पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२२९

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अट्टालिकाकार-अठवास २२३ अट्टालिकाकार (सं० पु०) अट्टालिकां करोति रच अठ-गति । भ्वा०, पर०, सक० सेट् । यति, क-अण; उप-स० । अट्टालिकादि निर्माण- अठ ( अठि)-गति । इदित् । भ्वा०, आ०, सक० सेट् । कारक, महल वगैरह बनानेवाला। राज। स्थपति। अठ (हिं० वि०) आठ, अष्ट । ८। शूद्राके गर्भ और चित्रकारके औरससे इस जातिका अठइसी (हिं० स्त्रो०) एक सौ चालीसको संख्या, जन्म है। ब्रह्मवैवर्त पुराणमें लिखा है, कि जारिणौ १४। इसका व्यवहार फलोंके लेन-देनमें होता, किंवा शूद्राके गर्भ एवं चित्रकारके औरसमें अट्टालिका यह सैकड़े के समान समझी जाती है। कारोंकी उत्पत्ति हुई है, इसी जार दोषके कारण अठकौंसल (हिं० स्त्री०) १ सभा, पञ्चायत । २ मश- यह पतित होते हैं,- विरा, मन्त्रणा। "कुल्टायाच शूद्रायां चिवकारस्य वीर्यतः । अठखलपन (हिं० पु.) १ खेल-कूद, दौड़-धूप। वभूवाट्टालिकाकारः पतिती जारदोषतः ।" (ब्रह्मवै० ब्रह्मख०) २ नटखटी, शरारत। आजकल हिन्दुस्थानमें मुसलमान, खटिक, अठखेलौ-अटखेली देखो। कोरी, चमार, काछी, लोध प्रभृति अनेक जातियोंके अठत्तर (हिं० वि०) सात दहाई और आठ इकाई लोग अट्टालिकाको निर्माण करते हैं। यानी सत्तर और आठ, अष्टसप्तति । ७८ । अट्टालिकाबन्ध (सं० पु. ) आधारविशेष, एक अठन्नी (हिं. स्त्री०) आठ आनेवाला चांदीका तरहको नौव, डाट । सिक्का। आधा रुपया। अटिलिका (स. स्त्री० ) एक नगरका नाम, एक अठपतिया (हिं० वि०) १ आठ पत्तोंकी, अष्ट- शहरका इस्म । (राजत० ८५८३) पविका। (स्त्री०) २ एक प्रकारको चित्रकारी; अट्टी (हिं० स्त्री०) लच्छो, अटेरनमें लगा धागा। एक तरहको नक्काशी, जिसमें आठ फूल काढ़े अटणार (स० पु०) कोशलदेशके एक राजा। जाते हैं। अध्या (सं० स्त्री०) अट्ट-यत्-टाप, स्त्रीत्वात्। अठपहला, अठपहलू (हिं० वि०) आठ पहलूवाला, परिभ्रमण, पर्यटन ; घूमना-फिरना, टहल-पहल । अष्टपटल ; अष्टपार्श्वयुक्त, जिसमें आठ कोने हों। अट्ठा (हिं. पु०) ताशका आठवां पत्ता। अठपाव (हिं. पु.) गड़बड़, उपद्रव, हलचल। अट्ठाइस, अट्ठाईस (हिं० वि०) वह संख्या जो दो अठबन्ना (हिं० पु० ) तानेके सूतको लपेटनेका बांस। दहाई और आठ इकाई यानी बौस और आठ मिल- अठमासा (हिं० वि०) १ अष्ट मासका, कर बनती है, अष्टाविंशति। २८ । महीनेवाला। (पु.) २ माघसे आषाढ़ तक जोता अट्ठाइसवां, अट्ठाईसवां (हिं० वि०) अट्ठाईस संख्यावाला। जानेवाला खेत, जिसमें ऊख लगाई जाये। अट्ठानवे (हिं० वि०) नौ दहाई और आठ इकाई अठमासी (हिं० वि०) १ आठ मासेवाली, जिसका यानी नव्वे और आठसे मिलकर बनी संख्या, अष्टा. वज़न आठ मासे हो। (स्त्री०) २ मोहर, गिन्नी। अठलाना (हिं० क्रि०) खेलना-कूदना, क्रौड़ा-कौतुक अट्ठानवेवां (हिं० वि०) अट्ठानवे संख्याका। करना। २ अभिमानको प्रकाश करना, इतराना। अट्ठावन (हिं० वि०) पचास और आठसे बनी हुई ३ चोचले बघारना, नखरे दिखाना। मतवाले बनना, संख्या, अष्टपञ्चाशत् । ५८ । नशेमें चूर होना। ५ अनसुनी बरतना। अट्ठावनवां (हिं० वि०) अट्ठावन संख्याका । अठवना. (हिं. क्रि०) १ इकट्टा होना। २ ठनना। अट्ठासिवां (हिं.वि.) अट्ठासी संख्याका। अठवास (हिं० पु.) १ अष्टपाच ट्रव्य । २ अष्टकोण अट्ठासौ (वि.) आठ दहाई और आठ इकाई प्रस्तरखण्ड, अठकोने पत्थरका टुकड़ा। (वि.) यानो अस्सी और आठसे बनी संख्या। ८८। ३ अष्टकोण, अठकोना। आठ .... नवति ।