पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२४५

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अण्ड ... १५.० हंस अण्डा देना आरम्भ करनेपर एकादिक्रमसे कोई पार्थिव द्रव्यमें यह कई पदार्थ मिले हैं,- पन्द्रह-सोलह दिन अण्डे देते हैं। छोटी जातिवाले फस्फेट, चूना, पोटाश, मेग्नेशिया और लोहा। कितने ही पक्षियोंके एकबारमें अट्ठारह अण्डे होते अण्डेका फूल और भी अधिक बलकारक हैं। शुतुरमुर्गका (Ostrich) अण्डा सबसे बड़ा द्रव्योंसे बना है। इसमें यह कई चीजें होती हैं,- सचराचर कोई एक फुट लम्बा हुआ करता है। जल ५१५ इसका ढक्कन बहुत ही कड़ा रहता है। अफ्रीकाके केजिन् और अलबूमन असभ्य लोग इसका जलपात्र बना पानी पीते हैं। तेल और मैद साधारणतः पक्षी वसन्त और ग्रीष्म ऋतुके बीच दो पिग्मेण्ट इत्यादि बार अण्डे देते हैं। सिर्फ, कबूतर, राजहंस, गरगवा पार्थिव पदार्थ १४ प्रभृति कोई-कोई पक्षी इस नियमसे बाहर हैं। अण्डेके भीतरका पीला फूल हो बच्चा है, जो पक्षीके अण्डे में चार चीजें होती हैं। यानी, सफेद लार खाकर जीता और हृष्ट-पुष्ट भी होता है। १ ढक्कन, २ झिल्लो-जैसा चमड़ा, ३ सफेद लार, गर्भके भीतर मनुष्य और गो, बकरे, शृगाल, कुत्ते ४ कुसुम। प्रभृतिको सन्तान और पक्षीके अण्डे का बच्चा जब ऊपरके ढक्कनका रासायनिक उपादान सैकड़े बढ़ा करता है, तब उसकी आकृति देख यह सुहजमें पीछे इस हिसाबसे रहता है- पहचाना नहीं जा सकता, कि कौन मनुष्यको सन्तान कार्बनेट अव लाइम और कौन पशु और पक्षीका बच्चा है। नीचे तीन फस्फेट अव लाइम और मैग्नेशिया चित्र दिये गये हैं। इनमें एक मनुष्य, एक कुत्ते गन्धक और जान्तव पदार्थ और भ्रूण का चित्र है। तीनो आकृतियों में ढक्कनके भीतर लिपटे हुए झिल्ली-जैसे चमड़ेका परस्पर इतना सादृश्य वर्तमान है, कि इनका प्रभेद रासायनिक उपादान सैकड़े पीछे यह है, समझ लेना कठिन जान पड़ता है। वैज्ञानिक कारबन डार्विन साहबने ऐसे कितने ही प्रत्यक्ष कारण दिखा नाइट्रोजन १६८ स्थिर किया था, कि क्रमोनति द्वारा छोटे जीवसे बड़ा हाइड्रोजन जीव उत्पन्न होता और बन्दरसे मनुष्य बनताहै। गन्धक और अक्षिजन हंसके एक-एक अण्डेका वजन कोई पांच सौ रत्तौ होता है। इसमें ढक्कन पचास रत्ती, सफेद लार तीन सौ पांच रत्तो और कुसुम यानी फूल एक सौ पैंतालीस रत्ती रहता है। सचराचर कच्चा अण्डा वजनमें कोई एक छटांक होता; पकानेसे उसका कितना ही भार कम पड़ जाता है। अण्डेका फूल अछमें बीज। सफेद लारके साथ दो रस्मो-जैसे पदार्थो से बंधा रहता क-पक्षी। १-कुत्ता। -मनुष्य ।। है। सफेद लारमें सैकड़े पीछे यह कई पदार्थ होते हैं प्राणी और उद्भिद्को तरह अण्डा भी निखास- 'जल ८४८ प्रश्वास लेता है। निश्वासके साथ वह अक्षिजेन अलबूमेन १२. खींचता और प्रश्वासके साथ हाइड्रोजन और मेद, शक्कर इत्यादि कारबन छोड़ता है। अण्डे के ढक्कनमें छोटे-छोटे छेद १२. होते हैं, उन्हीं छिद्रों द्वारा खास-प्रश्वास-क्रिया को एक पक्षीके ... ... पार्थिव द्रव्य