया) : अट्टालिक-टाप् । १ प्रासाद, अट्टपाडौ-मन्द्राजके मलवर जिलेवाले वलवनाड महल। २ राजग्रह, शाही इमारत। ३ इष्टकादि तालुकको एक उपत्यका। इसका विस्तार कोई सवा निर्मित गृह, पक्का मकान। - वचनख। भावे ल्युट ।